पीलीभीत: पीलीभीत लोकसभा सीट के लिए कई दिन तक चली खींचतान के बाद आखिरकार भारतीय जनता पार्टी ने जितिन प्रसाद के नाम पर मोहर लगाते हुए उन्हें पीलीभीत लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार बनाया है जितिन प्रसाद के नाम की घोषणा के साथ ही भाजपा खेमे में बगावत भी शुरू हो गई है.
भाजपा में कुछ दिन पहले शामिल हुए पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा ने अपने भाई को कलेक्ट्रेट भेज कर नामांकन पत्र खरीद लिया है. ऐसे में आसार जताए जा रहे हैं कि हेमराज वर्मा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतर सकते हैं.
दरअसल वरुण गांधी बीते 3 साल से जनहित के मामलों पर अपनी ही सरकार की नीतियों के खिलाफ हमलावर थे. ऐसे में भाजपा खेमे के तमाम लोगों ने वरुण का टिकट काटने का पूर्वनुमान लगा लिया था. करीब 46 लोगों ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट के लिए आवेदन किया था.
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने कई दिन तक प्रत्याशी के चयन को लेकर मंथन किया, जिसके बाद कभी राहुल गांधी के करीबी रहे जितिन प्रसाद को पीलीभीत लोकसभा सीट का उम्मीदवार बनाया गया. जितिन प्रसाद सोमवार को पीलीभीत पहुंचे और उनका भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा जोरदार स्वागत किया गया.
इसी बीच पूर्व राज्य मंत्री हेमराज वर्मा के बगावत करने की खबर भी सामने आने लगी. हेमराज वर्मा के छोटे भाई पूर्व ब्लाक प्रमुख अरुण वर्मा व पूर्व राज्य मंत्री हेमराज वर्मा के निजी सचिव धर्मेंद्र सिंह भदोरिया मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे और नामांकन पत्र खरीद लिया.
जब नामांकन पत्र को लेकर पूर्व राज्य मंत्री के सचिव से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि उन्होंने यह नामांकन पत्र हेमराज वर्मा के लिए खरीदा है. पूर्व राज्यमंत्री हेमराज वर्मा से जब नामांकन पत्र खरीदने को लेकर बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि भले ही मुझे टिकट नहीं मिला हो लेकिन मैंने नामांकन पत्र खरीदा है. मैं अपने लोगों से विचार विमर्श करूंगा. मैंने बुधवार सुबह समर्थकों को अपने आवास पर बुलाया है. समर्थक अगर मुझे चुनाव लड़ने के लिए कहेंगे तो मैं निश्चित ही मैदान में उतारूंगा.