ETV Bharat / state

सर्दी में अस्थमा अटैक का खतरा: सामान्य एलर्जी बदल सकती है अस्थमा में, देश की 25 प्रतिशत जनसंख्या एलर्जी से पीड़ित - ASTHMA ATTACK DURING WINTER

सर्दी के मौसम में अस्थमा के मामले बढ़ जाते हैं. ऐसे में रोगियों को विशेष सावधानी रखने की जरूरत होती है.

Asthma attack during winter
सर्दी में अस्थमा अटैक का खतरा (ETV Bharat Jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 16, 2025, 5:46 PM IST

जयपुर: सर्दियों में अस्थमा अटैक के मामले काफी बढ़ जाते हैं. इसके दो प्रमुख कारण हैं, एक श्वास नलिकाओं का सिकुड़ जाना और दूसरा वातावरण में धुंध के कारण प्रदूषण के निचली सतह पर रहना. ऐसे में लंबे समय तक स्मोग के संपर्क में रहना छाती के संक्रमण व अस्थमा रोगियों में दमा के अटैक का खतरा बढ़ा देता है जिससे कि दमा व सांस की अन्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों की तकलीफ बढ़ने लगती है. इण्डियन चेस्ट सोसायटी के मेंबर डॉ सुमीत गर्ग का कहना है कि यह एक गैर-संचारी रोग (एनसीडी) है जो कि एक व्यक्ति से दूसरे को नहीं होता हैं. छोटे बच्चों में यह आम फेफड़ों की समस्या है, जिससे बच्चे का वायुमार्ग सूज जाता है और अतिरिक्त बलगम बनने लगता है. इससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है. मौसम व वातावरण के अलावा रात में व्यायाम या अत्यधिक शारीरिक श्रम करने पर भी दमा के लक्षण गंभीर हो जाते हैं. शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन न मिलने से भी अस्थमा अटैक ट्रिगर हो सकता है.

अस्थमा को लेकर चिकित्सकीय राय (ETV Bharat Jaipur)

शरीर में दमा होने पर होने वाले प्रमुख लक्षण:

  1. सीने में दर्द, सामान्य से तेज सांस चलना या सांस लेने में कठिनाई.
  2. घरघराहट के साथ या सीटी की आवाज के साथ सांस का चलना.
  3. खांसी, जो रात में या भोर में और गम्भीर हो जाती है.
  4. छाती में कसाव एवं धड़कन तेज होना.
  5. गले में खुजली, खुरचन या दर्द होना.
  6. थकान होना.
  7. होंठ या नाखून सफेद या नीले पड़ना.

एलर्जी बदल सकती है अस्थमा में: डॉक्टर गर्ग का कहना है कि आमतौर पर लोगों में सांस से जुड़ी एलर्जी देखने को मिलती है. कई बार इस सामान्य एलर्जी को नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह सामान्य एनर्जी अस्थमा या फिर दमा में परिवर्तित हो जाती है. ऐसे में किसी भी व्यक्ति में यदि सांस से जुड़ी सामान्य एलर्जी दिखाई देती है, तो इसका इलाज लेना अत्यंत आवश्यक है.

पढ़ें: सर्दी और प्रदूषण के कारण बढ़ गए एलर्जी, अस्थमा व सीओपीडी के मरीज, ओपीडी में हर दिन पहुंच रहे सैकड़ों मरीज

ऐसे बचें अस्थमा अटैक से:

