रायपुर: रविवार सुबह 5 बजकर 18 मिनट से रवि पुष्य नक्षत्र की शुरुआत हो रही है. 24 घंटे तक रवि पुष्य नक्षत्र योग रहेगा. इस खास योग में आपके किए गए धार्मिक कामों का फल कई गुना ज्यादा आपको मिलता है. रवि पुष्य नक्षत्र में धर्म कर्म, दान पुण्य, पूजा पाठ, जप तप का खास महत्व होता है. रवि पुष्य नक्षत्र में अगर आप इन कामों को करते हैं तो उसका फल आपको निश्चित मिलता है. परिवार में सुख समृद्धि और धन का वास होता है. किए गए कार्य में आपको सफलता मिलती है.
रवि पुष्य नक्षत्र का बना अदभुत संयोग: रवि पुष्य नक्षत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है. पुष्य नक्षत्र गरीबों का राजा है सम्राट है. रवि पुष्य नक्षत्र में कोई भी कार्य किया जाए वह शुभ होता है. इस बार रवि पुष्य नक्षत्र 7 जुलाई 2024 दिन रविवार को सुबह 5:18 से अगले दिन 8 जुलाई सुबह 5:18 तक रहेगा. शुभ संयोग होने से पूरा रविवार इस बार खास रहेगा. पुष्य नक्षत्र होने से इसको रवि पुष्य नक्षत्र कहा जाएगा. 24 घंटे की ये घड़ी तंत्र मंत्र, जड़ी बूटी के उपयोग के लिए अत्यंत शुभ मानी गई है. इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी इस दिन पड़ रहा है. 7 जुलाई को सुबह 5:18 को प्रारंभ हो रहा है एवं अगले दिन सुबह 5:29 तक रहेगा.
''इस अवधि में अमृत सिद्धि योग नहीं पड़ रहा है. यदि अमृत सिद्धि योग भी साथ में होता तो यह काल उत्पाद योग में आ जाता, सर्वार्थ सिद्धि योग के फलों को नष्ट कर देता है. इस समय शुभ काम प्रारंभ नहीं किया जाना चाहिए. रवि पुष्य नक्षत्र प्रत्येक कार्य के लिए शुभ है चाहे तंत्र-मंत्र हो, जड़ी बूटी लेना हो दवाई लेना हो यह योग सर्वोत्तम है. जमीन या मकान खरीदना हो वाहन खरीदना हो सभी मामले में रवि पुष्य नक्षत्र अत्यंत उत्तम है. पर पुष्य नक्षत्र में शादी ब्याह जैसे कार्य पूर्णत वर्जित माने गए हैं. अतः जातक को चाहिए कि वह रवि पुष्य नक्षत्र के लाभ के लिए तंत्र-मंत्र पूजा पाठ आदि के लिए उपयोग करें तो लाभ होगा." - डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर, ज्योतिष एवम वास्तुविद
किन बातों का रखना है आपको ध्यान: पुष्य नक्षत्र में विवाह कार्य वर्जित है. अतः विवाह छोड़कर कोई भी शुभ काम करने के लिए यह काल अत्यंत लाभदायक है. रवि पुष्य योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है. इससे रवि पुष्य योग और भी शक्तिशाली हो गया है. इस अवधि में विशेष बात यह है कि 6 जुलाई से गुप्त नवरात्रि भी आरंभ हो रही है. गुप्त नवरात्रि के चलते इसका महत्व हजारों गुना बढ़ जाता है. इस अवधि का उपयोग अपने कष्टो के निवारण, आर्थिक समृद्धि, अपने स्वास्थ्य लाभ के साथ ही यश और कीर्ति, शत्रु नाश,उच्च विद्या अध्ययन हेतु किया जाना चाहिए. खास नक्षत्र में पूजा पाठ करने से जीवन में कल्याण आता है और जातक का जीवन सुखद और आनंदमय होता है.
रवि पुष्य नक्षत्र में क्या करें
- तंत्र मंत्र से करें पूजा पाठ.
- भगवान को करें जल अर्पण.
- शुभ संयोग में करें प्रभु का ध्यान.
- सर्वार्थ सिद्धि के लिए करें ध्यान.
- कष्ट निवारण की करें प्रार्थना.
- यश और कीर्ति के लिए करें पूजा.
- स्वास्थ्य और समृद्धि का मांगें वरदान.
- शत्रु नाश के लिए करें आह्वान.
- गाड़ी, मकान, निवेश के लिए उचित समय.
- सोने की खरीदारी करना शुभ है.