ETV Bharat / state

कहीं इतिहास के पन्नों में दफन न हो जाए रतलाम का पुरातत्व संग्रहालय 'गुलाब चक्कर' - Ratlam historical heritage - RATLAM HISTORICAL HERITAGE

रतलाम जिले का एकमात्र पुरातत्व संग्रहालय गुलाब चक्कर पिछले 3 साल से जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण होने के इंतजार में है. बदहाल स्थिति में पहुंचे इस संग्रहालय में रखी छठी से 11वीं शताब्दी तक की प्राचीन मूर्तियां एक कमरे में बंद हैं. कुछ मूर्तियां परिसर में बिखरी पड़ी हैं. जीर्णोद्धार कार्य महीनों से बंद है. शहर की ये ऐतिहासिक धरोहर अपना अस्तित्व खोती जा रही है.

Ratlam historical heritage
रतलाम जिले का एकमात्र पुरातत्व संग्रहालय गुलाब चक्कर (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 20, 2024, 8:23 AM IST

रतलाम। रतलाम जिले के झर, रिंगनोद और राजपुरा क्षेत्र से मिली प्राचीन प्रतिमाओं और कलाकृतियों को सहेज कर गुलाब चक्कर स्थित संग्रहालय में रखा गया था. वहीं रतलाम राजवंश और अंग्रेज काल के दौरान की पुरानी वस्तुओं को भी इस संग्रहालय में रखा गया. लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते कई बार चोरी की घटनाओं के कारण संग्रहालय में केवल प्राचीन प्रतिमाएं ही रह गईं . इसमे भगवान विष्णु, गणेश, भूदेवी और देवी-देवताओं की छठी से लेकर 11 वीं शताब्दी तक की प्राचीन दुर्लभ प्रतिमाएं शामिल हैं.

जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण होने के इंतजार में रतलाम का गुलाब चक्कर (ETV BHARAT)

बीते 3 साल से केवल कागजों में जीर्णोद्धार के दावे

यहां प्राचीन मूर्तियां और वस्तुओं के लिए बनाया गया संग्रहालय अब इतिहास की बात हो चुका है. 3 वर्ष पूर्व जीर्णोद्धार के नाम पर संग्रहालय में रखी सभी ऐतिहासिक धरोहर और मूर्ति हटाकर पुराने कलेक्ट्रेट के कमरे में ताला बंद कर दी गईं. 2021 में जीर्ण-शीर्ण हालत में पहुंच चुके गुलाब चक्कर संग्रहालय के जीर्णोद्धार की योजना स्थानीय प्रशासन द्वारा बनाई गई. इसके बाद यहां से प्राचीन मूर्तियों को हटा दिया गया. निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्लूडी को दी गई. लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग का नाकारापन ऐसा कि निर्माण राशि जारी होने के 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी गुलाब चक्कर के जीर्णोद्धार पूरा नहीं हुआ. गुलाब चक्कर की जर्जर हालत जस की तस बनी हुई है. उजाड़ पड़े गुलाब चक्कर में आवारा तत्वों का जमावड़ा बना रहता है. रात में यहां जाम भी छलकते हैं.

Ratlam historical heritage
खुले में पड़ी हैं प्राचीन प्रतिमाएं (ETV BHARAT)

न नगर निगम को सुध और न पुरातत्व विभाग को

संग्रहालय में छठी और 11वीं शताब्दी की मूर्तियां वर्षों से रखी हुईं थीं, जिस पर स्थानीय प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा था. यहां रखी मूर्तियां कबाड़ में तब्दील होती गई. जिससे प्राचीन और दुर्लभ किस्म की प्रतिमाओं और सामान की चोरी भी होने लगी. पुरातात्विक महत्व की कुछ बहुमूल्य वस्तुएं इस संग्रहालय से गायब हो चुकी हैं. गुलाब चक्कर स्थित बगीचे की देखभाल और व्यवस्था नगर निगम के हाथों में थी, वहीं इस संग्रहालय की व्यवस्था पुरातत्व विभाग के पास है, जिसकी वजह से दोनों संस्थाओं में सामंजस्य नहीं होने से संग्रहालय लंबे समय से बदहाली में रहा.

प्राचीन मूर्तियां एक कमरे में कैद

वर्ष 2017 में तत्कालीन कलेक्टर बी.चंद्रशेखर ने गुलाब चक्कर और संग्रहालय को आम जनता के लिए शुरू करने के प्रयास किया था, लेकिन उसके बाद इस संग्रहालय पर ताले ही लगे रहे. 2019-20 एवं 21 में अलग-अलग कलेक्टरों ने इसके जीर्णोद्धार के लिए पहल की. जिसके बाद वर्ष 21- 22 में यहां से प्राचीन मूर्तियों को हटाकर एक कमरे में सुरक्षित रखा गया. पीडब्ल्यूडी को निर्माण एजेंसी बनाया गया और जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हुआ.

