रतलाम: मध्य प्रदेश के रतलाम और आसपास के क्षेत्र में सोयाबीन की कटाई के लिए आदिवासी अंचल से श्रमिक रतलाम और आसपास के गांवों में ओवरलोडेड वाहनों में सवार होकर पहुंच रहे हैं. बीते दिनों दो हादसे भी सामने आए. जिसमें अब तक चार श्रमिकों की मौत हो चुकी है. ईटीवी भारत द्वारा प्रमुखता से इस खबर को दिखाए जाने के बाद रतलाम आरटीओ दीपक माझी ने यातायात पुलिस की टीम के साथ सघन चेकिंग और ओवरलोडेड वाहनों पर कार्यवाही की है. सैलाना के आसपास और पंचेड़ रोड पर जिला परिवहन अधिकारी ने चालानी कार्यवाही करते हुए वाहन भी जप्त किए हैं. जोखिम उठाकर इन वाहनों में बैठकर आ रहे मजदूरों को समझाइए भी दी गई और वाहन चालकों को दोबारा इस तरह सवारी नहीं बैठाने की हिदायत भी दी गई है.
आरटीओ ने ऑटो रुकवाया तो निकली 22 सवारी
जिला परिवहन अधिकारी दीपक माझी यातायात पुलिस की टीम के साथ शुक्रवार को जब ओवरलोडेड वाहनों की चेकिंग के लिए पंचेड़ रोड पहुंचे तो एक ओवरलोडेड वाहन को रोका गया. ऑटो में ठूंस ठूंस कर भरी गई सवारियों को देखकर अधिकारी भी हैरान हो गए. 4 सीटर तीन पहिया ऑटो पर 20 से अधिक सवारी सफर कर रही थी. ऑटो के ऊपर और अगल-बगल में भी श्रमिक लटक कर कई किलोमीटर की जोखिम भरी यात्रा कर रहे थे. आरटीओ ने श्रमिकों से बातचीत कर उन्हें ऐसा नहीं करने की समझाइए दी.
जोखिम भरा सफर करने को मजबूर मजदूर
वहीं, वाहन चालकों को भी हिदायत देकर चालानी कार्यवाही की है. बिना कागजात और इंश्योरेंस के चलाए जा रहे खतरनाक वाहनों को आरटीओ ने जब्त करने के भी निर्देश दिए हैं. दरअसल सैलाना क्षेत्र के आदिवासी अंचल के मजदूर महज ₹300 की मजदूरी हासिल करने के लिए ओवरलोडिंग वाहनों में बैठकर लंबी दूरी तक जोखिम भरा सफर तय करते हैं. खासकर सोयाबीन की कटाई के समय सैकड़ों ऑटो और पिकअप वाहनों में ठूंस ठूंस कर भरे जाते हैं. हर बार इस तरह के हादसे सामने आते हैं.
जिला परिवहन अधिकारी दीपक माझी का कहना है कि, ''शिकायतें मिल रही थीं कि जिले में ओवरलोडिंग वाहनों दौड़ रहे हैं. जिस पर शुक्रवार को कार्रवाई की गई. जहां ओवरलोड वाहन मिले है उन चालकों और सवारियों को समझाइश दी गई है.'', बहरहाल जिला परिवहन अधिकारी और स्थानीय स्थान की पुलिस भी अब इस मामले में सक्रिय हुए हैं और ओवरलोडेड वाहनों पर कार्यवाही प्रारंभ की गई है.