आगरा: देशभर में लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के मतदान के लिए शुक्रवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई. इस बीच आगरा की फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर भाजपा की फूट और बगावत खुलकर सामने आ गई है.
दरअसल, फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर तस्वीर बिल्कुल साफ हो गई है. क्योंकि, भाजपा के मौजूदा विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे चौधरी रामेश्वर ने निर्दलीय प्रत्याशी के लिए चुनाव मैदान में उतरने के लिए नामांकन पत्र खरीदा है. इससे भाजपा के मौजूदा सांसद व भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर की मुश्किल बढ़ गई है.
बता दें कि नामांकन प्रक्रिया के पहले दिन ही शुक्रवार को आगरा जिले की दोनों लोकसभा सीट से कुल 44 नामांकन पत्र खरीदे गए हैं. इसमें सबसे ज्यादा फतेहपुर सीकरी लोकसभा में 35 नामांकन पत्र खरीदे गए हैं. बता दें कि आगरा के दोनों लोकसभा सीट पर 7 मई को तीसरे चरण में चुनाव होंगे. इसके लिए पहले ही दिन 44 नामांकन पत्र विभिन्न राजनैतिक दलों व प्रत्याशियों ने खरीदे हैं. इसमें लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र 18-आगरा (सुरक्षित) में नौ नामांकन पत्र और लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र 19-फतेहपुर सीकरी में 35 नामांकन फार्म खरीदे गए हैं.
भाजपा विधायक के बेटे ठोंकेगे ताल
बता दें कि फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद राजकुमार चाहर पर विश्वास फिर जताया है. वहीं, फतेहपुर सीकरी से भाजपा के मौजूदा विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे चौधरी रामेश्वर ताल ठोंक रहे हैं. इससे भाजपा में बगावत को लेकर चर्चा गरम है. वहीं, अब रामेश्वर चौधरी ने नामांकन पत्र खरीदकर अपने मंसूबे साफ कर दिए हैं.
दरअसल, चौधरी रामेश्वर ने भाजपा हाई कमान से फतेहपुर सीकरी से टिकट की मांग की थी, लेकिन भाजपा ने यहां से अपना प्रत्याशी नहीं बदला. इसलिए यहां से चौधरी रामेश्वर ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
कांग्रेस और बसपा खेमे में खुशी
बता दें कि जिस तरह से फतेहपुर सीकरी सीट पर भाजपा की बगावत सामने आई है. उससे कांग्रेस और बसपा के खेमे में खुशी है. क्योंकि, भाजपा की बगावत का उन्हें लाभ होगा. क्योंकि, कांग्रेस प्रत्याशी रामनाथ सिकरवार और बसपा के रामनिवास शर्मा ने जाट वोट बैंक में सेंधमारी की रणनीति बनाई है. इससे भाजपा खेमे में हलचल बढ़ गई है.