शहडोल। जिले में रविवार को रीवा लोकायुक्त की टीम ने बड़ी कारवाई की है. जहां एक हेड कांस्टेबल को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है. साथ में उसी थाने में पदस्थ महिला आरक्षक के दलाल पति को भी पकड़ा है.
पकड़ा गया हेड कांस्टेबल
पूरे मामले को लेकर बताया गया कि एक मारपीट के मामले में थाने से जमानत देने के एवज में 2000 की रिश्वत लेते रंगे हाथ प्रधान आरक्षक को रीवा लोकायुक्त की टीम ने ट्रैप किया है. रिश्वत के ये पैसे एक बिचौलिए के माध्यम से लिए जा रहे थे. उसे भी रीवा लोकायुक्त की टीम ने पकड़ा है. इस पूरे मामले में पपौन्ध थाने में पदस्थ एक महिला आरक्षक पति भी रिश्वत लेने में शामिल था. उक्त प्राइवेट व्यक्ति भी थाने में दलाली का काम करता है.
रीवा लोकायुक्त में की शिकायत
इस पूरे मामले को लेकर रीवा लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि शिकायतकर्ता रामनरेश जायसवाल जो की थाना पपौन्ध अंतर्गत न्यू सपटा गांव का रहने वाला है. शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त कार्यालय रीवा में शिकायत दर्ज कराई थी, कि उसका विवाद गांव के ही अमृतलाल जायसवाल से 5 जनवरी को हो गया था. जिसकी रिपोर्ट वो थाने में लिखवाने गया था, लेकिन प्रधान आरक्षक ने थाने में उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की. जबकि उसी के विरुद्ध आरोपी अमृतलाल की ओर से रिपोर्ट दर्ज कर ली गई.
5000 रिश्वत की मांग
इसी मामले में उसने प्रधान आरक्षक अनिल शर्मा से थाने से जमानत देने की बात कही थी. जिसके एवज में प्रधान आरक्षक अनिल शर्मा ने ₹5000 रिश्वत की मांग की थी. बतौर एडवांस ₹3000 पूर्व में ही ले लिए थे. इस पूरे मामले की शिकायत मिलने के बाद रीवा लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने शिकायत को सत्यापित कराया. उप पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह परिहार निरीक्षक अरविंद कुमार के लीडरशिप में 15 सदस्यीय टीम गठित कर ट्रैप की कार्रवाई कराई गई.
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प्रधान आरक्षक अनिल शर्मा अपने प्राइवेट व्यक्ति पवन सिंह जो की बहादुरपुर तहसील लालगंज जिला रायबरेली उत्तर प्रदेश के माध्यम से रिश्वत के रुपए ले रहा था. इसी दौरान लोकायुक्त की टीम ने दोनों को धर दबोचा. लोकायुक्त पुलिस अब आरोपियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है.