हल्द्वानी: बरसात के दौरान गौला नदी में आने वाले भारी पानी और हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में आपदा से होने वाले नुकसान से बचने के लिए अब सिंचाई विभाग ने कमर कस ली है. विभाग गौला नदी के दोनों तरफ 9 किलोमीटर रिवरफ्रंट बनाने की कवायद शुरू करने जा रहा है. मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग संजय शुक्ल ने बताया कि काठगोदाम से लेकर हल्द्वानी तक नदी के दोनों ओर आबादी, रेलवे स्टेशन और सरकारी उपक्रम होने के चलते बरसात के समय नदी में अधिक पानी के चलते नुकसान का डर बना रहता है.
पिछले मानसून सीजन में नदी में भारी मात्रा में पानी और मलबा आने से अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, रेलवे स्टेशन, रेलवे लाइन और गौला पुल को भी भारी नुकसान पहुंचा है. इसको देखते हुए भविष्य में इस की खतरा को रोकने के लिए नदी में रिवरफ्रंट बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नदी के दोनों और रिवरफ्रंट बनाए जाने को लेकर कुमाऊं कमिश्नर और शासन स्तर की बैठक हुई है. इसके अलावा नदी में भारी मात्रा में मलबा भी जमा हो गया है.
इसके निस्तारण के लिए जिलाधिकारी द्वारा योजना बनाई गई है. रिवरफ्रंट बनाए जाने के लिए सर्वे का काम शुरू होने जा रहा है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय एडवाइजर भी रिवरफ्रंट कार्य योजना का निरीक्षण कर चुके हैं. जहां भारत सरकार को नदी से होने वाले नुकसान को अवगत कराया गया है. जहां जल शक्ति मंत्रालय की तरफ से इस पर सहमति दे दी गई है. नमामि गंगे योजना के तहत इस प्रोजेक्ट को बनाने की बात कही है.
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत हल्द्वानी बाईपास से लेकर काठगोदाम बाईपास तक करीब 9 किलोमीटर गौला नदी के दोनों ओर रिवरफ्रंट का कार्य किया जाएगा. जहां नदी के दोनों और एप्रोच रोड के अलावा नदी के किनारे घाट और पर्यटन की संभावनाओं पर भी विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि रिवर फ्रंट बन जाने से गौला नदी के बाढ़ से हल्द्वानी शहर की सुरक्षा के साथ-साथ रेलवे स्टेशन और अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के अलावा कोई अन्य सरकारी उपक्रम को नुकसान से बचाया जा सकेगा.
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