श्रीनगर: इन दिनों देशभर में लोकसभा चुनाव की धूम है. उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर भी सियासी संग्राम जारी है. इन पांच सीटों में गढ़वाल लोकसभा सीट पर इस बार रोचक मुकाबला है. इस सीट पर कांग्रेस कैंडिडेट गणेश गोदियाल, बीजेपी के अनिल बलूनी को टक्कर दे रहे हैं. इन दोनों के अलावा इस सीट पर एक कैंडिडेट अपनी पढ़ाई और संपति को लेकर चर्चाओं में हैं. इस कैंडिडेट का नाम रेशमा पंवार है.
बता दें रेशमा पंवार गढ़वाल लोकसभा सीट से चुनाव समर में ताल ठोक रही हैं. रेशमा पंवार गढ़वाल लोकसभा सीट पर खड़े सभी कैंडिडेट में सबसे अधिक पढ़ी लिखी हैं. रेशमा पंवार वर्तमान में गढ़वाल केन्द्रीय विवि से हिंदी विषय से पीएचडी कर रही हैं. पूर्व में रेशमा बीए, बीएड, एमए हिंदी से पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं. इसके साथ ही उत्तराखंड लोकसभा चुनाव के कैंडिडेट्स में रेशमा सबसे गरीब उमीदवार भी हैं. रेशमा पंवार के पास 4 हजार की नकदी है. ये नकदी भी उन्हें मिलने वाली स्कालरशिप से ही प्राप्त हुई है.
चुनावी अभिलेखों के अनुसार मूल रूप से रुद्रप्रयाग जनपद के दरमोड़ा भरदार की रहने वाली रेशमा पंवार ने अपनी शुरुआती शिक्षा स्वलिसेम गांव से की. उसके बाद हायर एजुकेशन के लिए उन्होंने श्रीनगर का रुख किया. रेशमा अभी गढ़वाल केन्द्रीय विवि से हायर एजुकेशन कर रही हैं. रेशमा पंवार ने ईटीवी से बात करते हुए कहा इन दिनों प्रदेश भर में दल बदल की राजनीति चरम पर है. हर कोई अपनी निजी हितों के लिए दल बदल कर रहा है. गरीबों की आवा दब रही है. चुनाव में जन मुद्दे गायब हैं. वे इन जन मुद्दों को लेकर चुनावी समर में उतर रही हैं. उन्होंने बताया वे पैदल ही चुनाव प्रचार में जुटी हैं. वे गांवों में जाकर लोगों से मिलकर उनकी बात सुन रही हैं.
रेशमा पंवार ने कहा आज जनता के बीच के मुद्दों को उठाने के बजाय राष्ट्रीय पार्टियां आरोप प्रत्यारोप की राजनीति कर रही हैं. उन्होंने कहा हायर एजुकेशन महंगी होती जा रही है. अग्निवीर योजना के बाद युवा घर पर बेरोजगारी के दिन काट रहे हैं. प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. अंकिता भंडारी को आज तक न्याय नहीं मिला है. इन सभी मुद्दों को लेकर वे जनता के बीच जा रही हैं. रेशमा पंवार ने बताया वे एसयूसीआई कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ रही हैं. वे वर्तमान में एआईडीएसओ आल इंडिया काउंसिल की मेम्बर भी हैं.