पटना: CAA लगभग देशभर में लागू हो गया है. लेकिन इसको लेकर विपक्ष अभी भी हमलावर है. राजद के राज्य सभा सांसद मनोज झा ने इसे संविधान सम्मत नहीं बताया है. पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने सीएए कानून पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 के दिसंबर में ही उन्होंने इसका विरोध किया था.
'धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं': मनोज झा ने कहा कि सीएए 2019 में ही सदन से पारित हुआ, हमारी पार्टी को अपनी ओर से जो कहना था हम लोगों ने कहा. यह संविधान सम्मत नहीं है, संविधान में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि श्रीलंका में तमिल हिंदुओं ने क्या बिगाड़ा था.
तेजस्वी ने खींची लंबी लकीर- मनोज झा: सांसद ने कहा कि साढ़े चार साल बाद केंद्र सरकार जागी, क्योंकि रोजगार पर वह कुछ नहीं बोल सकती है. बिहार में भी वही हालत था लेकिन तेजस्वी यादव के द्वारा 17 महीने में नौकरी देकर बिहार में लंबी लकीर खींच दी है. नौकरी का मतलब तेजस्वी यादव हैं, यह बच्चा-बच्चा जानता है. यह बात आप समझ लीजिए पूरे देश में नौकरी के लिए हाहाकार मचा हुआ है.
'नाखून कटने पर जंगल राज, तो अब क्या?': मनोज झा ने महागठबंधन में सीट बंटवारे के सवाल पर कहा कि बहुत जल्द सब कुछ हो जाएगा और आप लोगों के सामने होगा. वहीं उन्होंने बिहार में अपराध के सवाल पर नीतीश सरकार पर निशाना साधा और कहा कि हम लोग जब सत्ता में थे तो किसी का नाखून कट जाता था, तो हाहाकार मचता था. अब सिर धड़ से जुदा किया जा रहा है, इसे कौन सा राज कहेंगे ?
"दिसबंर 2019 में CAA सदन से पारित हुआ, हमारी पार्टी को जो कहना था. उसी वक्त कहा हमने कि ये संविधान सम्मत है. संविधान में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं है. केंद्र सरकार रोजगार पर कुछ बोल नहीं सकती, इसलिए चाढ़े साल बाद इसे लागू किया. बिहार में तेजस्वी ने रोजगार की लकीर खींची है."- मनोज झा, राज्य सभा सांसद, राजद
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