लखनऊ : सर्दी में कोहरे के कारण अक्सर ट्रेनें बेपटरी हो जाती हैं. घने कोहरे के कारण हमेशा हादसे की संभावना भी बनी रहती है. दो ट्रेनों के एक ही पटरी पर आने के खतरे के साथ सिग्नल न देख पाने के चलते उसी ट्रैक पर पीछे से ट्रेन के टकराने की आशंका भी बनी रहती है. इससे निपटने के लिए आरडीएसओ ने कवच डिवाइस बनाई है. इसे अपडेट भी किया गया है. ट्रायल पूरा कर लिया गया है. अब इसे ट्रेनों में लगाने की तैयारी है.
किस तरह से लोको पायलट के केबिन और स्टेशन पर ये डिवाइस काम करती है, डिवाइस कितनी अपडेट कर दी गई है, इसे लेकर 28 से 30 नवंबर तक लगे इनो रेल प्रदर्शनी में आरडीएसओ ने कवच का प्रदर्शन किया. आरडीएसओ की तरफ से मौजूद प्रतिनिधियों ने ईटीवी भारत को कवच डिवाइस क्या है, यह किस तरह वर्क करती है, इस बारे में विस्तार से बताया है. ये डिवाइस ट्रेनों को टकराने से रोकेगी और यात्रियों के जानमाल की सुरक्षा भी करेगी.
कोहरे में ट्रेनों में रेलवे लगाएगा एंटी फॉग डिवाइस : रेलवे प्रशासन ने बढ़ते कोहरों को देखते हुए ट्रेनों में एंटी फॉग डिवाइस लगानी शुरू कर दी है. रेलवे क्रॉसिंग के बैरियर पर ल्यूमिनस स्ट्रिप (चमकने वाली पट्टियां) लगाईं जा रहीं हैं, जिससे कोहरे में दूर से पता चल सके कि क्रॉसिंग बंद है या खुली हुई है. कोहरे में ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए जीपीएस आधारित फॉग सेफ डिवाइस लगाई जा रहीं हैं. इस डिवाइस के उपयोग में आने के पहले कोहरे के दौरान अधिकतम गति 60 किमी प्रति घंटा मान्य थी, अब यह बढ़कर 75 किमी प्रति घंटा हो गई है.
पूर्वोत्तर रेलवे में 857 फॉग सेफ डिवाइस की व्यवस्था : सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे में कुल 857 फॉग सेफ डिवाइस की व्यवस्था की गई है जिनमें से लखनऊ मंडल में 315, इज्जतनगर मंडल में 193 और वाराणसी मंडल में 349 फॉग सेफ डिवाइस उपलब्ध कराइ गईं हैं. सभी लोको पायलटों और सहायक लोको पायलटों की काउसलिंग की गई है. पटरियों के निगरानी के लिए पेट्रोलिंग के फेरे बढ़ाए जा रहे हैं. कोहरे में ट्रेनों की गति कम होने से लाइन क्षमता कम हो जाती है, जिसके चलते ट्रेनों की संख्या में कमी की जाती है. इस दौरान कम आक्यूपेंसी वाली कुछ ट्रेनों को निरस्त किया गया और कुछ ट्रेनों के फेरे घटाए गए हैं.
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