रतलाम: रतलाम के विरियाखेड़ी क्षेत्र में दारुल उलूम गुलशन फातिमा मदरसे पर जांच के लिए प्रशासन के साथ महिला बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग की टीम पहुंची. जांच के दौरान विभाग ने मदरसे में अनियमितता पाई. वहीं, मदरसा संचालक ने खुद बिना अनुमति के मदरसा और हॉस्टल चलाने की बात स्वीकार की है. बताया जा रहा है कि धार्मिक शिक्षा के लिए यहां बालिकाओं का एडमिशन कराया गया था. जहां 5 कमरों के हॉस्टल में 32 बालिकाएं वर्तमान में रह रही थी, जबकि कुल 44 बालिकाओं का एडमिशन मदरसे में बताया गया.
शहर में संचालित मदरसों की जांच
बीते दिनों मध्य प्रदेश बाल आयोग की सदस्य डॉ. निरुपमा शर्मा ने खाचरोद रोड स्थित एक मदरसे का निरीक्षण किया था. जिसमें अनियमितता और बिना अनुमति हॉस्टल संचालित करने का जिक्र निरीक्षण रिपोर्ट में किया गया था. इसके बाद अब जिला प्रशासन, महिला बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम ने शहर में संचालित हो रहे मदरसे और हॉस्टल की जांच की है. इस दौरान विरियाखेड़ी क्षेत्र में दारुल उलूम गुलशन फातिमा मदरसे में वर्तमान में 32 बालिकाएं पाई गई, जिसमें 8 वर्ष से 16 वर्ष तक की बच्चियां शामिल हैं.
मदरसे में दी जा रही है धार्मिक शिक्षा
बताया गया कि मदरसा संचालक शाहीद रजा मदरसा से संबंधित कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके और न ही बालिकाओं के स्कूल एडमिशन के बारे में संतोषजनक जानकारी नहीं दे सके. महिला बाल विकास की टीम ने मदरसे में मौजूद बच्चियों से बात की और भोजन एवं अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली. मदरसा संचालक शाहीद रजा ने बताया कि "44 लड़कियों का एडमिशन यहां पर है. जिनमें से 32 बालिका वर्तमान में यहां धार्मिक शिक्षा ले रही हैं. इस दौरान उन्होंने मदरसा संचालन के परमिशन नहीं होने और इसकी अनुमति के लिए आवेदन प्रक्रिया में होने की बात कही.
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कलेक्टर को सौंपा रिपोर्ट
महिला बाल विकास, शिक्षा विभाग और प्रशासन की टीम ने निरीक्षण करने के बाद मौके पर पाए गए अनियमितताओं का रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर को सौंप दिया है. इसके बाद अवैध रूप संचालित हो रहे मदरसों और हॉस्टलों पर प्रशासन की कार्रवाई हो सकती है.