श्रीनगरः ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का कार्य तेजी से चल रहा है. श्रीनगर क्षेत्र में कई टनल का सफलतापूर्वक ब्रेकथ्रू भी हो चुका है. ऐसे में देखने को मिल रहा है कि रेलवे लाइन निर्माण कार्य के दौरान कई मजदूर दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में निर्वाचन एवं सहकारिता के प्रभारी सचिव दिलीप जावलकर ने सुरक्षा के मद्देनजर टनलों में कार्य का सेफ्टी ऑडिट करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ उन्होंने टनलों के अंदर समय-समय पर प्रशासन और रेलवे कर्मियों की सुरक्षा संबंधित मॉक ड्रिल करने के भी आदेश दिए हैं. उन्होंने इस दौरान रेलवे टनलों का स्थलीय निरीक्षण भी किया.
दिलीप जावलकर ने पौड़ी जिले के भ्रमण के दौरान देवप्रयाग के सौड़ में रेलवे के निर्माणाधीन कार्यों का स्थलीय निरीक्षण और निर्माणदायी संस्था के अधिकारियों के साथ निर्माण कार्यों को लेकर प्रगति की समीक्षा की. सचिव वित्त ने जिलाधिकारी गढ़वाल को निर्देश दिए कि रेलवे टनल के निर्माण कार्यों में लगे मानव संसाधन की सुरक्षा के दृष्टिगत एक बार सेफ्टी ऑडिट/मॉकड्रिल करवाना सुनिश्चित करें.
गौरतलब है कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच निर्माणाधीन 125 किलोमीटर लंबी रेल लाइन परियोजना में कुल 16 टनल और 13 स्टेशन शामिल हैं. जिममें से सौड़ देवप्रयाग से जनासू श्रीनगर के बीच की 15 किलोमीटर लंबी टनल संख्या-8 का 70 प्रतिशत बोरिंग का कार्य पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा कि जर्मनी में बनी इस टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) की लंबाई 140 मीटर है, जिसे भारत में शिव-शक्ति नाम दिया गया है.
उन्होंने बताया कि यह पहला अवसर है, जब टीबीएम भारत के किसी हिमालयी रीजन में पहुंची हो, जो कि किसी उपलब्धि से कम नहीं है. इसके बाद उन्होंने सुरंग के भीतर जाकर निर्माण कार्यों का जायजा भी लिया. उन्होंने सुरंग के अंदर कार्य कर रहे लोगों को कार्य करते समय सावधानी बरतने के लिए कहा है.
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