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जब हलक में अटकी 12 श्रद्धालुओं की जान, जलस्तर बढ़ने से वीरान टापू पर फंसे लोग, मौत के मुंह से ऐसे खींच लाई SDERF - Rewa devotees stranded island - REWA DEVOTEES STRANDED ISLAND

रीवा के चोरा पहाड़ में स्थित देवी मंदिर में दर्शन करने आए 12 श्रद्धालु टापू में फंस गए. पहाड़ी क्षेत्र में तेज बारिश होने के कारण पहाड़ी नदी में बाढ़ आ गई. SDERF ने कड़ी मशक्कत कर सभी की जान बचाई.

REWA DEVOTEES STRANDED ISLAND
पहाड़ी पर टापू में फंसे 12 श्रद्धालु (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 3, 2024, 7:26 AM IST

Updated : Aug 3, 2024, 8:00 AM IST

रीवा: जिले के सोहागी थाना क्षेत्र में शुक्रवार को 12 श्रद्धालुओं की जान अचानक से सांस में अटक गई. सभी श्रद्धालु एमपी और यूपी की सीमा से लगे चोरा पहाड़ में स्थित देवी मंदिर में वासुदेई माता के दर्शन करने गए थे. देर शाम को वापस लौटते वक्त अचनक से मूसलाधार बारिश शुरू हो गई. बारिश का पानी पहाड़ी नदी में आया और देखते ही देखते नदी का जलस्तर बढ़ गया. जिसके बाद सभी श्रद्धालु एक वीरान टापू मे फंस गए. तेजी से नदी के जलस्तर को बढ़ता देख कर श्रद्धालुओं की धड़कने बढ़ने लगी. जिसके बाद उन्होंने आपदा प्रबंधन को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस और SDERF की टीम ने 7 घंटे का रेस्क्यू अभियान चलाकर 12 श्रद्धालुओं की जान बचाई.

पहाड़ी में तेज बारिश होने के कारण नदी में अचानक आई बाढ़ (ETV Bharat)

मंदिर दर्शन करने गए 12 श्रद्धालु पहाड़ में फंसे

घटना एमपी और यूपी की सीमा से लगे सोहागी थाना क्षेत्र अंतर्गत बारी चोरा के पहाड़ की है. रीवा स्थित रायपुर सोनौरी गांव के निवासी एक ही परिवार के 12 सदस्य शुक्रवार की दोपहर चोरा के पहाड़ में स्थित प्रसिद्ध देवी के धाम पर मां वासुदेई के दर्शन करने मंदिर गए थे. देवी धाम का रास्ता काफी दुर्गम है. वहां पहुंचने के लिए पहाड़ी नदी को पार करना पड़ता है. सभी श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की और मंदिर परिसर में ही भोजन पकाकर उसका सेवन किया. देर शाम जब वह मन्दिर परिसर से घर जाने के लिए लौटने लगे तो अचानक से रास्ते में मूसलाधार बारिश शुरू हो गई.

अचानक पहाड़ी नदी में आई बाढ़ के कारण टापू में फंसे श्रद्धालु

तेज बारिश की वजह से सभी एक वीरान टापू में जा फंसे. सभी श्रद्धालुओं ने पानी के रुकने का इंतजार किया, लेकिन तभी एक और आफत सामने आ गई. तेज बारिश के कारण अचानक से पहाड़ी नदी में बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो गए. नदी उफान मार रही थी. खौफनाक मंजर देखकर टापू में फंसे सभी श्रद्धालुओं की जान हलक पर आकर अटकी हुई थी, फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और तत्काल पुलिस को घटना की सूचना दी.

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SDERF की टीम ने कड़ी मशक्कत कर बाहर निकाली

सूचना मिलते पुलिस की टीम घटना स्थल पर पहुंच गई. उन्होंने आपदा प्रबंधन के अधिकारियों को इसकी सूचना दी. प्रशासनिक आधिकारी तत्काल सतर्क हुए और मौके पर पहुंचने के लिए DRP और SDERF की टीम को रवाना किया. शाम तकरीबन 6:00 बजे टीम मौके पर पहुंच गई. बचाव दल ने टापू में फंसे लोगों को बाहर निकलने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरु किया. तकरीबन 7 घंटे तक चले रेस्क्यू अभियान में बचाव दल को सफलता मिली. टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद मौत के मुहाने पर खड़े सभी 12 श्रद्धालुओं को सुरक्षित टापू से बाहर निकाल लिया. जिसके बाद टापू में फंसे सभी लोगों के जान में जान आई और उन्होंने रेस्क्यू टीम की सराहना की. साथ ही बचाव दल के सभी सदस्यों का धन्यवाद किया.

