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कांग्रेस के बाद अब राजद की भी टेढ़ी नजर, महागठबंधन में 07 से अधिक विधानसभा सीट पर मानेगा आरजेडी! - Jharkhand Assembly seat sharing - JHARKHAND ASSEMBLY SEAT SHARING

Seat sharing claims started among parties of India Alliance. झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां शुरू हो गयी है. इसके साथ ही इंडिया गठबंधन दलों में सीट शेयरिंग को लेकर अभी से किचकिच शुरू हो गयी है. कांग्रेस के बाद अब राजद ने 36 सीटों पर अपनी दावेदारी ठोक दी है.

RJD staked claim on 36 seats for Jharkhand assembly elections
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 16, 2024, 5:39 PM IST

रांचीः लोकसभा चुनाव 2024 समाप्त होने के बाद अब झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां शुरू कर दी है. दूसरी ओर महागठबंधन के दलों के बीच सीट शेयरिंग के लिए दावेदारी का दौर शुरू हो गयी है. राजद के दिग्गज लोकसभा चुनाव में एक भी विधानसभा सीट पर भले ही इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को लीड नहीं दिलवा पाए. फिर भी कांग्रेस के बाद इस बार राजद महागठबंधन में 07 से अधिक विधानसभा सीट लेकर ही मानेगा.

विधानसभा सीट शेयरिंग पर राजद और झामुमो नेता के बयान (ETV Bharat)

एक तरफ झारखंड कांग्रेस ने 33 सीटों पर दावेदारी ठोक दी है. वहीं झामुमो की भी दबी इच्छा इस बार 45 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने की है. इसके बाद अब राजद ने भी 81 विधानसभा सीट पर चुनावी तैयारी शुरू करने का निर्देश पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को दे दी है. पार्टी के प्रदेश महासचिव कैलाश यादव ने कहा कि 36 विधानसभा सीट पर राजद ने अपनी दावेदारी कर दी है.

झारखंड राजद की ज्यादा से ज्यादा विधानसभा सीट पर उम्मीदवार खड़ा करने की है. ये महत्वाकांक्षा तब हिलोरें मार रही हैं जब लोकसभा चुनाव में राजद का कोई भी कद्दावर नेता अपनी-अपनी विधानसभा क्षेत्र में राजद या सहयोगी दलों के उम्मीदवार को लीड नहीं दिलवा सके. राजद के एक भी ऐसा नेता नहीं जो सीना ठोक कर यह कहने की स्थिति में है कि उसने अपने विधानसभा क्षेत्र में राजद या इंडिया गठबंधन के अन्य उम्मीदवारों को लीड दिलाई है.

राष्ट्रीय जनता दल झारखंड प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव से लेकर चंपाई सरकार में मंत्री सत्यानंद भोक्ता भी इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में लीड नहीं दिलवी सके. वहीं राजद के झारखंड प्रधान महासचिव संजय प्रसाद यादव से लेकर पूर्व मंत्री सुरेश पासवान भी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवारों को लीड नहीं दिलवा सके. इसके बावजूद पार्टी के प्रदेश महासचिव कहते हैं कि लोकसभा और विधानसभा की परिस्थितियां अलग-अलग होती है, इसका ख्याल सबको रखना चाहिए.

ओबीसी समाज के सबसे बड़े नेता लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी की झारखंड में है लोकप्रियता

झारखंड विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी के पक्ष में कैलाश यादव ने कहा कि हमारा वोट राज्य के हर जिला में हैं. हमारे नेता तेजस्वी यादव की लोकप्रियता इस बार के लोकसभा चुनाव में दिखा और राज्य के अलग-अलग लोकसभा सीट पर उनकी चुनावी सभाएं हुई. राजद नेता ने कहा कि उनके नेता लालू प्रसाद ओबीसी, माइनॉरिटीज और दबे वंचित समाज के सबसे बड़े नेता हैं. राज्य में राजद का अपना जनाधार रहा है इसलिए पार्टी अब 81 विधानसभा सीट पर तैयारी कर रही है.

राजद नेता कैलाश यादव ने कहा कि वर्ष 2019 में महागठबंधन में भले ही हम सिर्फ 07 सीटों पर लड़े हों लेकिन इस बार हम अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य की तीन दर्जन सीट पर राजद ने अपनी दावेदारी की लकीर खींच दी है.

सभी सहयोगी दल 81 विधानसभा सीट पर करें तैयारी, इसका फायदा महागठबंधन को ही मिलेगा

झारखंड में राजद की भी अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की महत्वाकांक्षा और 81 विधानसभा सीट पर तैयारी के सवाल पर झामुमो ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि महागठबंधन के सभी दलों को सभी विधानसभा सीट पर तैयारी करना चाहिए क्योंकि इसका लाभ सभी सहयोगी दलों को मिलता है.

2019 विधानसभा चुनाव में सिर्फ 07 सीट मिला था राजद को

2019 में झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में महागठबंधन बनाकर झामुमो, राजद और कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था. उस समय झामुमो को महागठबंधन में 43 सीट, कांग्रेस 31 और राजद को 07 सीटें मिली थीं. अब इन तीनों दलों में सीट शेयरिंग के इसी फॉर्मूले से खुद को आगे बढ़ाने के लिए एक रणनीति के बयानबाजी तेज हुई है.

