देहरादून: एनजीटी के आदेश के बाद मलिन बस्तियों में अतिक्रमण की कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है. एनजीटी के आदेश के बाद नगर निगम ने रिस्पना किनारे बने अवैध 524 अतिक्रमण चिन्हित किए थे. जिसमें दून नगर निगम, एमडीडीए, राजस्व और नगर पालिका मसूरी की भूमि पर अतिक्रमण किया गया था. इन सभी ने अतिक्रमण पर कार्रवाई करके रिपोर्ट नगर निगम को दे दी है. अब नगर निगम सभी के शपथ पत्र तैयार करेगा उसके बाद रिपोर्ट को 24 जुलाई से पहले हाई कोर्ट में जमा किया जाएगा.
बता दें कि एनजीटी के निर्देश पर रिस्पना नदी के किनारे 27 किलोमीटर में साल 2016 के बाद किए गए निर्माण के सर्वे में कुल 524 अतिक्रमण चिह्नित किए गए थे.जिसमें 89 अतिक्रमण नगर निगम की भूमि, 12 अतिक्रमण नगर पालिका मसूरी और 11 अतिक्रमण राजस्व भूमि पर पाए गए थे. नगर निगम के नियंत्रण में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए जिस भूमि को एमडीडीए के नियंत्रण में दिया गया था, उस पर 412 से अधिक अतिक्रमण होने की बात सामने आई थी. नगर निगम द्वारा आपत्तियों की सुनवाई के बाद 74 अतिक्रमण की अंतिम सूची तैयार की गई थी और संशोधन के बाद चूना भट्टा, दीपनगर और बॉडीगार्ड बस्ती में कुल 64 निर्माण ध्वस्त किए गए थे.
एमडीडीए की ओर से रिवर फ्रंट की जमीनों पर किए गए 412 कब्जों को लेकर नोटिस दिया गया था, लेकिन आपत्तियों की जांच और परीक्षण के बाद एमडीडीए की भूमि पर चिन्हित 250 अवैध निर्माण की सूची तैयार की गई. जिसके बाद एमडीडीए ने कार्रवाई करते हुए मलिन बस्ती, वीर गब्बर सिंह बस्ती और काठ बंगला में 61 अतिक्रमण को ध्वस्त करने की कार्रवाई की थी. साथ ही 45 घरों का सत्यापन बाकी है, इसके लिए भवन स्वामियों से एमडीडीए द्वारा कागज मांगे गए हैं. कागजों के सत्यापन के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. नगर पालिका मसूरी ने 12 अतिक्रमण और सदर ने राजस्व भूमि पर किए गए 11 अतिक्रमण को ध्वस्त करने की कार्रवाई की है.
जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि एनजीटी के आदेश के बाद चारों विभाग ने अपनी कार्रवाई की रिपोर्ट भेज दी है. रिपोर्ट आने के बाद अब सभी का शपथ पत्र तैयार करके नगर निगम द्वारा 22 जुलाई से पहले रिपोर्ट को हाई कोर्ट में जमा किया जाएगा.
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