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क्या सच में होते हैं इच्छाधारी नाग नागिन, साइंस का एक सच और झूठ के सौ अफसाने - Ichhadhari Naag and Naagin exist

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 1, 2024, 7:20 PM IST

Updated : Sep 1, 2024, 8:41 PM IST

क्या वास्तव में धरती पर इच्छाधारी नाग नागिन होते हैं या फिर बस ये कल्पनाओं की एक कहानी भर है. सदियों से इच्छाधारी नाग नागिन की कहानी दादी नानी सुनाती रही हैं. अपनी इच्छा से अपना रुप बदल लेने वाले नाग नागिन के जोड़े पर कई फिल्में भी बन चुकी हैं. कल्पना और कहानियों में जरुर इच्छाधारी नाग नागिन की थ्योरी फिट बैठती है लेकिन हकीकत में कितना सच के करीब है आज हम आपको बताते हैं. तर्कशास्त्री की राय से भी आपको वाकिफ कराएंगे.

Really Ichhadhari Naag and Naagin exist
इच्छाधारी नाग (ETV Bharat)
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश मिश्रा (ETV Bharat)

रायपुर: क्या जहरीले सांप कभी इंसान का रुप भी धारण कर सकते हैं. क्या नाग नागिन का जोड़ा अपना रुप बदलकर इंसान बन सकता है. ये वो तमाम सवाल हैं जिसके जवाब आज भी लोग एक दूसरे से सवाल जवाब करते रहते हैं. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक नाग नागिन का जोड़ा पवित्र माना गया है. खुद भोलेनाथ शिव के गले में नाग हार की तरह लटका रहता है.

क्या सच में होते हैं इच्छाधारी नाग और नागिन: कई हिंदी फिल्मों में ये बताया गया है कि इच्छाधारी नाग और नागिन होते हैं. अगर नाग को कोई मार देता है तो नागिन उसका बदला लेती है. अगर नागिन मर जाती है तो नाग बदला लेता है. कई दशकों से इस थ्योरी पर हिंदी और कई दूसरी भाषाओं में फिल्में बनती रही हैं. ऐसी फिल्में पसंद भी की जाती रही हैं. पर क्या वास्तव में रुप बदलने वाले इच्छाधारी नाग नागिन होते हैं. साइंस का एक शब्द में जवाब है बिल्कुल नहीं. तर्कशास्त्री भी इसे अंधविश्वास और झूठ का पुलिंदा बताते हैं.

फिल्म और सीरियल से फैला भ्रम: अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश मिश्रा ने कहा कि" हिंदी फिल्मों और टीवी सीरियलों में लोगों के मनोरंजन के लिए इस तरह के एपिसोड बनाए गए. झूठ को ऐसे फैलाया गया जैसे वास्तव में वो सच बता रहे हैं. हालाकि कई फिल्में और सीरियल बनाने वालों ने फिल्म या एपिसोड की शुरुआत में ये डिसक्लेमर जरुर लगाया कि हमारी कहानी सिर्फ कल्पना पर आधारित है. सच्चाई से इसका कोई वास्ता नहीं है. पर कम पढ़े लिखे लोग दिखाई गई कहानियों को सच मान लेते हैं. गलती में इंसान की कम शिक्षा के अभाव की ज्यादा है. शिक्षा की कमी से इस तरह के विचार फैले."

''इच्छाधारी नाग के संबंध में किस्से कहानियां फिल्म और टीवी सीरियलों की देन है. ये उनके द्वारा फैलाई गई है. ऐसी बातें भ्रम पैदा करती हैं. झूठ को बढ़ावा देती हैं''. - डॉ दिनेश मिश्रा, अध्यक्ष, अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति, रायपुर

क्या कहते हैं अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के सदस्य ?: अंधविश्वास, पाखंड और सामाजिक कुरीतियों को उजागर करने वाली संस्था ''अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति'' के अध्यक्ष डाॅ. दिनेश मिश्र कहते हैं कि'' यह प्रकार का भ्रम है कि इच्छाधारी नाग होते हैं. वास्तव में यदि कोई भी प्राणी प्राकृतिक रूप से पैदा होता है, उनके पूर्वज होते हैं और माता-पिता के कारण यह पैदा होते हैं, तब कोई भी जीव या प्राणी अपने स्वरूप को नहीं बदल सकता है. जिस तरीके से कोई इंसान अपना स्वरूप नहीं बदल सकता है. उसी तरह से सांप, गाय, बैल, कुत्ते, भेड़, शेर कोई भी जीव अपना स्वरुप नहीं बदल सकता." अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति रायपुर के प्रमुख का मुताबिक इच्छाधारी नाग नागिन नहीं होते हैं. यह सिर्फ भ्रम और मिथ्या मात्र है.

