उमरिया/मंडला। कान्हा नेशनल पार्क के सरही परिक्षेत्र स्थित रौंदा बीट से 11 बारासिंगों की आवक राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ में हो गई है. पार्क के अधिकारियों व कर्मियों ने करतल ध्वनि से नये मेहमानों का स्वागत किया. बारहसिंगों को फिलहाल मगधी जोन मे बनाए गये एक विशाल बाडे़ में रखा गया है. इसमें 3 नर एवं 8 मादा हैं. पूरी प्रक्रिया का नेतृत्व क्षेत्र संचालक कान्हा टायगर रिजर्व सुनील कुमार सिंह द्वारा किया गया. बता दें कि बायसन परियोजना की सफलता के बाद अब बांधवगढ़ मे बारहसिंगा प्रोजेक्ट शुरू किया गया है.
बायसन प्रोजेक्ट में 100 बारहसिंगा बसाने की योजना
इस प्रोजेक्ट के तहत यहां 100 बारहसिंगों को बसाने की योजना है. ये कान्हा और पन्ना से लाये जायेंगे. नेशनल पार्क बांधवगढ टाइगर रिजर्व से विलुप्त हो चुके बारहसिंगा को एक बार पुनः बसाने की चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट पर वन विभाग ने अमल शुरू कर दिया है. इस प्रकार बांधवगढ़ में अब तक मार्च 2023 में कान्हा से 11 नर और 8 मादा सहित 19 बारहसिंगा और मई 2023 में 18 बारहसिंगा और अब 11 बारसिंगा कान्हा से. इस तरह अब तक कुल 48 बारहसिंगा कान्हा से बांधवगढ़ भेजे जा चुके हैं. बांधवगढ में बारहसिंगा को रखने के लिए मगधी जोन में खास तरीके का 50 हेक्टेयर क्षेत्र में बड़ा इनक्लोजर (बाड़ा) तैयार किया गया है.
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बाड़ों में अजगर व बाघ नहीं घुस सकेंगे
इनक्लोजर की डिजाइन इस तरीके से तैयार की गई है कि इसमें बाघ के साथ ही अजगर जैसे सांप भी प्रवेश नहीं कर पाएंगे. तीन साल बाद जब ये बारहसिंगा बांधवगढ की आबोहवा में घुल-मिल जाएंगे, तब इन्हें स्वच्छंद विचरण के लिए खुले जंगल मे छोड़ दिया जायेगा. पूरे प्रोजेक्ट में इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि बारहसिंगा को उनके स्वभाव के अनुरूप वातावरण दिया जाए, जिससे वो न सिर्फ यहां पल और बढ़ सकें बल्कि वंशवृद्धि से उनका यह नया रहवास बन जाए.