रीवा: जिले के सोहागी थाना क्षेत्र में शुक्रवार को 12 श्रद्धालुओं की जान अचानक से सांस में अटक गई. सभी श्रद्धालु एमपी और यूपी की सीमा से लगे चोरा पहाड़ में स्थित देवी मंदिर में वासुदेई माता के दर्शन करने गए थे. देर शाम को वापस लौटते वक्त अचनक से मूसलाधार बारिश शुरू हो गई. बारिश का पानी पहाड़ी नदी में आया और देखते ही देखते नदी का जलस्तर बढ़ गया. जिसके बाद सभी श्रद्धालु एक वीरान टापू मे फंस गए. तेजी से नदी के जलस्तर को बढ़ता देख कर श्रद्धालुओं की धड़कने बढ़ने लगी. जिसके बाद उन्होंने आपदा प्रबंधन को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस और SDERF की टीम ने 7 घंटे का रेस्क्यू अभियान चलाकर 12 श्रद्धालुओं की जान बचाई.

पहाड़ी में तेज बारिश होने के कारण नदी में अचानक आई बाढ़ (ETV Bharat)

मंदिर दर्शन करने गए 12 श्रद्धालु पहाड़ में फंसे

घटना एमपी और यूपी की सीमा से लगे सोहागी थाना क्षेत्र अंतर्गत बारी चोरा के पहाड़ की है. रीवा स्थित रायपुर सोनौरी गांव के निवासी एक ही परिवार के 12 सदस्य शुक्रवार की दोपहर चोरा के पहाड़ में स्थित प्रसिद्ध देवी के धाम पर मां वासुदेई के दर्शन करने मंदिर गए थे. देवी धाम का रास्ता काफी दुर्गम है. वहां पहुंचने के लिए पहाड़ी नदी को पार करना पड़ता है. सभी श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की और मंदिर परिसर में ही भोजन पकाकर उसका सेवन किया. देर शाम जब वह मन्दिर परिसर से घर जाने के लिए लौटने लगे तो अचानक से रास्ते में मूसलाधार बारिश शुरू हो गई.

अचानक पहाड़ी नदी में आई बाढ़ के कारण टापू में फंसे श्रद्धालु

तेज बारिश की वजह से सभी एक वीरान टापू में जा फंसे. सभी श्रद्धालुओं ने पानी के रुकने का इंतजार किया, लेकिन तभी एक और आफत सामने आ गई. तेज बारिश के कारण अचानक से पहाड़ी नदी में बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो गए. नदी उफान मार रही थी. खौफनाक मंजर देखकर टापू में फंसे सभी श्रद्धालुओं की जान हलक पर आकर अटकी हुई थी, फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और तत्काल पुलिस को घटना की सूचना दी.

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SDERF की टीम ने कड़ी मशक्कत कर बाहर निकाली

सूचना मिलते पुलिस की टीम घटना स्थल पर पहुंच गई. उन्होंने आपदा प्रबंधन के अधिकारियों को इसकी सूचना दी. प्रशासनिक आधिकारी तत्काल सतर्क हुए और मौके पर पहुंचने के लिए DRP और SDERF की टीम को रवाना किया. शाम तकरीबन 6:00 बजे टीम मौके पर पहुंच गई. बचाव दल ने टापू में फंसे लोगों को बाहर निकलने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरु किया. तकरीबन 7 घंटे तक चले रेस्क्यू अभियान में बचाव दल को सफलता मिली. टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद मौत के मुहाने पर खड़े सभी 12 श्रद्धालुओं को सुरक्षित टापू से बाहर निकाल लिया. जिसके बाद टापू में फंसे सभी लोगों के जान में जान आई और उन्होंने रेस्क्यू टीम की सराहना की. साथ ही बचाव दल के सभी सदस्यों का धन्यवाद किया.

Last Updated : Aug 3, 2024, 8:00 AM IST
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