रीवा। जब भी कोई नवीन योजना को अमल में लाकर उसे धरातल पर उतारने का कार्य शुरु किया जाता तो अधिकारियों-कर्मचारीयों से लेकर ठेकदारों द्वारा उस योजना से काली कमाई करने की योजना तैयार कर ली जाती है. इसका जीता जगता उदाहरण रीवा में देखने को मिला. जिले के सिरमौर विधानसभा से ऐसा ही एक मामला समाने आया है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्त्वकांक्षी नल जल योजना को भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी और ठेकदारों की काली कमाई वाली नजर लग गई. काली कमाई की पोल उस वक्त खुल गई जब नल जल योजना के तहत बनाई गई नवीन पानी की टंकी पानी की सप्लाई चालू करते ही धराशायी हो गई.
पानी भरते ही चारों खाने चित हुई नवीन पानी की टंकी
मामला रीवा जिले के सिरमौर विधान सभा क्षेत्र स्थित लूक गांव का है. जिले भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्त्वकांक्षी योजना नल जल योजना के तहत पानी के पाइप लाईन बिछाने के साथ ही नवीन पानी की टंकियों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. लूक गांव में नल जल योजना के तहत बनी नवीन पानी की टंकी आज गुरुवार को उस वक्त चारों खाने चित्त होकर भरभरा कर धाराशाही हो गई जब उसमें पानी की सप्लाई शुरु की गई. घटना की तस्वीरों को देखकर ही इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है की कहीं न कहीं नल जल योजना में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ होगा.
प्रत्येक टंकी का निरक्षण जरूरी
जिले भर में चल रही नल जल योजना में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार होने की संभावना जताई जा सकती है. फिलहाल यह तो पहला ऐसा मामला है जिसमे पानी भरते ही नवीन पानी की टंकी पानी की सप्लाई शुरु होते ही उसका भार नहीं सह पाई, अचानक से जमीन पर धड़ाम हो गई. जिले भर में नल जल योजना के अंतर्गत कई पानी की टंकियों का निर्माण कार्य कराया जा चुका जबकि कई स्थानों में इसका निर्माण चल रहा है या निर्माण कार्य कराया जाना है. अधिकारियों को निर्माण कार्य के दौरान ही प्रत्येक पानी की टंकियों का निरक्षण करना चाहिए था. अगर एसा होता तो शायद लूक गांव में नल जल योजना के अंतर्गत बनी नवीन पानी की टंकी में पानी भरते ही वह धराशायी नहीं होती.
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जिला पंचायत CEO ने कहा, होगी मामले की जांच
पूरे मामले पर जिला पंचायत CEO संजय सौरभ सोनवणे का कहना है कि ''घटना की प्राथमिक रिपोर्ट उन्हें प्राप्त हुई है. उसमें बताया गया है कि टंकी का काम मानक के अनुसार नहीं हुआ था. जिस कंपनी या ठेकेदार ने इसका निर्माण कराया गया है उसे टर्मिनेट किया जा चुका था. शिकायत थी कि पानी की टंकी मानक के अनुसार नहीं थी, उसकी टेस्टिंग कराई जा रही थी जिसके चलते वह पहली टेस्टिंग में ही गिर गई. इसके बाद भी जो संबंधित ठेकेदार हैं उसको भी वैधानिक कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है. पहले ठेकेदार को टर्मिनेट किया जा चुका था जिसका किसी भी तरह से कोई भी भुगतान नहीं किया गया है. मामले की जांच कराई जाएंगी जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर वैधानिक कर्रवाई की जाएगी.''