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बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की वैदिक प्रक्रिया का आज चौथा दिन, मां लक्ष्मी को कढ़ाई प्रसाद चढ़ाकर की जाएगी ये विनती - BADRINATH DHAM DOOR CLOSE PROCESS

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रकियाएं चल रही है. पूजा के चौथा दिन मां लक्ष्मी मंदिर में पूजा-अर्चना कर कढ़ाई प्रसाद चढ़ाया जाएगा.

Badrinath Dham
बदरीनाथ धाम (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 16, 2024, 10:20 AM IST

चमोली: भूबैकुंठ नगरी बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने में कम ही समय बचा है. 17 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. वहीं कपाट बंद होने से पहले तीर्थ यात्रियों से बदरीपुरी गुलजार है. इधर बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा कपाट बंद करने की तैयारियां भी अपने अंतिम चरण में है. कपाट बंद होने की वैदिक परंपरा के तहत जहां आज पंच पूजा का चौथा दिन है. पूजा के चौथा दिन मां लक्ष्मी की पूजा कर कढ़ाई प्रसाद चढ़ाया जाएगा और मां लक्ष्मी से बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह में विराजमान होने की प्रार्थना करेंगे. वहीं कपाट बंद होने से पहले बदरीनाथ धाम को गेंदे के फूलों से सजाया जाएगा.

बदरीनाथ धाम में वेद ऋचाओं का वाचन बंद: बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तीसरे दिन शुक्रवार देर शाम से बदरीनाथ धाम में वेद ऋचाओं का वाचन शीतकाल हेतु रूक गया व विधिवत रूप से वेद उपनिषद ग्रंथों को बंद किया गया. रविवार 17 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर शीतकाल हेतु बंद कर दिए जाएंगे. शुक्रवार को पंचपूजा के तीसरे दिन पंचपूजा में प्रातःकाल रावल अमरनाथ नंबूदरी तथा बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल की उपस्थिति में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल वेदपाठी रविंद्र भट्ट तथा अमित बंदोलिया ने वेद उपनिषद को बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह में पूजा-अर्चना हेतु रावल के सुपुर्द किया.

धर्माधिकारी ने धार्मिक पुस्तकों को किया बंद: देर शाम धार्मिक पुस्तकों को मंदिर गर्भगृह से धर्माधिकारी वेदपाठियों के हवाले किया गया व इसके बाद धर्माधिकारी ने विधिवत पुस्तकों को बंद किया. इसी के साथ बीते देर शाम से वेद ऋचाओं का वाचन शीतकाल हेतु बंद हो गया है. वहीं इस दौरान मंदिर में अभिषेक पूजा तथा सामान्य पूजा-अर्चना संचालित होती रहेंगी. उल्लेखनीय है कि बीते बुधवार 13 नवंबर को गणेश मंदिर के कपाट बंद हो गये थे. इसी क्रम में पंचपूजा के दूसरे दिन केदारेश्वर तथा आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद हुए. 15 नवंबर को सायंकाल वेद पुस्तकों की पूजा-अर्चना, खडग-पुस्तक पूजा संपन्न होने के बाद तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो गया.

मां लक्ष्मी को गर्भगृह में विराजमान होने की करेंगे प्रार्थना: पंचपूजा के चौथे दिन आज शनिवार मध्यान्ह में रावल, धर्माधिकारी वेदपाठी, एवं लक्ष्मी मंदिर के पुजारीगण मां लक्ष्मी मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ ही कढ़ाई प्रसाद चढ़ाएंगे. साथ ही मां लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह में विराजमान होने की प्रार्थना करेंगे. वहीं बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या 14 लाख का आकंड़ा पार कर चुकी है. बदरीनाथ धाम में अब तक 14 लाख 11 हजार 258 श्रद्धालुओं ने दर्शन कर चुके हैं.
पढ़ें-बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की धार्मिक प्रक्रिया 'वैदिक पंच पूजा' का आज दूसरा दिन, ये कार्यक्रम होंगे

चमोली: भूबैकुंठ नगरी बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने में कम ही समय बचा है. 17 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. वहीं कपाट बंद होने से पहले तीर्थ यात्रियों से बदरीपुरी गुलजार है. इधर बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा कपाट बंद करने की तैयारियां भी अपने अंतिम चरण में है. कपाट बंद होने की वैदिक परंपरा के तहत जहां आज पंच पूजा का चौथा दिन है. पूजा के चौथा दिन मां लक्ष्मी की पूजा कर कढ़ाई प्रसाद चढ़ाया जाएगा और मां लक्ष्मी से बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह में विराजमान होने की प्रार्थना करेंगे. वहीं कपाट बंद होने से पहले बदरीनाथ धाम को गेंदे के फूलों से सजाया जाएगा.

बदरीनाथ धाम में वेद ऋचाओं का वाचन बंद: बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तीसरे दिन शुक्रवार देर शाम से बदरीनाथ धाम में वेद ऋचाओं का वाचन शीतकाल हेतु रूक गया व विधिवत रूप से वेद उपनिषद ग्रंथों को बंद किया गया. रविवार 17 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर शीतकाल हेतु बंद कर दिए जाएंगे. शुक्रवार को पंचपूजा के तीसरे दिन पंचपूजा में प्रातःकाल रावल अमरनाथ नंबूदरी तथा बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल की उपस्थिति में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल वेदपाठी रविंद्र भट्ट तथा अमित बंदोलिया ने वेद उपनिषद को बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह में पूजा-अर्चना हेतु रावल के सुपुर्द किया.

धर्माधिकारी ने धार्मिक पुस्तकों को किया बंद: देर शाम धार्मिक पुस्तकों को मंदिर गर्भगृह से धर्माधिकारी वेदपाठियों के हवाले किया गया व इसके बाद धर्माधिकारी ने विधिवत पुस्तकों को बंद किया. इसी के साथ बीते देर शाम से वेद ऋचाओं का वाचन शीतकाल हेतु बंद हो गया है. वहीं इस दौरान मंदिर में अभिषेक पूजा तथा सामान्य पूजा-अर्चना संचालित होती रहेंगी. उल्लेखनीय है कि बीते बुधवार 13 नवंबर को गणेश मंदिर के कपाट बंद हो गये थे. इसी क्रम में पंचपूजा के दूसरे दिन केदारेश्वर तथा आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद हुए. 15 नवंबर को सायंकाल वेद पुस्तकों की पूजा-अर्चना, खडग-पुस्तक पूजा संपन्न होने के बाद तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो गया.

मां लक्ष्मी को गर्भगृह में विराजमान होने की करेंगे प्रार्थना: पंचपूजा के चौथे दिन आज शनिवार मध्यान्ह में रावल, धर्माधिकारी वेदपाठी, एवं लक्ष्मी मंदिर के पुजारीगण मां लक्ष्मी मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ ही कढ़ाई प्रसाद चढ़ाएंगे. साथ ही मां लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह में विराजमान होने की प्रार्थना करेंगे. वहीं बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या 14 लाख का आकंड़ा पार कर चुकी है. बदरीनाथ धाम में अब तक 14 लाख 11 हजार 258 श्रद्धालुओं ने दर्शन कर चुके हैं.
पढ़ें-बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की धार्मिक प्रक्रिया 'वैदिक पंच पूजा' का आज दूसरा दिन, ये कार्यक्रम होंगे

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