रतलाम: कलेक्ट्रेट परिसर में शुक्रवार को एक अजीब घटनाक्रम देखने को मिला है. यहां एक किसान अपनी फसल लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा और कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर ही अपनी फसल खाली कर धरने पर बैठ गया. उसके साथ कुछ अन्य किसान भी कलेक्ट्रेट पहुंचे और धरने में शामिल हुए. मौके पर पहुंचे एसडीएम से किसानों की बहस हो गई, जिसके बाद करीब 2 घंटे तक यह प्रदर्शन जारी रहा. बाद में एडीएम ने किसानों को कार्यालय में बुलाकर समझाइश दी. इसके बाद किसान धरने से हटने को राजी हुए.
कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठा किसान
दरअसल, घटला भटूनी के किसान खुशाल सिंह अपनी सोयाबीन की फसल लेकर कृषि मंडी में पहुंचे थे. जहां व्यापारियों ने सोयाबीन की गुणवत्ता खराब होने का कहकर उनकी फसल नहीं खरीदी. इससे नाराज किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा और मुख्य द्वार के सामने ट्रॉली खाली कर दी. फरियादी किसान के साथ अन्य किसान भी कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए. धरने पर बैठे किसानों का आरोप था कि पहले तो उनकी फसल मंडी में नीलाम नहीं हुई, जिसके बाद कलेक्ट्रेट में भी उनकी सुनवाई नहीं हुई. यहां अधिकारियों ने भी उनकी फसल को खराब बताते हुए मदद करने से इनकार कर दिया.
एडीएम ने दी किसानों को समझाइश
हालांकि करीब 2 घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद किसानों को एडीएम शालिनी श्रीवास्तव ने अपने कार्यालय में बुलाकर फसल नीलाम किए जाने का आश्वासन दिया और समझाइश दी. कृषि मंडी के सचिव के एल मुनिया ने इस मामले को लेकर बताया कि ''किसान खराब फसल लेकर आया था. मंडी में अभी सोयाबीन की आवक कम है. आजकल मंडी नीलामी ऑनलाइन हो गई है. ऑनलाइन में किसान ने पर्ची नहीं ली. इसी वजह से नीलामी के समय वह पर्ची नहीं दे पाया. इसके बाद कुछ ट्रॉलियां इनसे आगे निकल गईं. जिसके बाद ये नाराज होकर कलेक्ट्रेट परिसर आ गए.''