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नाग को गले में डालकर ले रहा था झप्पी, तभी हुआ ये... - Nag Nagin in Koriya
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अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश मिश्रा (ETV Bharat)

रायपुर: क्या जहरीले सांप कभी इंसान का रुप भी धारण कर सकते हैं. क्या नाग नागिन का जोड़ा अपना रुप बदलकर इंसान बन सकता है. ये वो तमाम सवाल हैं जिसके जवाब आज भी लोग एक दूसरे से सवाल जवाब करते रहते हैं. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक नाग नागिन का जोड़ा पवित्र माना गया है. खुद भोलेनाथ शिव के गले में नाग हार की तरह लटका रहता है.

क्या सच में होते हैं इच्छाधारी नाग और नागिन: कई हिंदी फिल्मों में ये बताया गया है कि इच्छाधारी नाग और नागिन होते हैं. अगर नाग को कोई मार देता है तो नागिन उसका बदला लेती है. अगर नागिन मर जाती है तो नाग बदला लेता है. कई दशकों से इस थ्योरी पर हिंदी और कई दूसरी भाषाओं में फिल्में बनती रही हैं. ऐसी फिल्में पसंद भी की जाती रही हैं. पर क्या वास्तव में रुप बदलने वाले इच्छाधारी नाग नागिन होते हैं. साइंस का एक शब्द में जवाब है बिल्कुल नहीं. तर्कशास्त्री भी इसे अंधविश्वास और झूठ का पुलिंदा बताते हैं.

फिल्म और सीरियल से फैला भ्रम: अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश मिश्रा ने कहा कि" हिंदी फिल्मों और टीवी सीरियलों में लोगों के मनोरंजन के लिए इस तरह के एपिसोड बनाए गए. झूठ को ऐसे फैलाया गया जैसे वास्तव में वो सच बता रहे हैं. हालाकि कई फिल्में और सीरियल बनाने वालों ने फिल्म या एपिसोड की शुरुआत में ये डिसक्लेमर जरुर लगाया कि हमारी कहानी सिर्फ कल्पना पर आधारित है. सच्चाई से इसका कोई वास्ता नहीं है. पर कम पढ़े लिखे लोग दिखाई गई कहानियों को सच मान लेते हैं. गलती में इंसान की कम शिक्षा के अभाव की ज्यादा है. शिक्षा की कमी से इस तरह के विचार फैले."

''इच्छाधारी नाग के संबंध में किस्से कहानियां फिल्म और टीवी सीरियलों की देन है. ये उनके द्वारा फैलाई गई है. ऐसी बातें भ्रम पैदा करती हैं. झूठ को बढ़ावा देती हैं''. - डॉ दिनेश मिश्रा, अध्यक्ष, अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति, रायपुर

क्या कहते हैं अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के सदस्य ?: अंधविश्वास, पाखंड और सामाजिक कुरीतियों को उजागर करने वाली संस्था ''अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति'' के अध्यक्ष डाॅ. दिनेश मिश्र कहते हैं कि'' यह प्रकार का भ्रम है कि इच्छाधारी नाग होते हैं. वास्तव में यदि कोई भी प्राणी प्राकृतिक रूप से पैदा होता है, उनके पूर्वज होते हैं और माता-पिता के कारण यह पैदा होते हैं, तब कोई भी जीव या प्राणी अपने स्वरूप को नहीं बदल सकता है. जिस तरीके से कोई इंसान अपना स्वरूप नहीं बदल सकता है. उसी तरह से सांप, गाय, बैल, कुत्ते, भेड़, शेर कोई भी जीव अपना स्वरुप नहीं बदल सकता." अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति रायपुर के प्रमुख का मुताबिक इच्छाधारी नाग नागिन नहीं होते हैं. यह सिर्फ भ्रम और मिथ्या मात्र है.

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Last Updated : Sep 1, 2024, 8:41 PM IST
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