रतलाम। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में मतदान के लिए कर्मचारियों का दल पोलिंग बूथों के लिए रवाना हो चुका है. रतलाम जिला मुख्यालय के आर्ट एंड साइंस कॉलेज से सामग्री वितरण के बाद मतदान कर्मियों को रवाना किया गया, लेकिन सुबह अपनी अलग-अलग समस्याओं को लेकर बहुत से कर्मचारी चुनाव ड्यूटी निरस्त करवाने पहुंचे थे. जिनमें कुछ गंभीर और वाजिब समस्याओं को लेकर पहुंचे तो वहीं कई कर्मचारी तरह-तरह की बिमारियों का बहाना लेकर चुनाव ड्यूटी निरस्त करवाने आये थे. बहानेबाज कर्मचारियों के बहाने ऐसे थे, कि आपको सुनकर हंसी आ जायेगी.
वोटिंग के एक दिन पहले ड्यूटी कैंसिल करवाने पहुंचे
एक जिले में चुनाव प्रक्रिया को संपन्न करवाने के लिए बड़ी संख्या में प्रशिक्षित मतदान कर्मियों की आवश्यकता होती है. जिसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा सरकारी कर्मचारियों की पोलिंग बूथों पर ड्यूटी लगाई जाती है. चुनाव में ड्यूटी लगाये जाने की नोटिस जारी होने के बाद कई कर्मचारी निजी कारण या स्वास्थ्य खराब हो जाने की वजह से चुनाव में ड्यूटी करने में असमर्थ होते हैं. जिस वजह से कर्मचारी अपनी ड्यूटी निरस्त करवाने का प्रयास मतदान सामग्री वितरण होने के समय तक करते हैं. रतलाम में भी मतदान सामग्री वितरण केन्द्र पर ड्यूटी निरस्त करवाने वाले कर्मचारियों की भीड़ लग गई. सब अपनी अपनी समस्याओं के साथ अधिकारियों से अपनी ड्यूटी कैंसिल करवाने की मांग करने लगे.
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बहाने ऐसे-ऐसे की सुनकर हंसी आ जाये
एसडीएम रतलाम ग्रामीण, त्रिलोचन सिंह गौड़ ने बताया कि "जिन कर्मचारियों की वास्तविक समस्या है. उन्हें ड्यूटी से राहत दी गई है, लेकिन ऐसे कई कर्मचारी पहुंचे, जिनकी समस्या उतनी गंभीर नहीं है की चुनाव ड्यूटी निरस्त की जा सके". एसडीएम ने बताया कि "कर्मचारी यहां सर दर्द होने, लूज मोशन होने, बीपी बढ़ जाने, लू लग जाने, कुत्ता काट लेने, छोटा बच्चा होने, नजदीकी रिश्तेदार की मृत्यु होने जैसी समस्याओं के साथ आए थे. कुछ कर्मचारी शराब के हैंगओवर में ही ड्यूटी निरस्त कराने पहुंच गए. जिनको वास्तव में कोई समस्या थी, उनकी ड्यूटी को निरस्त कर दिया गया और जो बहाने लेकर आये थे.उनको ड्यूटी पर भेज दिया गया".