सीतापुर: रामपुर मथुरा के पाल्हापुर गांव में पांच दिन पहले हुए 6 लोगों की हत्या का पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पूरे घटनाक्रम से गुरुवार को आईजी लखनऊ रेंज तरुण गाबा ने मीडिया को अवगत कराया. उन्होंने बताया कि मृतक अनुराग सिंह के सगे छोटे भाई अजीत सिंह ने अकेली ही मां सहित अपने भाई अनुराग सिंह, उनकी पत्नी प्रियंका सिंह व 3 बच्चों की हत्या की है. यह बात अजीत सिंह ने खुद कबूली है.
बता दें कि अनुराग सिंह के साले अंकित सिंह अकेले अजीत सिंह द्वारा इतनी बड़ी घटना को अंजाम देना स्वीकार नहीं कर पा रहे थे
बता दें कि 12 मई की सुबह रामपुर मथुरा पुलिस को सूचना मिली थी कि पाल्हापुर गांव निवासी अनुराग सिंह ने अपनी मां व पत्नी सहित 3 बच्चों को मौत के घाट उतार कर खुद आत्महत्या कर ली है, जिसके बाद मौके पर पहुंची थी. पुलिस व एसपी चक्रेश मिश्र ने अनुराग सिंह को मानसिक रूप से विक्षिप्त बताते हुए घटना को उसके द्वारा ही अंजाम किया जाना स्वीकार कर लिया था.
वहीं, घटना के दिन ही मौके पर पहुंचे अनुराग के साले अंकित सिंह ने पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगा दिए थे. अंकित सिंह ने घटना को अकेले एक इंसान द्वारा अंजाम दिया जाना असंभव बताया था. उन्होंने अनुराग सिंह को मानसिक विक्षिप्त बताए जाने पर भी नाराजगी जाहिर की थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच किए जाने की बात कही थी.
पीएम रिपोर्ट से बदली कहानी
बता दें कि इस हत्याकांड का खुलासा तब हुआ, जब पीएम रिपोर्ट सामने आई, जिसमें बताया गया कि अनुराग को दो गोलियां लगने के साथ ही हथौड़े से भी प्रहार किया गया था. इसके बाद पुलिस ने सख्ती से जांच की.
लोन न चुकाना पड़ा भारी
पुलिस ने बताया कि अनुराग सिंह ने अपने पिता स्व. वीरेंद्र सिंह द्वारा लिया गया 25 लाख का केसीसी लोन जमा न कर पाने में असमर्थता जाहिर करना झगड़े की मुख्य वजह बन गया. इसी बात को लेकर घटना की रात भी अनुराग व उसकी पत्नी प्रियंका से अजीत का विवाद हुआ था, जिसके बाद इस घटना को अंजाम दिया गया.
बच्चों को छत से फेंका, फिर हथौड़े से किया वार
पुलिस ने आरोपी अजीत सिंह को अनुराग के घर ले जाकर क्राइम सीन रीक्रिएट किया, जिसके बाद पता चला कि उसने किस तरह सबको एक-एक करके मौत की नींद सुला दिया.आरोपी अजीत सिंह ने पुलिस को बताया कि उसने पहले अपनी भाभी प्रियंका को गोली मारी, फिर हथौड़े से प्रहार कर मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद अपनी मां को मारा, फिर अजीत को गोली मारकर हथौड़े से वार किया. इसके बाद अनुराग की बड़ी बेटी को खुद अनुराग के कमरे में लाकर उसकी हत्या कर दी. दो अन्य बच्चों को छत पर ले जाकर नीचे फेंक दिया. नीचे आकर उनको चेक भी किया कि जिंदा है या नहीं. इसके बाद उन पर भी हथौड़े से वार किया.
आईजी खुद कर रहे थे निगरानी
पूरे घटनाक्रम का आईजी तरुण गाबा ने खुद आकर जायजा लिया था. इसके बाद वह स्वयं पूरे घटनाक्रम की जांच कर रहे थे. उसकी स्वयं की टीमे भी घटना के खुलासे के लिए लगी हुई थी, जिसके बाद यह सफलता मिल सकी.
मृतका के परिजनों की जिद पर हुआ खुलासा
बीती 12 मई की सुबह जब यह नरसंहार की घटना सबके सामने आई, तो सभी ने पुलिस के बयान को सही मानते हुए यह मान लिया था कि अनुराग ने ही अपनी मां व पत्नी के साथ 3 बच्चों को मौत की नींद सुलाकर खुद आत्महत्या कर ली है, लेकिन प्रियंका सिंह के भाई ने घटनास्थल पर पहुंचते ही तमाम सवालिया निशान लगाते हुए पुलिस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया था. अंकित सिंह का पहले दिन से ही कहना था कि घटना को अजीत सिंह ने ही कई अन्य लोगों के साथ मिलकर अंजाम दिया है. हालांकि, अब पुलिस के खुलासे में अजीत सिंह अकेला ही हत्यारा निकला है.
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