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दिल्ली पुलिस को न्यूजक्लिक मामले में UAPA के तहत केस चलाने की अनुमति मिली - NewsClick case

दिल्ली पुलिस को न्यूजक्लिक मामले में यूएपीए के तहत केस चलाने की अनुमति मिल गई है. दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक और उसके संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ यूएपीए मामले में 30 मार्च को लगभग 8,000 पन्नों वाला अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया है.

प्रबीर पुरकायस्थ
प्रबीर पुरकायस्थ
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By PTI

Published : Apr 16, 2024, 5:33 PM IST

नई दिल्ली: न्यूजक्लिक मामले में दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि न्यूजक्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक मंजूरी मिल गई है. अब न्यायाधीश ने इस मामले को 30 अप्रैल को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.

गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत, एक स्वतंत्र प्राधिकारी जांच एजेंसी द्वारा एकत्र किए गए सबूतों की समीक्षा के बाद किसी आरोपी पर मुकदमा चलाने के बारे में सक्षम प्राधिकारी (केंद्र या राज्य सरकार) को सिफारिश करता है. मंजूरी देनी है या नहीं, यह तय करना सक्षम प्राधिकारी का काम है. अदालत ने जनवरी में न्यूजक्लिक के एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी.

न्यायाधीश ने मामले में गिरफ्तार चक्रवर्ती को भी उसके आवेदन पर माफ कर दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि उसके पास "महत्वपूर्ण जानकारी" थी जिसे वह दिल्ली पुलिस को बताना चाहता था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले साल 3 अक्टूबर को चक्रवर्ती और प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ्तार किया था. वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.

बता दें, न्यूयॉर्क टाइम्स में खबर छपी थी कि न्यूजक्लिक को चीनी प्रोपेगेंडा को बढ़ाने के लिए पैसे मिले थे. खबर के मुताबिक, अमेरिकी मिलियनेर नेविली रॉय सिंघम ने न्यूजक्लिक को चीनी प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देने के लिए पैसे दिए थे. 3 अक्टूबर, 2023 को इस मामले में कई पत्रकारों, यूट्यूबर और कार्टूनिस्ट के यहां छापा डाला गया था. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक, न्यूजक्लिक को चलाने वाली कंपनी पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड ने देश को बदनाम करने के लिए पेड न्यूज के जरिए विदेशों से धन हासिल किया था.

नई दिल्ली: न्यूजक्लिक मामले में दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि न्यूजक्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक मंजूरी मिल गई है. अब न्यायाधीश ने इस मामले को 30 अप्रैल को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.

गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत, एक स्वतंत्र प्राधिकारी जांच एजेंसी द्वारा एकत्र किए गए सबूतों की समीक्षा के बाद किसी आरोपी पर मुकदमा चलाने के बारे में सक्षम प्राधिकारी (केंद्र या राज्य सरकार) को सिफारिश करता है. मंजूरी देनी है या नहीं, यह तय करना सक्षम प्राधिकारी का काम है. अदालत ने जनवरी में न्यूजक्लिक के एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी.

न्यायाधीश ने मामले में गिरफ्तार चक्रवर्ती को भी उसके आवेदन पर माफ कर दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि उसके पास "महत्वपूर्ण जानकारी" थी जिसे वह दिल्ली पुलिस को बताना चाहता था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले साल 3 अक्टूबर को चक्रवर्ती और प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ्तार किया था. वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.

बता दें, न्यूयॉर्क टाइम्स में खबर छपी थी कि न्यूजक्लिक को चीनी प्रोपेगेंडा को बढ़ाने के लिए पैसे मिले थे. खबर के मुताबिक, अमेरिकी मिलियनेर नेविली रॉय सिंघम ने न्यूजक्लिक को चीनी प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देने के लिए पैसे दिए थे. 3 अक्टूबर, 2023 को इस मामले में कई पत्रकारों, यूट्यूबर और कार्टूनिस्ट के यहां छापा डाला गया था. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक, न्यूजक्लिक को चलाने वाली कंपनी पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड ने देश को बदनाम करने के लिए पेड न्यूज के जरिए विदेशों से धन हासिल किया था.

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