मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: भरतपुर वनांचल क्षेत्र के सरकारी प्राथमिक स्कूल माथमौर के प्राथमिक स्कूल को पीएम श्री योजना के अंतर्गत चुना गया है. इस स्कूल में 66 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन पीएम श्री स्कूल के नाम पर जो सुविधाएं स्कूल में होनी चाहिए, उनका अभाव देखने को मिल रहा है.
स्कूल में ना शौचालय ना ही पीने के पानी के लिए नल: माथमौर के प्राथमिक स्कूल ने ना तो पीने के लिए पानी उपलब्ध है, न ही शौचालय है. स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के बीच में शौच जाने के लिए जंगल या तालाब जाना पड़ता है. जहां जंगली जानवरों और दूसरी चीजों का खतरा बना रहता है.
शौच करने जंगल जाते हैं छोटे छोटे बच्चे: स्कूल की प्रधानपाठक निर्मला पांडे बताती है कि बच्चों को खाना खाने के लिए बैठने की व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा स्कूल में शौचालय नहीं है जिससे बच्चों को बाहर जाना पड़ता है. प्रधानपाठक ने ये भी बताया कि स्कूल में बच्चों को होने वाली समस्या के बारे में उन्होंने कई बार गांव के सरपंच से इसकी शिकायत भी की लेकिन ना बच्चों के लिए शौचालय की व्यवस्था हुई, ना ही मिड डे मील खाने के लिए बैठने की.
सरपंच पति ने बच्चों पर फोड़ा ठीकरा: स्कूल की प्रधानपाठक के आरोपों पर सरपंच पति ने इसका ठीकरा बच्चों पर ही फोड़ दिया. सरपंच पति गोविंद सिंह का कहना है कि टॉयलेट को बनाकर हैंडओवर किया गया था. बच्चों ने तोड़फोड़ कर दिया, इसमें क्या किया जा सकता है.
क्या है पीएम श्री योजना: पीएम श्री योजना यानी प्राइम मिनिस्टिर स्कूल्स फॉर राइजंग इंडिया. इस योजना के तहत देशभर के 14500 स्कूलों को अपग्रेड करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे 18 लाख से अधिक बच्चों को लाभ मिलेगा. इन स्कूलों में बच्चों के लिए सुरक्षित और प्रेरक माहौल में पढ़ाई करने की व्यवस्था की जानी है लेकिन भरतपुर के वनांचल क्षेत्रों में पीएम श्री योजना कुछ और ही कहानी बता रही है.