  1. तापमान गिरने पर घर पर रहने की कोशिश करें. खासतौर पर सुबह जल्दी और रात में देर तक बाहर न रहें.
  2. गर्म कपड़े व मास्क पहनें. इससे आप ठंडी और खुश्क हवाओं से बचेंगे, जो वायुमार्ग के सीधे संपर्क में आ सकती है.
  3. गर्म ड्रिंक्स का सेवन करें ताकि बलगम न जमे. गर्म ड्रिंक्स वायुमार्ग को साफ करने का काम करते हैं. इसके साथ अधिक तरल पदार्थ का सेवन करें जो बलगम पतला रखने में मदद करता है.
  4. घर को धूल से बचाकर रखें, रोजाना वैक्युम या साफ सफाई जरूर करें.
  5. डाइट का खास ख्याल रखें ताकि अस्थमा अटैक से बच सकें.
  6. खाने में विटामिन-डी और सी से भरपूर खाना खाएं, ताकि ठंडे मौसम में अस्थमा के लक्षणों को मैनेज किया जा सके.
  7. अस्थमा के मरीजों को सर्दी में अदरक और लहसुन जरूर खानी चाहिए. इन दोनों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते है.
  8. जिन लोगों को जुकाम या फ्लू हो उनसे संपर्क टालें. साथ ही सर्दी में जुकाम और खांसी जैसे संक्रमण से बचने के लिए दिन में कई बार हाथों को पानी और साबुन से धोएं.
  9. सालाना फ्लू वैक्सीन लगवाएं. साथ ही श्वसन पथ के संक्रमण से बचने के लिए निमोनिया की वैक्सीन भी लगवाएं.
  10. आपके डॉक्टर द्वारा बताए गए इन्हेलर को हमेशा साथ में रखें. साथ ही किसी भी नए लक्षण के दिखने पर डॉक्टर से सलाह जरूर करें.
  11. आमतौर पर दमा मैनेजमेंट में एमरजेंसी की दवाइयां शामिल होती है. जल्दी आराम पाने की दवाई और फिर उसके बाद स्थिति को कंट्रोल में रखने की दवाइयां.
  12. जिन खाद्य पदार्थो, दवाइयों या चीजों से आपको दमें के लक्षण होते हैं, उनसे दूर रहें इन्हें प्रेरक (ट्रिगर्स) कहते है . अपने डॉक्टर के साथ इसे मैनेज करने का प्लान बनाएं.

पढ़ें: विश्व के 13 फीसदी अस्थमा रोगी भारत में , जागरूकता से ही बचाव संभव - World Asthma Day - WORLD ASTHMA DAY

अचानक अटैक आए तो क्या करें: डॉक्टर गर्ग का कहना है कि दमे का दौरा अचानक आता है. ऐसे में यदि अचानक अटैक आए तो बिना देरी किए डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा लें. इन्हेलर का इस्तेमाल करें. सीधे खड़े हो जाएं या बैठ जाएं और लंबी सांस लें, लेकिन लेटें बिल्कुल नहीं. कपड़ों को ढीला कर लें, संभव हो तो आरामदायक कपड़े पहनें, शांत रहने का प्रयास करें. गर्म कैफीन युक्त ड्रिंक लें, जैसे कॉफी इससे एक या दो घंटों के लिए श्वास मार्ग थोड़ा खुल जाएगा.

आंकड़ा चौंकाने वाला: वर्ल्ड अस्थमा फाउंडेशन के अनुसार, भारत की 25 प्रतिशत जनसंख्या एलर्जी से पीड़ित है. इनमें से पांच प्रतिशत लोगों की एलर्जी दमा में बदल जाती है. एक रिपोर्ट के अनुसार देश में पिछले दो वर्षो में कमजोर इम्युनिटी के कारण एलर्जी और अस्थमा के मरीजों में 57 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2019 में विश्व में 26 करोड़ 20 लाख लोग अस्थमा के शिकार थे.

पढ़ें: सावधान ! बच्चों में बढ़ा अस्थमा और डायबिटीज होने का खतरा, जरा सी लापरवाही पड़ सकती है भारी - Asthma Diabetes Risk In Children

एक अनुमान के अनुसार 2025 तक विश्वभर के तीस करोड़ लोग अस्थमा के रोगी होंगे. दुनिया में हर दस में से एक अस्थमा पीड़ित मरीज भारतीय हैं. आंकड़ों के अनुसार, भारत में करीब छह करोड़ लोग अस्थमा के शिकार हैं. इतना ही नहीं देश में हर वर्ष अस्थमा के रोगियों की संख्या पांच प्रतिशत की दर से बढ़ रही है. बचाव और नियंत्रण के बारे में जागरूकता बढ़ाकर हम हर साल दमा के मामलों व इससे होने वाली मौतों की संख्या में कमी ला सकते हैं.

आंकड़ों में बढ़ोतरी: हालिया एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो वर्षो में देश में एलर्जी और अस्थमा के मरीजों में 57 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. एक ही मास्क को कई दिनों तक लगाने, मास्क को साफ न रखने और घटिया क्वालिटी के मास्क का इस्तेमाल करते रहना भी सांस की तकलीफ बढ़ाता है.

डॉक्टर सुमित गर्ग का कहना है कि श्वसन तंत्र मजबूत बनाने के लिए 10 मिनट प्रणायाम करें. नियमित योग करना फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है. इससे श्वास रोकने की क्षमता बढ़ती है और रक्त संचरण बेहतर होता है. इसके साथ ही पैदल चलना भी काफी फायेदमंद रहता है. ठंड में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. घर, बिस्तर, कालीन व तकियों पर धूल-मिट्टी जमा न होने दें. समय-समय पर साफ और गुनगुने पानी से हाथ धोना कई तरह के संक्रमण से बचाता है.

