नई दिल्ली/गाजियाबाद: पश्चिम बंगाल के मेडिकल कॉलेज में महिला के साथ हुई बर्बरता पूर्व घटना के बाद देशभर में आक्रोश देखने को मिला. डॉक्टर ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन भी किया. इस दौरान अस्पतालों और डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया. गाजियाबाद के सभी सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को अब और पुख्ता किया गया है. गाजियाबाद के सरकारी अस्पतालों में सेवानिवृत्त जवान सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे. सरकारी अस्पतालों में सेवानिवृत्त जवानों की तैनाती की गई है.
गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल, संयुक्त अस्पताल और महिला अस्पताल में हर दिन हजारों की संख्या में ओपीडी में मरीज पहुंचते हैं. कई बार अस्पतालों में भारी भीड़ के चलते अव्यवस्था भी देखने को मिलती है. सरकारी अस्पतालों में बीते कई महीनो में मारपीट समेत करने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. हाल में अस्पताल से बच्चा गायब होने का मामला भी सामने आया था.
गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन के मुताबिक, एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) के अंतर्गत पूर्व में अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए गार्डों को रखने के निर्देश दिए गए थे. पूर्व सैनिक सैनिक कल्याण निगम द्वारा 47 सुरक्षा गार्ड (सेवानिवृत्त जवान) उपलब्ध कराए गए हैं. इसमें महिला और पुरुष गार्ड मौजूद हैं. अस्पतालों द्वारा दी गई आवश्यकता अनुसार सुरक्षा गार्ड की तैनाती की गई है. एमएमजी अस्पताल में 17, संयुक्त अस्पताल में 10, जिला महिला चिकित्सालय में 10, सीएचसी लोनी और मुरादनगर में पांच-पांच गार्ड्स उपलब्ध कराए हैं. सभी को तैनाती से पहले ब्रीफिंग दी गई है. एक सितंबर से तैनाती हुई है.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल 47 सेवानिवृत्ति जवानों की तैनाती की गई है. शुरुआती 2 दिनों में सकारात्मक फीडबैक देखने को मिला है. यदि भविष्य में और सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने की आवश्यकता होगी तो इस पर विचार किया जाएगा.
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