करनाल: हरियाणा में दबखेड़ी गांव के पास से निकल रही ड्रेन में बुधवार को एक मगरमच्छ दिखाई दिया, जिसे देख ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. ग्रामीणों ने गोताखोर प्रगट सिंह को कॉल कर मौके पर बुलाया, जिसके बाद गोताखोर ने मगरमच्छ का सफल रेस्क्यू किया. बता दें कि पिछले 15 दिनों में गोताखोर प्रगट सिंह ने ये तीसरा सफल मगरमच्छ रेस्क्यू किया है. रेस्क्यू के बाद मगरमच्छ को ब्रीडिंग सेंटर भेज दिया गया है, जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली.
कई सालों से मगरमच्छों का खौफ : प्रगट सिंह ने बताया कि कुरुक्षेत्र और पिहोवा के बीच के कई गांवों में कई सालों से मगरमच्छों का खौफ बना हुआ था, क्योंकि कुछ साल पहले आई बाढ़ में भोर सैयदा गांव में बने हुए मगरमच्छ ब्रीडिंग सेंटर के ओवर फ्लो होने के चलते ये मगरमच्छ यहां से निकलकर आसपास के गांवों के तालाब और नहरों में चले गए. बुधवार को ग्रामीणों ने गांव के पास से निकल रही ड्रेन पर हलचल देखी, तो पाया कि वो मगरमच्छ था. खौफ में आए ग्रामीणों ने प्रगट सिंह को कॉल किया, तब उन्होंने मौके पर पहुंचकर मगरमच्छा का रेस्क्यू किया.
तारों में फंसा हुआ था मगरमच्छ : प्रगट सिंह ने बताया कि मगरमच्छ करीब 3 फुट का है और वह यहां पर तारों में फंसा हुआ था, जिसके चलते वह एक स्थान पर ही अपने आप को तार से मुक्त करवाने के लिए कोशिश रहा था. उसको पकड़ने में उनको काफी मेहनत करनी पड़ी है. उन्होंने बताया कि करीब 15 दिन पहले भी पास ही के गांव से दो मगरमच्छ पकड़े हैं.
अब तक 21 मगरमच्छों का कर दिया रेस्क्यू : उन्होंने कहा कि मगरमच्छ पकड़ने के बाद इसकी सूचना वन विभाग को दे दी गई है. वन विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर मगरमच्छ को कब्जे में ले लिया और उसको मगरमच्छ ब्रीडिंग सेंटर में छोड़ने के लिए ले जाया गया है. उन्होंने कहा कि यहां आस-पास के गांव में मगरमच्छों का खौफ अभी भी जारी है. अभी तक उन्होंने इस मगरमच्छ समेत 21 मगरमच्छों को रेस्क्यू किया है.
इसे भी पढ़ें : सरिस्का टाइगर रिजर्व से भटके टाइगर का सफल रेस्क्यू, 87 दिनों से झाबुआ रिजर्व फॉरेस्ट में था