जयपुर: सर्दियों में अस्थमा अटैक के मामले काफी बढ़ जाते हैं. इसके दो प्रमुख कारण हैं, एक श्वास नलिकाओं का सिकुड़ जाना और दूसरा वातावरण में धुंध के कारण प्रदूषण के निचली सतह पर रहना. ऐसे में लंबे समय तक स्मोग के संपर्क में रहना छाती के संक्रमण व अस्थमा रोगियों में दमा के अटैक का खतरा बढ़ा देता है जिससे कि दमा व सांस की अन्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों की तकलीफ बढ़ने लगती है. इण्डियन चेस्ट सोसायटी के मेंबर डॉ सुमीत गर्ग का कहना है कि यह एक गैर-संचारी रोग (एनसीडी) है जो कि एक व्यक्ति से दूसरे को नहीं होता हैं. छोटे बच्चों में यह आम फेफड़ों की समस्या है, जिससे बच्चे का वायुमार्ग सूज जाता है और अतिरिक्त बलगम बनने लगता है. इससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है. मौसम व वातावरण के अलावा रात में व्यायाम या अत्यधिक शारीरिक श्रम करने पर भी दमा के लक्षण गंभीर हो जाते हैं. शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन न मिलने से भी अस्थमा अटैक ट्रिगर हो सकता है.

अस्थमा को लेकर चिकित्सकीय राय (ETV Bharat Jaipur)

शरीर में दमा होने पर होने वाले प्रमुख लक्षण:

  1. सीने में दर्द, सामान्य से तेज सांस चलना या सांस लेने में कठिनाई.
  2. घरघराहट के साथ या सीटी की आवाज के साथ सांस का चलना.
  3. खांसी, जो रात में या भोर में और गम्भीर हो जाती है.
  4. छाती में कसाव एवं धड़कन तेज होना.
  5. गले में खुजली, खुरचन या दर्द होना.
  6. थकान होना.
  7. होंठ या नाखून सफेद या नीले पड़ना.

एलर्जी बदल सकती है अस्थमा में: डॉक्टर गर्ग का कहना है कि आमतौर पर लोगों में सांस से जुड़ी एलर्जी देखने को मिलती है. कई बार इस सामान्य एलर्जी को नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह सामान्य एनर्जी अस्थमा या फिर दमा में परिवर्तित हो जाती है. ऐसे में किसी भी व्यक्ति में यदि सांस से जुड़ी सामान्य एलर्जी दिखाई देती है, तो इसका इलाज लेना अत्यंत आवश्यक है.

पढ़ें: सर्दी और प्रदूषण के कारण बढ़ गए एलर्जी, अस्थमा व सीओपीडी के मरीज, ओपीडी में हर दिन पहुंच रहे सैकड़ों मरीज

ऐसे बचें अस्थमा अटैक से:

  1. तापमान गिरने पर घर पर रहने की कोशिश करें. खासतौर पर सुबह जल्दी और रात में देर तक बाहर न रहें.
  2. गर्म कपड़े व मास्क पहनें. इससे आप ठंडी और खुश्क हवाओं से बचेंगे, जो वायुमार्ग के सीधे संपर्क में आ सकती है.
  3. गर्म ड्रिंक्स का सेवन करें ताकि बलगम न जमे. गर्म ड्रिंक्स वायुमार्ग को साफ करने का काम करते हैं. इसके साथ अधिक तरल पदार्थ का सेवन करें जो बलगम पतला रखने में मदद करता है.
  4. घर को धूल से बचाकर रखें, रोजाना वैक्युम या साफ सफाई जरूर करें.
  5. डाइट का खास ख्याल रखें ताकि अस्थमा अटैक से बच सकें.
  6. खाने में विटामिन-डी और सी से भरपूर खाना खाएं, ताकि ठंडे मौसम में अस्थमा के लक्षणों को मैनेज किया जा सके.
  7. अस्थमा के मरीजों को सर्दी में अदरक और लहसुन जरूर खानी चाहिए. इन दोनों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते है.
  8. जिन लोगों को जुकाम या फ्लू हो उनसे संपर्क टालें. साथ ही सर्दी में जुकाम और खांसी जैसे संक्रमण से बचने के लिए दिन में कई बार हाथों को पानी और साबुन से धोएं.
  9. सालाना फ्लू वैक्सीन लगवाएं. साथ ही श्वसन पथ के संक्रमण से बचने के लिए निमोनिया की वैक्सीन भी लगवाएं.
  10. आपके डॉक्टर द्वारा बताए गए इन्हेलर को हमेशा साथ में रखें. साथ ही किसी भी नए लक्षण के दिखने पर डॉक्टर से सलाह जरूर करें.
  11. आमतौर पर दमा मैनेजमेंट में एमरजेंसी की दवाइयां शामिल होती है. जल्दी आराम पाने की दवाई और फिर उसके बाद स्थिति को कंट्रोल में रखने की दवाइयां.
  12. जिन खाद्य पदार्थो, दवाइयों या चीजों से आपको दमें के लक्षण होते हैं, उनसे दूर रहें इन्हें प्रेरक (ट्रिगर्स) कहते है . अपने डॉक्टर के साथ इसे मैनेज करने का प्लान बनाएं.

