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कभी नीतीश के खास रहे आरसीपी सिंह का भाजपा से मोहभंग, आज करेंगे अपनी नई पार्टी का ऐलान - RCP SINGH NEW PARTY

आरसीपी सिंह आज अपनी नई पार्टी का ऐलान करने वाले हैं. बिहार में विकल्प के तौर अपनी पार्टी का गठन करेंगे. पढ़ें पूरी खबर-

पार्टी का ऐलान करेंगे आरसीपी
पार्टी का ऐलान करेंगे आरसीपी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 31, 2024, 6:52 AM IST

पटना : जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और बीजेपी नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह यानी आरसीपी सिंह आज भाजपा छोड़कर नई पार्टी बनाने का ऐलान करेगें. आज सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती है, आज ही वे नई पार्टी का गठन करेंगे. पटना के चाणक्य होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आज अपनी पार्टी ले नाम का एलान करेंगे.

पार्टी बनाने का लिया फैसला : एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी के बाद आरसीपी सिंह कई महीनों से राजनीति में सक्रिय नहीं थे. लेकिन अचानक पटना की सड़कों पर 'टाइगर अभी जिंदा है' वाला पोस्टर लगा. उसके बाद यह चर्चा होने लगी की रामचंद्र प्रसाद सिंह फिर से राजनीति में सक्रिय होने की तैयारी कर रहे हैं. आरसीपी सिंह के समर्थन में शंकर पटेल और अमर सिन्हा ने पोस्टर लगवाया था. इसके बाद सोशल मीडिया पर भी 'टाइगर जिंदा है' का पोस्टर पोस्ट होने लगा.

आज पार्टी का ऐलान करेंगे आरसीपी : ईटीवी भारत से खास बातचीत में भाजपा नेता आरसीपी सिंह ने कहा था कि वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ विचार विमर्श करके ही निर्णय लिए हैं कि अब नए राजनीतिक दल का गठन किया जाए. उन्होंने कहा था कि वह कुछ दिन और अपने बारे में सोच सकते थे, लेकिन कार्यकर्ताओं का प्रेशर था और कार्यकर्ताओं के मन में इस बात को लेकर आशंका थी कि अब आगे की राजनीति कैसे होगी.

विकल्प के तौर पर पार्टी का होगा गठन : कार्यकर्ताओं के दबाव को देखते हुए उन्होंने भी फैसला किया कि राजनीतिक दल का गठन किया जाए और इसके लिए सबसे उपयुक्त सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती के अवसर पर पार्टी के ऐलान का निर्णय लिया है. आरसीपी सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा था कि सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती और दीपावली के दिन बिहार के लोगों के सामने एक विकल्प के रूप में वह राजनीतिक दल का गठन करेंगे, जिसमें बिहार के अलावा झारखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के लोग भी दिखेंगे.

नीतीश कुमार से 24 वर्षों का साथ छूटा : आरसीपी सिंह की गिनती जदयू के दूसरे नंबर के नेता में की जाती थी. एक समय था कि नीतीश कुमार के सभी बड़े राजनीतिक फैसले में उनकी भूमिका रहती थी. यही कारण था कि नीतीश कुमार ने उनको पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया. नरेंद्र मोदी की सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर बनने को लेकर उनके और ललन सिंह के बीच में विवाद शुरू हुआ और यह विवाद इतना गहरा हो गया कि उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा.

जब बढ़ने लगी थी नीतीश और आरसीपी की दूरी : इसके बाद नीतीश कुमार से उनकी दूरी बढ़ने लगी. नीतीश कुमार ने उनको राज्यसभा ना भेज कर झारखंड के नेता खीरु महतो को राज्यसभा भेज दिया. इसके बाद उन्होंने जदयू से इस्तीफा दे दिया. आरसीपी सिंह मई 2023 में बीजेपी में शामिल हुए थे, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़ दिया था और अगस्त 2022 में महागठबंधन में शामिल हो गए थे.

बीजेपी से नाराजगी नहीं : ईटीवी भारत से हुई बातचीत में रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा था कि भाजपा देश की ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है. वहां पर काम करने का एक अलग तरीका है. वह जदयू में थे तो पूरा संगठन का काम हुआ देखे थे. लेकिन बीजेपी में अपने पैटर्न पर काम होता है. वह अपनी अलग पार्टी बना रहे हैं, लेकिन उनके अभी भी बीजेपी के बड़े नेताओं से अभी भी अच्छे संबंध हैं. बीजेपी के शीर्ष नेताओं से उनके भविष्य में भी अच्छे संबंध रहेंगे.

