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रीवा में PWD व पीड़ित के बीच उलझा जमीन विवाद, लेनदेन से बात बिगड़ी तो मामला पहुंचा कलेक्टर के पास - Rewa Land dispute

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 9, 2024, 12:02 PM IST

रीवा में जमीन विवाद को सुलझाने के नाम पर तहसीदार पर 25 हजार रुपये लेने के आरोप लगे हैं. पीड़ित का कहना है ये राशि तहसीलदार के आवास पर दी है. वहीं, तहसीलदार ने राशि लेने से साफ इंकार किया है. मामले के अनुसार विवादित भूमि के बारे में हाईकोर्ट ने पीड़ित के पक्ष में फैसला दिया है. इस जमीन पर PWD अपना दावा कर रहा है.

Rewa Land dispute
तहसीलदार पर 25 हजार की रिश्वत लेने का आरोप (ETV BHARAT)

रीवा। जिले में इन दिनों राजस्व प्रकरणों के विवाद सामने आ रहे हैं. ताजा मामले में पीड़ित पक्ष एक समान्य व्यक्ति है तो दूसरा पक्ष पीडब्ल्यूडी है. पीड़ित पक्ष की ओर मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने हुजूर तहदीलदार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है की पीड़ित और PWD विभाग के बीच पिछले कई सालों से जमीन विवाद चल रहा था. मामला हाइकोर्ट पहुंचा. हाईकोर्ट ने पीड़ित के पक्ष में निर्णय दिया. पीड़ित का आरोप है कि तहसीलदार ने कार्रवाई करने के बजाय उससे 25 हजार रुपये ले लिए.

जमीन विवाद को सुलझाने के नाम पर रिश्वत लेने का आरोप (ETV BHARAT)

सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है फाइल

पीड़ित विश्वनाथ सिंह का कहना है "वर्ष 2022 में उनके प्रकरण का हाईकोर्ट ने निर्णय किया था. इसके बाद तहसीलदार ने प्रकरण को एसडीएम कार्यालय भेजा. फिर प्रकरण कलेक्ट्रेट कार्यलय पहुंचा. कलेक्टर कार्यालय से हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराने के निर्देश जारी हुए. ये प्रकरण फिर एसडीएम कार्यालय पहुंचा. एसडीएम ने फाइल को तहसीलदार के पास भेजी." पीड़ित पक्ष का आरोप है की तहसीलदार ने फाइल पीछले 5 माह से दबा ली है. तहसीलदार शिव शंकर शुक्ला ने काम करने का झांसा देकर 25 हजार रुपये ले लिए.

आरोप लगने के बाद तहसीलदार ने भी रखा अपना पक्ष

मामले में तहसीलदार शिवशंकर शुक्ला ने भी अपना पक्ष रखा है. उनका कहना है "विश्वनाथ सिंह बनाम मध्यप्रदेश शासन के बीच प्रकरण है न्यायालय में विचाराधीन है. इसमें ग्राम समान की जमीन पीडब्ल्यूडी मध्य प्रदेश शासन के नाम दर्ज है. इस प्रकरण में उच्च न्यायालय द्वारा शासन का पक्ष सक्षम रूप से न रखने के कारण 2022 में निर्णय हुआ था. निर्णय के बाद पीडब्ल्यूडी एसडीओ और कार्यपालन यंत्री को नोटिस जारी हुए. वर्तमान में इस प्रकरण में शासन की तरफ से कोर्ट में रिट अपील दायर करने के लिए शासकीय अधिवक्ता का अभिमत भी प्राप्त हो चुका है. रुपये लेने के आरोप निराधार हैं."

