रतलाम। जिले के माणक चौक थाना क्षेत्र में तीन तलाक का मामला सामने आया है. 26 वर्षीय महिला को कुवैत में रह रहे पति ने व्हाट्सएप कॉल कर 3 तलाक दे दिया. पीड़िता को उसके पति यासिर बेलिम ने केवल इस बात पर तलाक दे दिया कि, उसने यासिर बेलिम से भाई को रुपए देने के पहले एग्रीमेंट करवाने की सलाह दी थी. पीड़ित महिला का 5 वर्ष और 10 महीने के दो बेटे हैं. पीड़ित महिला ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की है.
साल 2017 में हुआ था यासिर से निकाह
रतलाम जिले में एक महिला ने एसपी के पास जाकर पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में महिला ने बताया कि कुवैत में रह रहे पति ने उसे व्हाट्सएप कॉल पर तीन तलाक दे दिया. महिला ने बताया कि उसका कसूर बस इतना था कि पति यासिर बेलिम को उसने भाई को पैसे देने से पहले एग्रीमेंट करवा ने की सलाह दी थी. जिसके बाद पति ने गुस्से में आकर तीन बार बोल कर तलाक दे दिया.पीड़ित महिला ने बताया कि उसका निकाह मई 2017 में यासिर बेलिम से हुआ था. शादी के बाद से ही यासिर उससे विवाद करता था.
कुवैत से पति ने व्हाट्सएप कॉल पर दिया तीन तलाक
यासिर कुवैत में प्राइवेट नौकरी करता है. 2 दिन पूर्व यासिर ने कुवैत से व्हाट्सएप कॉल कर पीड़िता से कहा कि मेरे घर पर रुपए को लेकर झगड़ा चल रहा है. मेरा भाई आसिफ आएगा, तो उसे बैंक अकाउंट का 5 लाख का चेक साइन करके दे देना. इस पर पीड़ित महिला ने यासिर को एग्रीमेंट करवाकर पैसे देने की बात कही, लेकिन यासिर गुस्सा हो गया और कहने लगा कि मेरे भाई से कौन सा एग्रीमेंट करवाना चाहती है. इसके बाद यासिर ने कहा कि मैं तुझे नहीं रखना चाहता हूं और व्हाट्सएप कॉल पर ही तीन बार तलाक कह दिया.
पीड़ित ने इसकी शिकायत माणक चौक थाने में की थी. जिस पर पुलिस ने मुस्लिम मैरिज प्रोटेक्शन एक्ट के अंतर्गत आरोपी यासिर बेलिम के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर लिया गया है. मामले में पुलिस अधीक्षक ने आरोपी के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किए जाने के निर्देश भी दिए हैं. गौरतलब है की रतलाम जिले में तीन तलाक का यह दूसरा मामला है. इससे पूर्व आलोट की रहने वाली महिला ने भी डॉ पति द्वारा डाक से लेटर भेज कर तीन तलाक देने की शिकायत दर्ज करवाई थी.
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यह था पहला मामला
पहले मामले में पीड़ित महिला आलोट क्षेत्र की और उसका पति ईशान उज्जैन का रहने वाला है. दोनों का निकाह नवंबर 2020 में हुआ था. इसके बाद से ही आरोपी पति ईशान और उसके घर वाले पीड़िता को दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहे थे. मांग पूरी नहीं होने पर डॉक्टर पति ईशान ने पीड़िता को डाक से तीन बार चिट्ठी भेज कर तीन तलाक कह दिया था. पीड़ित ने इसकी शिकायत आलोट पुलिस थाने में की थी. जहां मुस्लिम मैरिज प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के अंतर्गत आरोपी पति के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर लिया गया था. बहरहाल तीन तलाक को लेकर मुस्लिम महिलाओं के लिए बनाए गए कानून के बावजूद रतलाम जिले में तीन दिनों में तीन तलाक देने का यह दूसरा मामला सामने आ गया है. जहां यासिर और डॉ ईशान जैसे लोग डाक से लेटर भेज कर और व्हाट्सएप कॉल पर तलाक देकर जीवन भर के रिश्तों को खत्म कर रहे हैं.