रांची: बजट सत्र के तीसरे दिन भी झारखंड विधानसभा में जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक का मामला गरमाया रहा. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी विधायक विधानसभा परिसर में सरकार से सीबीआई जांच की मांग करते दिखे और जमकर नारेबाजी की. हाथों में तख्तियां लिए और सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए बीजेपी विधायक का साफ मानना था कि जिस तरह से इस परीक्षा में अनियमितताएं हुई हैं उसकी जांच एसआईटी के बजाय सीबीआई से कराई जानी चाहिए.
बजट को लेकर आरोप-प्रत्यारोप
झारखंड विधानसभा में आज पेश किये जा रहे बजट को लेकर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से बयानबाजी का दौर जारी है. बीजेपी के मनीष जयसवाल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 4 साल में जनता से किए गए लोकलुभावन वादों की सच्चाई यह है कि एक भी योजना धरातल पर नहीं उतरी, आलम यह कि चालू वित्तीय वर्ष की बजट राशि का महज 54 फीसदी ही खर्च हो सका है और सरकार मार्च लूट की ओर बढ़ी हुई है. ऐसे में इस सरकार के बजट से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती.
उम्मीदों से भरा है बजट-कांग्रेस विधायक
वहीं, कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह बजट उम्मीदों से भरा है, जिसमें हर वर्ग का ख्याल रखा गया है. झारखंड विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए उमाशंकर अकेला ने कहा कि बजट पेश होने के बाद आप देखे लेंगे कि हम जो कह रहे हैं वह सच है या नहीं. उन्होंने कहा कि यह सरकार गरीबों को ध्यान में रखकर बजट ला रही है. आपको बता दें कि डॉ. रामेश्वर उरांव पांचवीं बार वित्त मंत्री के तौर पर सदन में बजट पेश कर रहे हैं. झारखंड विधानसभा पहुंचे रामेश्वर उरांव ने भी कहा है कि यह बजट पीपुल्स फ्रेंडली बजट है.
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