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पटना : जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और बीजेपी नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह यानी आरसीपी सिंह आज भाजपा छोड़कर नई पार्टी बनाने का ऐलान करेगें. आज सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती है, आज ही वे नई पार्टी का गठन करेंगे. पटना के चाणक्य होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आज अपनी पार्टी ले नाम का एलान करेंगे.

पार्टी बनाने का लिया फैसला : एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी के बाद आरसीपी सिंह कई महीनों से राजनीति में सक्रिय नहीं थे. लेकिन अचानक पटना की सड़कों पर 'टाइगर अभी जिंदा है' वाला पोस्टर लगा. उसके बाद यह चर्चा होने लगी की रामचंद्र प्रसाद सिंह फिर से राजनीति में सक्रिय होने की तैयारी कर रहे हैं. आरसीपी सिंह के समर्थन में शंकर पटेल और अमर सिन्हा ने पोस्टर लगवाया था. इसके बाद सोशल मीडिया पर भी 'टाइगर जिंदा है' का पोस्टर पोस्ट होने लगा.

आज पार्टी का ऐलान करेंगे आरसीपी : ईटीवी भारत से खास बातचीत में भाजपा नेता आरसीपी सिंह ने कहा था कि वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ विचार विमर्श करके ही निर्णय लिए हैं कि अब नए राजनीतिक दल का गठन किया जाए. उन्होंने कहा था कि वह कुछ दिन और अपने बारे में सोच सकते थे, लेकिन कार्यकर्ताओं का प्रेशर था और कार्यकर्ताओं के मन में इस बात को लेकर आशंका थी कि अब आगे की राजनीति कैसे होगी.

विकल्प के तौर पर पार्टी का होगा गठन : कार्यकर्ताओं के दबाव को देखते हुए उन्होंने भी फैसला किया कि राजनीतिक दल का गठन किया जाए और इसके लिए सबसे उपयुक्त सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती के अवसर पर पार्टी के ऐलान का निर्णय लिया है. आरसीपी सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा था कि सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती और दीपावली के दिन बिहार के लोगों के सामने एक विकल्प के रूप में वह राजनीतिक दल का गठन करेंगे, जिसमें बिहार के अलावा झारखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के लोग भी दिखेंगे.

नीतीश कुमार से 24 वर्षों का साथ छूटा : आरसीपी सिंह की गिनती जदयू के दूसरे नंबर के नेता में की जाती थी. एक समय था कि नीतीश कुमार के सभी बड़े राजनीतिक फैसले में उनकी भूमिका रहती थी. यही कारण था कि नीतीश कुमार ने उनको पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया. नरेंद्र मोदी की सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर बनने को लेकर उनके और ललन सिंह के बीच में विवाद शुरू हुआ और यह विवाद इतना गहरा हो गया कि उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा.

जब बढ़ने लगी थी नीतीश और आरसीपी की दूरी : इसके बाद नीतीश कुमार से उनकी दूरी बढ़ने लगी. नीतीश कुमार ने उनको राज्यसभा ना भेज कर झारखंड के नेता खीरु महतो को राज्यसभा भेज दिया. इसके बाद उन्होंने जदयू से इस्तीफा दे दिया. आरसीपी सिंह मई 2023 में बीजेपी में शामिल हुए थे, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़ दिया था और अगस्त 2022 में महागठबंधन में शामिल हो गए थे.

बीजेपी से नाराजगी नहीं : ईटीवी भारत से हुई बातचीत में रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा था कि भाजपा देश की ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है. वहां पर काम करने का एक अलग तरीका है. वह जदयू में थे तो पूरा संगठन का काम हुआ देखे थे. लेकिन बीजेपी में अपने पैटर्न पर काम होता है. वह अपनी अलग पार्टी बना रहे हैं, लेकिन उनके अभी भी बीजेपी के बड़े नेताओं से अभी भी अच्छे संबंध हैं. बीजेपी के शीर्ष नेताओं से उनके भविष्य में भी अच्छे संबंध रहेंगे.

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