श्रीनगर: ऐतिहासिक और पौराणिक कमलेश्वर महादेव मंदिर में आगामी 14 नवंबर को बैकुंठ चतुर्दशी पर्व पर खड़ा दीया अनुष्ठान होगा. यह अनुष्ठान संतान कामना के लिए की जाती है. मान्यता है कि खड़ा दीया अनुष्ठान करने वाले दंपति को संतान की प्राप्ति होती है. इस अनुष्ठान को लेकर अभी से ही मंदिर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. वहीं, कमलेश्वर महादेव मंदिर खड़ा दीया अनुष्ठान के लिए पंजीकरण भी शुरू हो गया है.
खड़ा दीया अनुष्ठान को लेकर पंजीकरण शुरू: प्रसिद्ध कमलेश्वर महादेव मंदिर में खड़ा दीया अनुष्ठान को लेकर पंजीकरण को लेकर अभी से ही निसंतान दंपतियों की होड़ लग गई है. यही वजह है कि अभी तक देश के विभिन्न हिस्सों से 46 दंपति पंजीकरण करवा चुके हैं. अगर कोई पंजीकरण करवाना चाहता है तो आगामी 14 नवंबर दोपहर 3 बजे तक करवा सकते हैं.
अभी तक 49 दंपति करवा चुके हैं पंजीकरण: कमलेश्वर महादेव मंदिर के महंत आशुतोष पुरी ने बताया कि आगामी 14 नवंबर खड़ा दीया अनुष्ठान किया जाएगा. अभी तक चेन्नई, जयपुर, दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, नोएडा समेत उत्तराखंड के 49 दंपति ने संतान प्राप्ति के लिए पंजीकरण करवाया है. उन्होंने बताया कि पिछले साल यानी साल 2023 में 175 निसंतान दंपतियों ने पंजीकरण करवाया था. वहीं, महंत आशुतोष पुरी के संपर्क नंबर 9412324526 पर कॉल कर पंजीकरण करवा सकते हैं.
![KHADA DIYA REGISTRATION KAMLESHWAR](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/07-10-2024/22625791_kamleshwar.png)
कमलेश्वर महादेव मंदिर परिसर को सजाने और संवारने का काम जारी: वहीं, सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर परिसर समेत बाहर के द्वार तक सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं. साथ ही मंदिर परिसर को सजाया और संवारा जा रहा है. अभी से ही मंदिर को भव्य तरीके से सजाया जा रहा है. माना जा रहा है कि इस बार बैकुंठ चतुर्दशी पर यह अनुष्ठान भव्य होगा.
कमलेश्वर महादेव मंदिर को लेकर ये है मान्यता: महंत आशुतोष पुरी ने बताया कि कमलेश्वर महादेव मंदिर में हर साल कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी की रात दंपति संतान की कामना के लिए भगवान शिव की पूजा करते हैं. मान्यता है कि दानवों पर विजय पाने के लिए भगवान विष्णु ने श्रीनगर के कमलेश्वर में स्थित शिव मंदिर में भगवान शिव से वरदान पाने के लिए तप किया था.
![KHADA DIYA REGISTRATION KAMLESHWAR](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/07-10-2024/22625791_kamleshwar-2.png)
वहीं, भगवान विष्णु, शिव के जाप करते हुए एक हजार कमल के पुष्प चढ़ाने लगे. भगवान शिव ने विष्णु की परीक्षा लेने के लिए एक कमल छुपा दिया था. एक कमल पुष्प कम होने से यज्ञ में कोई बाधा न पड़े. भगवान विष्णु ने अपना एक नेत्र अर्पित करने का संकल्प लिया. इससे प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ ने भगवान विष्णु को अमोघ सुदर्शन चक्र वरदान के रूप में दिया.
![KHADA DIYA REGISTRATION KAMLESHWAR](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/07-10-2024/22625791_kamleshwar-44.png)
इस दौरान मंदिर में पूजा करते हुए एक दंपति भगवान की इस लीला को देख रहे थे. मां पार्वती के अनुरोध पर भगवान शिव ने उस दंपति को संतान प्राप्ति का वरदान दिया. तब से यहां बैकुंठ चतुर्दशी पर्व पर दंपति संतान प्राप्ति के लिए खड़ा दीया अनुष्ठान करता है. ये भी मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण के वध के बाद ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति के लिए भी कमलेश्वर में शिव की आराधना की थी.
ये भी पढ़ें-