इसे भी पढ़ें- मांडू और पोड़ैयाहाट, महागठबंधन में पैदा न कर दे खटास! जानें, क्या है सियासी समीकरण - Jharkhand Assembly Seats

इसे भी पढ़ें- चिंताजनकः मुख्यमंत्री सहित सरकार के ये सात मंत्री अपने ही विधानसभा क्षेत्र में नहीं दिला पाए इंडिया गठबंधन उम्मीदवार को लीड! - Results of Lok Sabha election

इसे भी पढ़ें- झारखंड कांग्रेस में अंतर्कलहः लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद नेतृत्व परिवर्तन की उठी मांग! - Jharkhand Congress Inner Politics

रांचीः लोकसभा चुनाव 2024 समाप्त होने के बाद अब झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां शुरू कर दी है. दूसरी ओर महागठबंधन के दलों के बीच सीट शेयरिंग के लिए दावेदारी का दौर शुरू हो गयी है. राजद के दिग्गज लोकसभा चुनाव में एक भी विधानसभा सीट पर भले ही इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को लीड नहीं दिलवा पाए. फिर भी कांग्रेस के बाद इस बार राजद महागठबंधन में 07 से अधिक विधानसभा सीट लेकर ही मानेगा.

विधानसभा सीट शेयरिंग पर राजद और झामुमो नेता के बयान (ETV Bharat)

एक तरफ झारखंड कांग्रेस ने 33 सीटों पर दावेदारी ठोक दी है. वहीं झामुमो की भी दबी इच्छा इस बार 45 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने की है. इसके बाद अब राजद ने भी 81 विधानसभा सीट पर चुनावी तैयारी शुरू करने का निर्देश पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को दे दी है. पार्टी के प्रदेश महासचिव कैलाश यादव ने कहा कि 36 विधानसभा सीट पर राजद ने अपनी दावेदारी कर दी है.

झारखंड राजद की ज्यादा से ज्यादा विधानसभा सीट पर उम्मीदवार खड़ा करने की है. ये महत्वाकांक्षा तब हिलोरें मार रही हैं जब लोकसभा चुनाव में राजद का कोई भी कद्दावर नेता अपनी-अपनी विधानसभा क्षेत्र में राजद या सहयोगी दलों के उम्मीदवार को लीड नहीं दिलवा सके. राजद के एक भी ऐसा नेता नहीं जो सीना ठोक कर यह कहने की स्थिति में है कि उसने अपने विधानसभा क्षेत्र में राजद या इंडिया गठबंधन के अन्य उम्मीदवारों को लीड दिलाई है.

राष्ट्रीय जनता दल झारखंड प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव से लेकर चंपाई सरकार में मंत्री सत्यानंद भोक्ता भी इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में लीड नहीं दिलवी सके. वहीं राजद के झारखंड प्रधान महासचिव संजय प्रसाद यादव से लेकर पूर्व मंत्री सुरेश पासवान भी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवारों को लीड नहीं दिलवा सके. इसके बावजूद पार्टी के प्रदेश महासचिव कहते हैं कि लोकसभा और विधानसभा की परिस्थितियां अलग-अलग होती है, इसका ख्याल सबको रखना चाहिए.

ओबीसी समाज के सबसे बड़े नेता लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी की झारखंड में है लोकप्रियता

झारखंड विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी के पक्ष में कैलाश यादव ने कहा कि हमारा वोट राज्य के हर जिला में हैं. हमारे नेता तेजस्वी यादव की लोकप्रियता इस बार के लोकसभा चुनाव में दिखा और राज्य के अलग-अलग लोकसभा सीट पर उनकी चुनावी सभाएं हुई. राजद नेता ने कहा कि उनके नेता लालू प्रसाद ओबीसी, माइनॉरिटीज और दबे वंचित समाज के सबसे बड़े नेता हैं. राज्य में राजद का अपना जनाधार रहा है इसलिए पार्टी अब 81 विधानसभा सीट पर तैयारी कर रही है.

राजद नेता कैलाश यादव ने कहा कि वर्ष 2019 में महागठबंधन में भले ही हम सिर्फ 07 सीटों पर लड़े हों लेकिन इस बार हम अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य की तीन दर्जन सीट पर राजद ने अपनी दावेदारी की लकीर खींच दी है.

सभी सहयोगी दल 81 विधानसभा सीट पर करें तैयारी, इसका फायदा महागठबंधन को ही मिलेगा

झारखंड में राजद की भी अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की महत्वाकांक्षा और 81 विधानसभा सीट पर तैयारी के सवाल पर झामुमो ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि महागठबंधन के सभी दलों को सभी विधानसभा सीट पर तैयारी करना चाहिए क्योंकि इसका लाभ सभी सहयोगी दलों को मिलता है.

2019 विधानसभा चुनाव में सिर्फ 07 सीट मिला था राजद को

2019 में झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में महागठबंधन बनाकर झामुमो, राजद और कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था. उस समय झामुमो को महागठबंधन में 43 सीट, कांग्रेस 31 और राजद को 07 सीटें मिली थीं. अब इन तीनों दलों में सीट शेयरिंग के इसी फॉर्मूले से खुद को आगे बढ़ाने के लिए एक रणनीति के बयानबाजी तेज हुई है.

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