पलामू: पलामू लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार की हार के बाद गठबंधन के अंदर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. एक तरफ राजद के अंदर नेता एक दूसरे के खिलाफ बातें लिख रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ राजद की तरफ से अपने इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल झामुमो और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
आपको बता दें कि झारखंड की एकमात्र पलामू लोकसभा सीट से राजद चुनाव लड़ रही थी. पलामू का इलाका राष्ट्रीय जनता दल का गढ़ रहा है, इंडिया गठबंधन से पलामू लोकसभा सीट राजद के खाते में चली गई थी. जिसके बाद राष्ट्रीय जनता दल ने ममता भुइयां को अपना उम्मीदवार बनाया था. हालांकि ममता भुइयां को भाजपा उम्मीदवार वीडी राम ने करीब 2.88 लाख वोटों से हरा दिया.
अपने गढ़ में हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल के साथ-साथ पूरे इंडिया गठबंधन में घमासान मचा हुआ है. राष्ट्रीय जनता दल के अंदर भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. पार्टी ग्रुप में एक दूसरे के खिलाफ कई बातें लिखी जा रही हैं. वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल अपने सहयोगी दलों पर पैसे मांगने का भी आरोप लगा रहा है. राजद के जिला अध्यक्ष ने पैसे मांगे जाने की बात कही है. हालांकि उन्होंने अपनी पार्टी में किसी भी तरह की गुटबाजी से इनकार किया है.
"चुनाव में कांग्रेस का दो प्रतिशत समर्थन मिला है, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा का पांच प्रतिशत सहयोग मिला है. राष्ट्रीय जनता दल के अंदर कोई गुटबाजी नहीं थी और न ही वर्तमान में है. हार का एक बड़ा कारण आर्थिक तंगी रही है. विपक्ष ने दुष्प्रचार किया और यह भी कहा गया कि माओवादी वापस आ सकते हैं. सहयोगी दलों की ओर से भी पैसे की मांग की गई. राष्ट्रीय जनता दल का जनाधार दोगुना हो गया है, उसे करीब पांच लाख वोट मिले हैं. प्रशासनिक रवैया भी हार का एक बड़ा कारण रहा है." - मोहन विश्वकर्मा, जिला अध्यक्ष, राष्ट्रीय जनता दल
वहीं, जेएमएम और कांग्रेस ने कहा कि उन्होंने चुनाव में आरजेडी को पूरा समर्थन दिया था। जितने वोट उनकी पार्टी को मिलते थे, वे सभी इंडिया अलायंस के उम्मीदवार को मिले हैं.
"हार-जीत तो होती रहती है, लेकिन इसका मूल्यांकन होना चाहिए. कांग्रेस के हर कार्यकर्ता ने कड़ी मेहनत की है. 2019 के चुनाव में डाल्टनगंज विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को 80 हजार, विश्रामपुर में 60 हजार और विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में 2 लाख से अधिक वोट मिले थे. ये सभी वोट गठबंधन प्रत्याशी को मिले हैं." - जैश रंजन पाठक उर्फ बिट्टू पाठक, जिला अध्यक्ष, कांग्रेस
"झारखंड मुक्ति मोर्चा और अन्य दलों ने खूब मेहनत की, जिसके कारण इतने वोट मिले. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने गठबंधन के सिद्धांतों का पालन किया और बूथ पर कमेटी के प्रबंधन में भी भूमिका निभाई. राष्ट्रीय जनता दल चुनाव लड़ रहा था, जबकि कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा सहयोगी की भूमिका में थे. इंडिया गठबंधन की उम्मीदवार ममता भुइयां चुनाव हारी नहीं, बल्कि जीती हैं. सभी के सहयोग से पांच लाख वोट मिले हैं. इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल को कभी भी ढाई लाख से अधिक वोट नहीं मिले हैं." - राजेंद्र कुमार सिन्हा उर्फ गुड्डू सिन्हा, जिला अध्यक्ष, झारखंड मुक्ति मोर्चा
पलामू लोकसभा सीट पर कांग्रेस और आरजेडी दोनों ने दावा किया था. लेकिन यह सीट आरजेडी के खाते में चली गई. आरजेडी ने ममता भुइयां को अपना उम्मीदवार बनाया. ममता भुइयां भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देकर राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हुईं थीं. ममता भुइयां आरजेडी का टिकट पाने में सफल रहीं. पलामू में ममता भुइयां को 4,81,555 वोट मिले. इससे पहले आरजेडी को इतने वोट कभी नहीं मिले थे.
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