रतलाम: मध्य प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर होने वाली जनसुनवाई में परेशान होते आवेदकों के कई मामले सामने आते रहते हैं. इसी क्रम में मंंगलवार को रतलाम में एक बार फिर एक आवेदक के सब्र का बांध टूट गया. यहां लंबे समय से हर मंगलवार को जनसुनवाई के लिए चक्कर काट रही महिला आवेदक ने कलेक्टर के सामने ही अपना गुस्सा जाहिर कर दिया. गुस्से में महिला आवेदक बोली कि जब सुनवाई नहीं होती तो क्यों चक्कर लगवाते हो. इसके बाद जनसुनवाई कक्ष में मौजूद कर्मचारियों ने महिला को बाहर ले जाकर समझाइश दी और संबंधित राजस्व अधिकारी को महिला की समस्या के समाधान के लिए निर्देशित भी किया गया.
कोर्ट ने निजी जमीन से रास्ता निकालने का दिया आदेश
दरअसल, आलोट तहसील के कसारी गांव की रहने वाली महिला जानी बाई की निजी जमीन पर दबंगों ने रास्ता बना लिया. जिसका प्रकरण राजस्व न्यायालय में चल रहा था. न्यायालय ने निजी भूमि में से रास्ता देने का आदेश जारी कर दिया है. इससे नाराज होकर जानी बाई मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंची थी. पीड़ित महिला का कहना है कि खेतों में जाने का रास्ता पड़ोसी की जमीन से जाता है, लेकिन दबंग पड़ोसी ने वह आम रास्ता बंद कर दिया. इसके बाद लोग उसकी निजी जमीन से आने जाने लगे और रास्ते पर अपना दावा ठोक दिया.
महिला ने कलेक्टर के सामने जताई नाराजगी
इस मामले की राजस्व न्यायालय में भी उनकी सुनवाई नहीं हुई. कई बार जनसुनवाई में आने के बाद भी केवल आश्वासन मिला है. मंगलवार को जनसुनवाई में जब कलेक्टर के समक्ष महिला आवेदक पहुंची, तो कलेक्टर ने मामले की जांच करवाने का आश्वासन दिया. महिला आवेदक संतुष्ट नहीं हुई और वे कहने लगी कि यदि हमारी सुनवाई नहीं कर सकते तो चक्कर क्यों लगवाते हो साहब. हंगामा की स्थिति ना बने इसके लिए महिला आवेदक को कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों ने बाहर ले जाकर समझाइश दी और आवेदन पर कार्रवाई किए जाने का आश्वासन भी दिया.