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राजकीय होम्योपैथ कॉलेज का होगा अपना रिसर्च सेंटर, शासन ने दी मंजूरी

lucknow Homeopathy College: राजकीय होम्योपैथ कॉलेज में रिसर्च सेंटर बनने जा रहा है. कॉलेज को शासन से मंजूरी मिल गई है.

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राजकीय होम्योपैथ कॉलेज (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

लखनऊ: गोमतीनगर स्थित राजकीय होम्योपैथ कॉलेज एवं चिकित्सालय में अपना रिसर्च सेंटर बनेगा. कॉलेज प्रशासन की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर शासन से मंजूरी मिल गई है. बजट मिलते ही सेंटर बनाने की कवायद तेज कर दी जाएगी.

कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. विजय पुष्कर ने बताया, कि लोगों का विश्वास होम्यपैथी पर बढ़ रहा है. इसके अलावा गंभीर बीमारियों को लेकर लोगों में जो मिथ्य हैं, उन्हें दूर करने के लिए शोध होना जरूरी है. इसके लिए कॉलेज परिसर में ही रिसर्च सेंटर बनाने की तैयारी की जा रही है. बजट मिलते ही रिसर्च सेंटर को शुरु करने की कवायद तेज कर दी जाएगी. उन्होंने बताया, कि वर्तमान में कैंसर जैसे गंभीर मरीज भी इलाज के लिए आ रहे हैं. जो बड़े चिकित्सा संस्थानों से इलाज कराकर हताश और निराश हो चुके हैं.

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होम्यपैथ डॉ. आरके कश्यप ने बताया, कि अभी कॉलेज में ऑर्थराइटिस और ह्यूमेराइटिस पर शोध चल रहा है. जिसे 200 मरीजों पर एक वर्ष से किया जा रहा है, जो एक वर्ष और चलेगा. इसके बाद ही शोध को पब्लिश किया जाएगा. लेकिन, अभी शोध के लिए कोई उचित जगह और उपकरण उपलब्ध न होने के चलते कुछ दिक्कतें आ रही हैं. जो बजट मिलने के बाद पूरी हो जाएंगी. उन्होंने बताया, कि ओपीडी में ऑर्थराइटिस के मरीजों की संख्या इन दिनों बढ़ती जा रही है. इसके गंभीर मरीजों को देखते हुए ऑर्थराइटिस पर शोध करने का विचार किया गया है.

यह भी पढ़े-सरकारी डॉक्टर लेते हैं केवल दाम उनकी जगह प्राइवेट आदमी करते हैं काम, देखिए खास रिपोर्ट

लखनऊ: गोमतीनगर स्थित राजकीय होम्योपैथ कॉलेज एवं चिकित्सालय में अपना रिसर्च सेंटर बनेगा. कॉलेज प्रशासन की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर शासन से मंजूरी मिल गई है. बजट मिलते ही सेंटर बनाने की कवायद तेज कर दी जाएगी.

कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. विजय पुष्कर ने बताया, कि लोगों का विश्वास होम्यपैथी पर बढ़ रहा है. इसके अलावा गंभीर बीमारियों को लेकर लोगों में जो मिथ्य हैं, उन्हें दूर करने के लिए शोध होना जरूरी है. इसके लिए कॉलेज परिसर में ही रिसर्च सेंटर बनाने की तैयारी की जा रही है. बजट मिलते ही रिसर्च सेंटर को शुरु करने की कवायद तेज कर दी जाएगी. उन्होंने बताया, कि वर्तमान में कैंसर जैसे गंभीर मरीज भी इलाज के लिए आ रहे हैं. जो बड़े चिकित्सा संस्थानों से इलाज कराकर हताश और निराश हो चुके हैं.

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होम्यपैथ डॉ. आरके कश्यप ने बताया, कि अभी कॉलेज में ऑर्थराइटिस और ह्यूमेराइटिस पर शोध चल रहा है. जिसे 200 मरीजों पर एक वर्ष से किया जा रहा है, जो एक वर्ष और चलेगा. इसके बाद ही शोध को पब्लिश किया जाएगा. लेकिन, अभी शोध के लिए कोई उचित जगह और उपकरण उपलब्ध न होने के चलते कुछ दिक्कतें आ रही हैं. जो बजट मिलने के बाद पूरी हो जाएंगी. उन्होंने बताया, कि ओपीडी में ऑर्थराइटिस के मरीजों की संख्या इन दिनों बढ़ती जा रही है. इसके गंभीर मरीजों को देखते हुए ऑर्थराइटिस पर शोध करने का विचार किया गया है.

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