पटना : शराब को लेकर राजद द्वारा जदयू को 'जहां दारू अनलिमिटेड' नाम का सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया, इसके बाद से जदयू और राजद के बीच पार्टी के नाम को लेकर जुबानी जंग शुरू हो गई है. राजद के पोस्ट के बाद जेडीयू ने भी आरजेडी का नया नामकरण किया है.
'तंगो तबाह हो जाएंगे' : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने आरजेडी को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि नामकरण करते हैं तो तंगो तबाह हो जाएंगे. नीरज कुमार ने कहा है कि इतिहास गवाह है नामकरण से राजनीतिक दलों का फजीहत हुआ है.
''आरजेडी यदि अपना अच्छा नाम सुनना चाहती है तो आरजेडी का असली नाम है, राष्ट्रीय जहरीला दल. जिसने समाज में जहर डालने का काम किया. जाति का, धर्म का, अपराध का, हत्या का, फिरौती के लिए अपहरण का और भ्रष्टाचार के तो आप लोग कुल शिरोमणि हैं.''- नीरज कुमार, जेडीयू प्रवक्ता
नामाकरण करते हैं?
— Neeraj kumar (@neerajkumarmlc) October 24, 2024
नया नामांकरण जानना चाहते हैं तो जाने -
R- राष्ट्रीय J- ज़हरीला D- दल@Jduonline @RJD_BiharState pic.twitter.com/cq5fyIx08E
RJD के पोस्ट से विवाद शुरू : दरअसल, आरजेडी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक शराब की बोतल के बीच जेडीयू के अंग्रेजी अक्षरों को रखकर उनका फुल फॉर्म बताया. इसके बाद ही विवाद शुरू हो गया. इस पोस्ट में लिखा है, 'J- जहां D- दारू U- अनलिमिटेड.'
जहरीली शराब से हो रही मौतों का जिम्मेवार कौन? : इसके साथ ही कैप्शन में लिखा है कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद हर घर में उपलब्ध शराब और जहरीली शराब से हो रही मौतों का जिम्मेवार कौन है? ऑप्शन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम और उनकी पार्टी जेडीयू का नाम है.
𝐉- जहां
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) October 24, 2024
𝐃- दारू
𝐔- अनलिमिटेड
Q- बिहार में शराबबंदी के बावजूद हर घर उपलब्ध शराब तथा जहरीली शराब से हो रही मौतों का ज़िम्मेवार कौन?
A- नीतीश कुमार और JDU pic.twitter.com/ZwLjFAEU7P
'शराब के नाम पर पैरलल इकोनॉमी चल रही' : राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने JDU के नए नामकरण को सही ठहराया. शक्ति यादव ने कहा कि बिहार में कोई ऐसा इलाका नहीं है जहां पर दारू उपलब्ध नहीं है. शराबबंदी कानून लागू होने के बाद बिहार के ये हालात हैं कि राज्य में शराब के नाम पर पैरलल इकोनॉमी चल रही है.
''जहरीली शराब से लोगों की मौत हो रही है. आंखों की रोशनी जा रही है, लेकिन सरकार चलाने वाले लोग इस अवैध कारोबार को सत्ता संरक्षण में फलने-फूलने दे रहे हैं. शराबबंदी के नाम पर घोटाला हो रहा है, लेकिन शराब माफियाओं पर कोई नकेल नहीं कसी जा रही है. जदयू के कई नेता इस कारोबार में हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ. शराब का कारोबार फल फूल रहा है.''- शक्ति सिंह यादव, आरजेडी प्रवक्ता
67 लोगों की हुई है मौत : बता दें कि हाल ही में जहरीली शराब से सारण, सिवान और गोपालगंज में 67 लोगों की मौत हुई थी. हालांकि प्रशासन की तरफ से 37 लोगों की मारे जाने की पुष्टि का गई थी. इस घटना के बाद से विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है. 2016 से जारी शराबबंदी पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहा है.
इससे जनता का क्या फायदा ? : पार्टियों के नामकरण पर वरिष्ठ पत्रकार सुनीय पांडेय ने कहा कि, ''इस तरह से पार्टियों के नामकरण करने से जनता का क्या लाभ होगा. वह तो दिगभ्रमित होंगे. अच्छा तो यह होता कि दोनों पार्टियां जनता के लिए कुछ अच्छा काम करती. जमीनी स्तर पर उसको लाभ पहुंचता.''
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