रांची: देश के बड़े अस्पतालों में शुमार रिनपास के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों ने वेतन की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है. रिनपास में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों ने शनिवार को रिनपास अस्पताल के मुख्य द्वार के सामने प्रदर्शन किया. इस दौरान सफाई कर्मचारियों ने कहा कि पिछले तीन महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है. काफी हंगामा करने के बाद दो दिन पहले सभी कर्मचारियों को एक हजार से पांच हजार रुपए देकर बहलाया-फुसलाया गया है, जबकि प्रत्येक कर्मचारी का 15 हजार रुपए से ज्यादा बकाया है.
जिला पार्षद मौके पर पहुंचीं, सफाई कर्मचारियों को कराया शांत
कर्मचारियों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए जिला पार्षद सुषमा देवी मौके पर पहुंचीं. उन्होंने आक्रोशित कर्मचारियों को समझा-बुझाकर शांत कराया. उन्होंने कहा कि रिनपास जैसे संस्थान की साफ-सफाई का जिम्मा इन्हीं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के ऊपर है. ऐसे में यदि इन्हें ही वेतन नहीं मिलेगा तो निश्चित रूप से अस्पताल की साफ-सफाई की व्यवस्था प्रभावित होगी. जरूरत है कि रिनपास के निदेशक जल्द से जल्द इनका वेतन भुगतान कराएं, वरना आने वाले दिनों में सफाई कर्मचारी काम करना बंद कर देंगे.
आउटसोर्सिंग कंपनी सिर्फ पिला रही आश्वासन की घुट्टी
वहीं प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से उनकी बहाली की गई है, लेकिन आउटसोर्सिंग कंपनी उनके वेतन को लेकर सिर्फ आश्वासन दे रही है. बता दें कि रिनपास अस्पताल मनोरोगियों के लिए बड़े अस्पताल में शुमार है. रिनपास में सिर्फ झारखंड ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के मरीज भी इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. इस कारण यह अस्पताल काफी महत्व रखता है, लेकिन इसके बावजूद रिनपास में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को नियमित वेतन नहीं मिल रहा है, जो कहीं ना कहीं आउटसोर्सिंग कंपनी और राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है.
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