रीवा: शहर के अमहिया मोहल्ले की रहने वाली होनहार बेटी आयशा अंसारी ने एमपीपीएससी राज्य सेवा परीक्षा पास करके विंध्य की धरती को गौरवान्वित किया है. शनिवार की देर रात राज्य सेवा आयोग 2022 परीक्षा के परिणामों की घोषणा होते ही आयशा के घर पर खुशियों की लहर दौड़ पड़ी. बड़ी संख्या में लोग बधाई देने के लिए उनके घर मिठाई लेकर पहुंचे. सभी ने मुंह मीठा कराकर आयशा को बधाई दी. बेटी की इस उपलब्धि से आयशा का पूरा परिवार और माता पिता बेहद खुश हैं. माता पिता का कहना है की बेटी आयशा ने उनकी आशा पूरी कर दी.
2 बार असफलता, अब बनी डिप्टी कलेक्टर
रीवा की आयशा अंसारी ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए डिप्टी कलेक्टर का पद हासिल कर लिया. रीवा के अमहिया मोहल्ले में रहने वाली आयशा अंसारी ने इस परीक्षा में 2 बार असफलता हाथ लगने के बाद भी हार नहीं मानी और अपनी कड़ी मेहनत और सच्ची लगन से पढ़ाई जारी रखी. लगातार मेहनत और लगन का नतीजा रहा कि उसने तीसरे अटेम्प्ट में बाजी मार दी और डिप्टी कलेक्टर बन गईं.
आयशा ने पूरी की माता पिता की आशा
आयशा की इस उपलब्धि में सबसे बड़ा योगदान उसके माता-पिता का है. इसके साथ वह इसका श्रेय पिता के दोस्तों,शिक्षकों के अलावा अपने दोस्तों को भी देती हैं. जिन्होंने हर कदम पर आयशा का साथ दिया.
आयशा अंसारी बताती हैं कि "इस मुकाम को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन से उन्होंने पढ़ाई की. बेटियों को अक्सर चूल्हे-चौके तक ही सीमित रखा जाता है लेकिन उनके माता-पिता का ऐसा मानना था कि बच्चियां भी पढ़ लिखकर अच्छा मुकाम हासिल कर सकती हैं और कलेक्टर भी बन सकती हैं. उसी का परिणाम आज देखने को मिला है. माता पिता का विश्वास रहा जिसके चलते मैंने लगातार मेहनत की और ये मुकाम हासिल किया."
'सेल्फ स्टडी से हासिल किया मुकाम'
आयशा ने प्राथमिक शिक्षा प्राइवेट स्कूल से ग्रहण की. इसके बाद 12 वीं कक्षा तक की पढ़ाई उन्होंने शासकीय कन्या विद्यालय प्रवीण कुमारी से हासिल की. उच्च शिक्षा आदर्श विज्ञान महाविद्यालय रीवा से ली.
आयशा अंसारी का कहना है कि "सेल्फ स्टडी से तैयारी करके ये सफलता प्राप्त करते हुए डिप्टी कलेक्टर के पद को प्राप्त किया है. इस दौरान कठिनाइयां तो बहुत आईं मगर माता पिता का काफी सहयोग प्राप्त हुआ. इस बार पूरा भरोसा था कि वह इस एग्जाम को क्लियर करके सफलता हासिल कर लेंगी."
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पिता मुस्लिम खान पेशे से हैं ऑटो ड्राइवर
आयशा एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं. पिता मुस्लिम खान पेशे से ऑटो चालक हैं जबकि माता ग्रहणी हैं. आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद भी पिता ने कभी हार नहीं मानी और बेटी को पढ़ाकर उसे प्रशासनिक अफसर बना दिया. आयशा के माता पिता बेटी की इस उपलब्धि से खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.
पिता मुस्लिम खान का कहना है कि "आयशा बड़ी ही होनहार बेटी है और हर घर में आयशा जैसी बेटी हो जो इस तरह के बड़े मुकाम हासिल करके अपने माता पिता के साथ ही अपने शहर, प्रदेश का नाम रोशन करे."