जयपुर. शहर की किराया अधिकरण अदालत क्रम-2, महानगर प्रथम ने पूर्व राजपरिवार की संपत्ति पर रह रहे परिवार को अतिक्रमी मानते हुए उसे कब्जा खाली करने को कहा है. अदालत ने संबंधित परिवार को कहा है कि वह मीन्स प्रोफिट के तौर पर 10,500 रुपए और दावा दायर करने की तिथि से कब्जा संभलवाने तक पन्द्रह सौ रुपए प्रतिमाह कर दर से वादी कंपनी को अदा करे. अदालत ने यह आदेश एसएमएस इंवेस्टमेंट कारपोरेशन प्रा.लि. की ओर से वर्ष 2004 में पेश दावे का निस्तारण करते हुए दिए.
दावे में अधिवक्ता रामजीलाल गुप्ता ने अदालत को बताया कि प्रतिवादी शेरसिंह के पिता भंवर सिंह जयपुर स्टेट के पूर्व महाराजा सर सवाई मानसिंह के यहां कार्यरत थे. सेवाकाल के दौरान उन्हें रहने के लिए रामबाग स्टाफ क्वाटर्स स्थित क्वार्टर संख्या 25 निशुल्क लाइसेंस पर दिया था. भंवर सिंह के रिटायर होने के बाद उनका देहांत को गया.
इस दौरान वादी ने प्रतिवादी पक्ष को कई बार कब्जा खाली करने को कहा, लेकिन उन्होंने अब तक परिसर खाली नहीं किया. वहीं, प्रतिवादी की ओर से कहा गया कि मानसिंह ने उसके पिता को यह परिसर दान में दी थी. इसके चलते वह इस संपत्ति के मालिक बन गए, लेकिन उनकी मौत होने के बाद वादी यह संपत्ति लेना चाहती है. दोनों पक्षों की बहस सुनने ने बाद अदालत ने परिसर खाली कर वादी कंपनी को कब्जा देने को कहा है.