देवघर: आज शारदीय नवरात्र का नौंवा दिन है. दुर्गा पूजा के दस दिनों की पूजा में लोग मां दुर्गा और देवी-देवताओं को याद करते ही हैं. इस दौरान विजयदशमी के दिन लोग बुराई के साथ रावण का दहन कर अच्छाई की जीत का संदेश देते हैं. लेकिन देवघर जिले में एक ऐसा रावण है, जिसका दहन नहीं होता है. यह रावण लोगों के बीच काफी लोकप्रिय भी है. दरअसल, एसएन झा नाम का एक शख्स, जो पूरे देवघर में लोकप्रिय है. क्योंकि इन्होंने टीवी दुनिया में कई बार रावण का रोल निभाया है.
रावण के रूप में लोकप्रिय हुए देवघर के रहने वाले एसएन झा बताते हैं कि जब उन्होंने वेब चैनल पर रावणेश्वर बैद्यनाथ की कथा नाम की सीरीज की तो वह काफी लोकप्रिय हो गए. जब वह रावण के रोल की एक्टिंग करते थे तो उनके कला की बड़े-बड़े एक्टर भी प्रशंसा किया करते थे. एक बार राजेश खन्ना देवघर दौरे पर आए थे तो उन्होंने एसएन झा उर्फ लंकेश्वर को देखकर अपने अंदाज में कहा कि 'अरे तू यहां क्या करता है रे, चल तू मुंबई, वहां तू बड़ा एक्टर बनेगा.
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एसएन झा उर्फ लंकेश्वर बताते हैं कि उन्हें अपनी एक्टिंग से इतनी ख्याति मिली कि आज भी वह देवघर के किसी गली या मोहल्ले में जाते हैं तो वहां पर लोग उन्हें लंकेश्वर के नाम से ही जानते हैं. हर मोहल्ले के बच्चे और बड़े उन्हें लंकेश्वर के नाम से बुलाने लगते हैं. कोई भी उन्हें उनके असली नाम से नहीं बुलाता है. एसएन झा के बचपन के साथी पुटो बाबा बताते हैं कि बैद्यनाथ धाम में भगवान भोलेनाथ की लिंग को लंकेश्वर ही लेकर आए थे, लेकिन वह लंकेश्वर आकाशीय थे और यह लंकेश्वर धरती पर साक्षात है. इसीलिए देवघर के लोग इन्हें ही देखकर लंकेश्वर के ज्ञान और उनकी महिमा को समझ पाते हैं.
अपने लंकेश्वर के लुक को मेंटेन करने के लिए एसएन झा उर्फ लंकेश्वर लगातार अपने मूंछों और बालों की देखरेख करते हैं. उनका कहना है कि यदि उन्हें आज भी लंकेश्वर के चरितार्थ की एक्टिंग के माध्यम से वर्णन करना पड़े तो वह हमेशा तैयार रहते हैं. गौरतलब है कि दुर्गा पूजा के दसवीं में देश के हर कोने में रावण दहण कर यह संदेश दिया जाता है कि बुराई को हराकर, अच्छाई की जीत हुई. लेकिन देवघर का यह रावण साक्षात लोगों को संदेश देता है और लंकेश्वर के ज्ञान एवं उसके विद्वता का भी परिचय लोगों के बीच में देते रहता हैं.
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