पढ़ें: विश्व के 13 फीसदी अस्थमा रोगी भारत में , जागरूकता से ही बचाव संभव - World Asthma Day - WORLD ASTHMA DAY

अचानक अटैक आए तो क्या करें: डॉक्टर गर्ग का कहना है कि दमे का दौरा अचानक आता है. ऐसे में यदि अचानक अटैक आए तो बिना देरी किए डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा लें. इन्हेलर का इस्तेमाल करें. सीधे खड़े हो जाएं या बैठ जाएं और लंबी सांस लें, लेकिन लेटें बिल्कुल नहीं. कपड़ों को ढीला कर लें, संभव हो तो आरामदायक कपड़े पहनें, शांत रहने का प्रयास करें. गर्म कैफीन युक्त ड्रिंक लें, जैसे कॉफी इससे एक या दो घंटों के लिए श्वास मार्ग थोड़ा खुल जाएगा.

आंकड़ा चौंकाने वाला: वर्ल्ड अस्थमा फाउंडेशन के अनुसार, भारत की 25 प्रतिशत जनसंख्या एलर्जी से पीड़ित है. इनमें से पांच प्रतिशत लोगों की एलर्जी दमा में बदल जाती है. एक रिपोर्ट के अनुसार देश में पिछले दो वर्षो में कमजोर इम्युनिटी के कारण एलर्जी और अस्थमा के मरीजों में 57 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2019 में विश्व में 26 करोड़ 20 लाख लोग अस्थमा के शिकार थे.

पढ़ें: सावधान ! बच्चों में बढ़ा अस्थमा और डायबिटीज होने का खतरा, जरा सी लापरवाही पड़ सकती है भारी - Asthma Diabetes Risk In Children

एक अनुमान के अनुसार 2025 तक विश्वभर के तीस करोड़ लोग अस्थमा के रोगी होंगे. दुनिया में हर दस में से एक अस्थमा पीड़ित मरीज भारतीय हैं. आंकड़ों के अनुसार, भारत में करीब छह करोड़ लोग अस्थमा के शिकार हैं. इतना ही नहीं देश में हर वर्ष अस्थमा के रोगियों की संख्या पांच प्रतिशत की दर से बढ़ रही है. बचाव और नियंत्रण के बारे में जागरूकता बढ़ाकर हम हर साल दमा के मामलों व इससे होने वाली मौतों की संख्या में कमी ला सकते हैं.

आंकड़ों में बढ़ोतरी: हालिया एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो वर्षो में देश में एलर्जी और अस्थमा के मरीजों में 57 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. एक ही मास्क को कई दिनों तक लगाने, मास्क को साफ न रखने और घटिया क्वालिटी के मास्क का इस्तेमाल करते रहना भी सांस की तकलीफ बढ़ाता है.

डॉक्टर सुमित गर्ग का कहना है कि श्वसन तंत्र मजबूत बनाने के लिए 10 मिनट प्रणायाम करें. नियमित योग करना फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है. इससे श्वास रोकने की क्षमता बढ़ती है और रक्त संचरण बेहतर होता है. इसके साथ ही पैदल चलना भी काफी फायेदमंद रहता है. ठंड में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. घर, बिस्तर, कालीन व तकियों पर धूल-मिट्टी जमा न होने दें. समय-समय पर साफ और गुनगुने पानी से हाथ धोना कई तरह के संक्रमण से बचाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.