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बीघे भर जमीन के लिए परिवार में ही हुआ खूनी संघर्ष, ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश

कलेक्टर ने कहा-जांच के बाद होगी कार्रवाई

इस मामले में कलेक्टर प्रतिभा पाल का कहना है "मामला संज्ञान में आया है. प्राथमिक रिपोर्ट ली गई है. विश्वनाथ सिंह बनाम शासन की जमीन का प्रकरण है. ये पीडब्ल्यूडी की जमीन है. इस जमीन का केश विश्वनाथ सिंह कोर्ट से जीते हैं और वह चाहते हैं कि शासकीय भूमि का अमल दराज करें. हम लोगों द्वारा उस भूमि परीक्षण किया जा रहा है. प्रकरण में पीडब्ल्यूडी की ओर से कोर्ट में अपील की जा रहीं है. दोनों पक्षों को सुना जाएगा. इसके बाद जांच में में जो भी सही पाया जाएगा उसके अधार पर कार्रवाई होगी."

रीवा। जिले में इन दिनों राजस्व प्रकरणों के विवाद सामने आ रहे हैं. ताजा मामले में पीड़ित पक्ष एक समान्य व्यक्ति है तो दूसरा पक्ष पीडब्ल्यूडी है. पीड़ित पक्ष की ओर मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने हुजूर तहदीलदार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है की पीड़ित और PWD विभाग के बीच पिछले कई सालों से जमीन विवाद चल रहा था. मामला हाइकोर्ट पहुंचा. हाईकोर्ट ने पीड़ित के पक्ष में निर्णय दिया. पीड़ित का आरोप है कि तहसीलदार ने कार्रवाई करने के बजाय उससे 25 हजार रुपये ले लिए.

जमीन विवाद को सुलझाने के नाम पर रिश्वत लेने का आरोप (ETV BHARAT)

सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है फाइल

पीड़ित विश्वनाथ सिंह का कहना है "वर्ष 2022 में उनके प्रकरण का हाईकोर्ट ने निर्णय किया था. इसके बाद तहसीलदार ने प्रकरण को एसडीएम कार्यालय भेजा. फिर प्रकरण कलेक्ट्रेट कार्यलय पहुंचा. कलेक्टर कार्यालय से हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराने के निर्देश जारी हुए. ये प्रकरण फिर एसडीएम कार्यालय पहुंचा. एसडीएम ने फाइल को तहसीलदार के पास भेजी." पीड़ित पक्ष का आरोप है की तहसीलदार ने फाइल पीछले 5 माह से दबा ली है. तहसीलदार शिव शंकर शुक्ला ने काम करने का झांसा देकर 25 हजार रुपये ले लिए.

आरोप लगने के बाद तहसीलदार ने भी रखा अपना पक्ष

मामले में तहसीलदार शिवशंकर शुक्ला ने भी अपना पक्ष रखा है. उनका कहना है "विश्वनाथ सिंह बनाम मध्यप्रदेश शासन के बीच प्रकरण है न्यायालय में विचाराधीन है. इसमें ग्राम समान की जमीन पीडब्ल्यूडी मध्य प्रदेश शासन के नाम दर्ज है. इस प्रकरण में उच्च न्यायालय द्वारा शासन का पक्ष सक्षम रूप से न रखने के कारण 2022 में निर्णय हुआ था. निर्णय के बाद पीडब्ल्यूडी एसडीओ और कार्यपालन यंत्री को नोटिस जारी हुए. वर्तमान में इस प्रकरण में शासन की तरफ से कोर्ट में रिट अपील दायर करने के लिए शासकीय अधिवक्ता का अभिमत भी प्राप्त हो चुका है. रुपये लेने के आरोप निराधार हैं."

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कलेक्टर ने कहा-जांच के बाद होगी कार्रवाई

इस मामले में कलेक्टर प्रतिभा पाल का कहना है "मामला संज्ञान में आया है. प्राथमिक रिपोर्ट ली गई है. विश्वनाथ सिंह बनाम शासन की जमीन का प्रकरण है. ये पीडब्ल्यूडी की जमीन है. इस जमीन का केश विश्वनाथ सिंह कोर्ट से जीते हैं और वह चाहते हैं कि शासकीय भूमि का अमल दराज करें. हम लोगों द्वारा उस भूमि परीक्षण किया जा रहा है. प्रकरण में पीडब्ल्यूडी की ओर से कोर्ट में अपील की जा रहीं है. दोनों पक्षों को सुना जाएगा. इसके बाद जांच में में जो भी सही पाया जाएगा उसके अधार पर कार्रवाई होगी."

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