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REALITY CHECK: प्रचंड गर्मी में गोवंशों के लिए मेरठ के गौशालाओं में क्या है व्यवस्थाएं? - REALITY CHECK OF GAUSHALA

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 30, 2024, 7:12 PM IST

मेरठ जिले में भीषण गर्मी और लू के सीजन में गौआश्रय स्थलों में कैसे हैं इंतजाम, इसका रियलिटी चेक किया गया है. जिसमें खूबियों के साथ कमियां भी मिली है.

गर्मी से गोवंशों को बचाने के लिए खास इंतजाम
गर्मी से गोवंशों को बचाने के लिए खास इंतजाम (PHOTO credits ETV BHARAT)

गौशालाओं का रियलिटी चेक (video credits ETV BHARAT)

मेरठ: आसमानी आफत से आमजनों के साथ साथ बेजुबान भी परेशान हैं. जिसके देखते हुए मेरठ जिला प्रशासन ने निराश्रित बेसहारा गोवंशों को गर्मी की तपीश से बचाने के लिए खास इंतजाम किए जाने का दावा किया है. निराश्रित गोवंशों को गर्मी से राहत मिले इसके लिए खास प्रयास किए गये हैं.

योगी सरकार की मंशा जाहिर की है कि, निराश्रित बेसहारा गोवंश खुले में न घूमें, उन्हें पूरी तरह से गौ आश्रय स्थलों में सुरक्षित और संरक्षित किया जाए. ऐसे में जब आसमान से गर्मी आफत बनकर बरस रही है तो मेरठ में किस तरह के इंतजाम निराश्रित गोवंशों के लिए किए गये हैं. इसका रियलटी चेक ईटीबी भारत ने किया है. बता दें कि, पशुधन मंत्री मेरठ के प्रभारी मंत्री भी हैं.

मेरठ जिले में इस समय कुल 28 गौशाला,15 अस्थाई गौ आश्रय स्थल हैं, इनके अतिरिक्त तीन वृहद गौ आश्रय स्थल हैं, जबकि 5 - 5 कान्हा गौ स्थल और 5 काजी हाउस हैं. बता दें कि इस समय जितने निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने का लक्ष्य शासन से मिला था, उसके ज्यादा जिले में 9,999 गोवंश संरक्षित हैं.
सीवीओ राजेंद्र शर्मा ने इसके बारे में जानकारी दी है.

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि, गौ आश्रय स्थलों में इस गर्मी सीजन में कोई समस्या गोवंशों को न हो इसके लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं. सीवीओ ने बताया कि स्प्रिंकलर फव्वारे गौशालाओं में लगाए गये हैं. वहीं टाट ले बोरे इस तरह से गौशालाओं में टांगे गये हैं कि, उनपर पानी का छिड़काव किया जाता है और वहां अतिरिक्त पंखे भी लगाए गये हैं. स्वच्छ पेयजल का इंतजाम प्रत्येक गौ आश्रय स्थल पर किया हुआ है.

राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि पशुओं में टीकाकरण अभियान चल रहा है ताकि उन्हें कोई समस्या न हो. वहीं, अब क्योंकि आने वाले समय में बरसात का सीजन होगा. बरसात के सीजन में महामारी पशुओं में फैलने का खतरा बढ़ जाता है.

ये भी पढ़ें: अलीगढ़ में गर्मी से गोवंश को बचाने के लिए ग्रीन नेट, पंखे-कूलर के बाद अब कूलिंग सिस्टम भी - Mist cooling system for cow dynasty

गौशालाओं का रियलिटी चेक (video credits ETV BHARAT)

मेरठ: आसमानी आफत से आमजनों के साथ साथ बेजुबान भी परेशान हैं. जिसके देखते हुए मेरठ जिला प्रशासन ने निराश्रित बेसहारा गोवंशों को गर्मी की तपीश से बचाने के लिए खास इंतजाम किए जाने का दावा किया है. निराश्रित गोवंशों को गर्मी से राहत मिले इसके लिए खास प्रयास किए गये हैं.

योगी सरकार की मंशा जाहिर की है कि, निराश्रित बेसहारा गोवंश खुले में न घूमें, उन्हें पूरी तरह से गौ आश्रय स्थलों में सुरक्षित और संरक्षित किया जाए. ऐसे में जब आसमान से गर्मी आफत बनकर बरस रही है तो मेरठ में किस तरह के इंतजाम निराश्रित गोवंशों के लिए किए गये हैं. इसका रियलटी चेक ईटीबी भारत ने किया है. बता दें कि, पशुधन मंत्री मेरठ के प्रभारी मंत्री भी हैं.

मेरठ जिले में इस समय कुल 28 गौशाला,15 अस्थाई गौ आश्रय स्थल हैं, इनके अतिरिक्त तीन वृहद गौ आश्रय स्थल हैं, जबकि 5 - 5 कान्हा गौ स्थल और 5 काजी हाउस हैं. बता दें कि इस समय जितने निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने का लक्ष्य शासन से मिला था, उसके ज्यादा जिले में 9,999 गोवंश संरक्षित हैं.
सीवीओ राजेंद्र शर्मा ने इसके बारे में जानकारी दी है.

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि, गौ आश्रय स्थलों में इस गर्मी सीजन में कोई समस्या गोवंशों को न हो इसके लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं. सीवीओ ने बताया कि स्प्रिंकलर फव्वारे गौशालाओं में लगाए गये हैं. वहीं टाट ले बोरे इस तरह से गौशालाओं में टांगे गये हैं कि, उनपर पानी का छिड़काव किया जाता है और वहां अतिरिक्त पंखे भी लगाए गये हैं. स्वच्छ पेयजल का इंतजाम प्रत्येक गौ आश्रय स्थल पर किया हुआ है.

राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि पशुओं में टीकाकरण अभियान चल रहा है ताकि उन्हें कोई समस्या न हो. वहीं, अब क्योंकि आने वाले समय में बरसात का सीजन होगा. बरसात के सीजन में महामारी पशुओं में फैलने का खतरा बढ़ जाता है.

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