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रतलाम में किसानों का जल सत्याग्रह रात में भी जारी, खेत पर नहीं पहुंच पाने से हैं परेशान - Ratlam Kisan Jal Satyagraha - RATLAM KISAN JAL SATYAGRAHA

रतलाम में हतनारा गांव के करीब 100 से अधिक किसानों ने जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है. किसानों का कहना है कि वे अपने खेत तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. यहां कूड़ेल नदी के फैलाव और जमीन के कटाव से रास्ता बंद हो चुका है. किसानों का आरोप है प्रशासन से कई बार गुहार लगाई लेकिन सुनवाई नहीं हुई.

RATLAM KISAN JAL SATYAGRAHA
रतलाम में किसानों का जल सत्याग्रह (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 18, 2024, 10:22 PM IST

रतलाम: हतनारा गांव में किसान जल सत्याग्रह पर बैठ गए हैं. हतनारा गांव के किसानों की समस्या है कि उनको खेत पर जाने का रास्ता नहीं बचा है. बारिश के दौरान कूड़ेल नदी के फैलाव की वजह से रास्ता बंद हो गया है और रास्ते की जमीन का कटाव भी हो चुका है. जिसके कारण किसान अपने खेत पर नहीं जा पा रहे हैं. वहीं ,किसानों की पकी हुई फसल खराब हो रही हैं. किसानों का आरोप है कि प्रशासन से कई बार गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

रतलाम में किसानों का जल सत्याग्रह रात में भी जारी (ETV Bharat)

प्रशासन से कई बार लगा चुके हैं गुहार

किसानों का कहना है कि कई बार जिला प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं. इसके बाद भी जब समस्या का समाधान नहीं मिला तो जल सत्याग्रह शुरू कर दिया. किसान बुधवार दोपहर से रात होने तक जल सत्याग्रह कर रहे हैं. किसानों के जल सत्याग्रह किए जाने की जानकारी मिलने पर मांगरोल चौकी प्रभारी आनंद बागवान और एडिशनल सीईओ निर्देशक शर्मा मौके पर पहुंचे लेकिन किसान कलेक्टर द्वारा नदी पर पुल बनवाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. उनका कहना है कि जब तक कलेक्टर आकर उन्हें लिखित आश्वासन नहीं देते हैं तब तक वह जल सत्याग्रह पर ही रहेंगे.

किसान नहीं पहुंच पाते खेत

यह मामला रतलाम-खाचरोद रोड पर स्थित हतनारा गांव का है. जहां के करीब 100 से अधिक किसानों की जमीन कूड़ेल नदी के किनारे पर है. बारिश के मौसम में नदी के पानी की वजह से रास्ता खराब हो जाता, जिसकी वजह से बारिश के मौसम में किसानों का खेत पर जाने का रास्ता बंद हो जाता है. किसान लंबे समय से जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से रास्ते और पुलिया बनाए जाने की मांग करते रहे हैं. लेकिन किसानों की वर्षों से कोई सुनवाई नहीं हुई. जिससे परेशान होकर किसानों ने अब जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है.

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किसानों से मिलने पहुंचे सीईओ

नदी में सत्याग्रह पर बैठे किसानों से मिलने जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ निर्देशक शर्मा पहुंचे लेकिन बात नहीं बनी. किसानों ने एडिशनल सीईओ को वापस लौटा दिया. किसानों की मांग है कि कलेक्टर उन्हें लिखित में उनकी समस्या का समाधान करने का आश्वासन दे. जिला पंचायत एडिशनल सीईओ निर्देशक शर्मा का कहना है कि "किसानों की समस्या से वरिष्ठ अधिकारियों का अवगत करा दिया गया है. जल्दी ही उनकी समस्या का समाधान करवाया जाएगा." किसान समरथ पाटीदार ने बताया कि "हमारी समस्या का समाधान ना तो प्रशासन ने किया और ना ही जनप्रतिनिधियों ने. दोपहर से जल सत्याग्रह पर बैठे हैं लेकिन समस्या का समाधान किए बिना ही अधिकारी वापस चले गए."

रतलाम: हतनारा गांव में किसान जल सत्याग्रह पर बैठ गए हैं. हतनारा गांव के किसानों की समस्या है कि उनको खेत पर जाने का रास्ता नहीं बचा है. बारिश के दौरान कूड़ेल नदी के फैलाव की वजह से रास्ता बंद हो गया है और रास्ते की जमीन का कटाव भी हो चुका है. जिसके कारण किसान अपने खेत पर नहीं जा पा रहे हैं. वहीं ,किसानों की पकी हुई फसल खराब हो रही हैं. किसानों का आरोप है कि प्रशासन से कई बार गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

रतलाम में किसानों का जल सत्याग्रह रात में भी जारी (ETV Bharat)

प्रशासन से कई बार लगा चुके हैं गुहार

किसानों का कहना है कि कई बार जिला प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं. इसके बाद भी जब समस्या का समाधान नहीं मिला तो जल सत्याग्रह शुरू कर दिया. किसान बुधवार दोपहर से रात होने तक जल सत्याग्रह कर रहे हैं. किसानों के जल सत्याग्रह किए जाने की जानकारी मिलने पर मांगरोल चौकी प्रभारी आनंद बागवान और एडिशनल सीईओ निर्देशक शर्मा मौके पर पहुंचे लेकिन किसान कलेक्टर द्वारा नदी पर पुल बनवाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. उनका कहना है कि जब तक कलेक्टर आकर उन्हें लिखित आश्वासन नहीं देते हैं तब तक वह जल सत्याग्रह पर ही रहेंगे.

किसान नहीं पहुंच पाते खेत

यह मामला रतलाम-खाचरोद रोड पर स्थित हतनारा गांव का है. जहां के करीब 100 से अधिक किसानों की जमीन कूड़ेल नदी के किनारे पर है. बारिश के मौसम में नदी के पानी की वजह से रास्ता खराब हो जाता, जिसकी वजह से बारिश के मौसम में किसानों का खेत पर जाने का रास्ता बंद हो जाता है. किसान लंबे समय से जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से रास्ते और पुलिया बनाए जाने की मांग करते रहे हैं. लेकिन किसानों की वर्षों से कोई सुनवाई नहीं हुई. जिससे परेशान होकर किसानों ने अब जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है.

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किसानों से मिलने पहुंचे सीईओ

नदी में सत्याग्रह पर बैठे किसानों से मिलने जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ निर्देशक शर्मा पहुंचे लेकिन बात नहीं बनी. किसानों ने एडिशनल सीईओ को वापस लौटा दिया. किसानों की मांग है कि कलेक्टर उन्हें लिखित में उनकी समस्या का समाधान करने का आश्वासन दे. जिला पंचायत एडिशनल सीईओ निर्देशक शर्मा का कहना है कि "किसानों की समस्या से वरिष्ठ अधिकारियों का अवगत करा दिया गया है. जल्दी ही उनकी समस्या का समाधान करवाया जाएगा." किसान समरथ पाटीदार ने बताया कि "हमारी समस्या का समाधान ना तो प्रशासन ने किया और ना ही जनप्रतिनिधियों ने. दोपहर से जल सत्याग्रह पर बैठे हैं लेकिन समस्या का समाधान किए बिना ही अधिकारी वापस चले गए."

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