झालावाड़ : जिले के मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पताल में रविवार को कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी व उसकी निर्मम हत्या के विरोध में रविवार को रेजिडेंट डॉक्टर ने काली पट्टी बांधकर विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान रेजिडेंट डॉक्टर्स ने केंद्र सरकार से उनकी सुरक्षा के लिए जल्द सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की.
त्वरित और पारदर्शी जांच की मांग : रेजिडेंट डॉक्टर्स यूनियन के अध्यक्ष धर्मेंद्र मीणा ने बताया कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में सेकंड ईयर रेजिडेंट डॉक्टर की दुखद मौत के संबंध में वे आक्रोश व्यक्त करते हैं. उन्होंने कहा कि कोलकाता में हुई भयावह घटना से एक बार फिर देश में हमारे चिकित्सा संस्थानों की सुरक्षा प्रणालियों में गंभीर कमियां उजागर हुई हैं. हम ऐसे जघन्य अपराध में त्वरित और पारदर्शी जांच की मांग करते हैं. उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार हमारे जीवन और कल्याण की सुरक्षा के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट के कार्यान्वयन में तेजी लाएं.
सख्त सजा की मांग : धर्मेंद्र मीणा ने कहा कि जांच रिपोर्ट में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की पुष्टि हुई है. ऐसे में इस अपराध के लिए आरोपी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग करते हैं. इस दुख की घड़ी में हम पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं. बता दें कि शुक्रवार को कोलकाता के आरजी कर कॉलेज के सेमिनार हॉल में एक ट्रेनी डॉक्टर की अर्ध नग्न लाश मिली थी. रिपोर्ट के मुताबिक महिला के प्राइवेट पार्ट, आंख-मुंह, चेहरे सहित कई अंगों को निशाना बनाकर हैवानियत की गई थी. घटना के बाद मेडिकल स्टूडेंट्स भाजपा व कांग्रेस सहित वाम दलों ने अस्पताल के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया था और पश्चिम बंगाल से मामले को लेकर CBI जांच की मांग की थी.
जोधपुर एम्स में निकाला कैंडल मार्च : रविवार शाम को जोधपुर एम्स के मेडिकोज ने अस्पताल परिसर में कैंडल मार्च निकालकर इस घटना का विरोध जताया. साथ ही इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की. एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. लोकेश चौधरी, डॉ. दिप्रा विश्वास, डॉ. स्वरूप, डॉ. दीपक मीणा, डॉ. मेधा, डॉ. अब्बास और डॉ. दीपिका ने बताया कि इस जघन्य अपराध ने चिकित्सा समुदाय को स्तब्ध और दुखी कर दिया है. रेजिडेंट डॉक्टर पूरे देश में बिना सुरक्षा के काम करते हैं. ऐसे में अब हर मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा चाहिए. मृतका के लिए न्याय की मांग के लिए हमने कैंडल मार्च निकाला है. सभी रेजीडेंट की मांग है कि पश्चिम बंगाल सरकार इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करे.