ये खबरें भी पढ़ें...

आंधी तूफान से धराशायी हो गया शिव मंदिर का मुख्य द्वार, पुरातत्व विभाग की लापरवाही उजागर

बुंदेलखंड में ऐसा प्राचीन शिव मंदिर जहां महिलाएं प्रवेश नहीं करती, पुरातत्व विभाग ने किया संरक्षित स्मारक घोषित

पीडब्ल्यूडी का तर्क - काम के लिए पर्याप्त राशि नहीं मिली

इस बारे में परियोजना अधिकारी डूडा अशोक कुमार पाठक का कहना है "पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा इसके जीर्णोद्धार के लिए 25 लाख रुपए की राशि ली गई थी. कार्य पूर्ण नहीं होने के जवाब में पीडब्ल्यूडी ईई द्वारा निर्माण राशि कम पड़ जाने की दलील दी गई. हालांकि इसके लिए अतिरिक्त राशि का मांग पत्र एवं प्राक्कलन अभी तक पीडब्ल्यूडी विभाग ने जिला प्रशासन को नहीं दिया है. फिर से काम शुरू कराया जाएगा."

रतलाम। रतलाम जिले के झर, रिंगनोद और राजपुरा क्षेत्र से मिली प्राचीन प्रतिमाओं और कलाकृतियों को सहेज कर गुलाब चक्कर स्थित संग्रहालय में रखा गया था. वहीं रतलाम राजवंश और अंग्रेज काल के दौरान की पुरानी वस्तुओं को भी इस संग्रहालय में रखा गया. लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते कई बार चोरी की घटनाओं के कारण संग्रहालय में केवल प्राचीन प्रतिमाएं ही रह गईं . इसमे भगवान विष्णु, गणेश, भूदेवी और देवी-देवताओं की छठी से लेकर 11 वीं शताब्दी तक की प्राचीन दुर्लभ प्रतिमाएं शामिल हैं.

जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण होने के इंतजार में रतलाम का गुलाब चक्कर (ETV BHARAT)

बीते 3 साल से केवल कागजों में जीर्णोद्धार के दावे

यहां प्राचीन मूर्तियां और वस्तुओं के लिए बनाया गया संग्रहालय अब इतिहास की बात हो चुका है. 3 वर्ष पूर्व जीर्णोद्धार के नाम पर संग्रहालय में रखी सभी ऐतिहासिक धरोहर और मूर्ति हटाकर पुराने कलेक्ट्रेट के कमरे में ताला बंद कर दी गईं. 2021 में जीर्ण-शीर्ण हालत में पहुंच चुके गुलाब चक्कर संग्रहालय के जीर्णोद्धार की योजना स्थानीय प्रशासन द्वारा बनाई गई. इसके बाद यहां से प्राचीन मूर्तियों को हटा दिया गया. निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्लूडी को दी गई. लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग का नाकारापन ऐसा कि निर्माण राशि जारी होने के 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी गुलाब चक्कर के जीर्णोद्धार पूरा नहीं हुआ. गुलाब चक्कर की जर्जर हालत जस की तस बनी हुई है. उजाड़ पड़े गुलाब चक्कर में आवारा तत्वों का जमावड़ा बना रहता है. रात में यहां जाम भी छलकते हैं.

Ratlam historical heritage
खुले में पड़ी हैं प्राचीन प्रतिमाएं (ETV BHARAT)

न नगर निगम को सुध और न पुरातत्व विभाग को

संग्रहालय में छठी और 11वीं शताब्दी की मूर्तियां वर्षों से रखी हुईं थीं, जिस पर स्थानीय प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा था. यहां रखी मूर्तियां कबाड़ में तब्दील होती गई. जिससे प्राचीन और दुर्लभ किस्म की प्रतिमाओं और सामान की चोरी भी होने लगी. पुरातात्विक महत्व की कुछ बहुमूल्य वस्तुएं इस संग्रहालय से गायब हो चुकी हैं. गुलाब चक्कर स्थित बगीचे की देखभाल और व्यवस्था नगर निगम के हाथों में थी, वहीं इस संग्रहालय की व्यवस्था पुरातत्व विभाग के पास है, जिसकी वजह से दोनों संस्थाओं में सामंजस्य नहीं होने से संग्रहालय लंबे समय से बदहाली में रहा.

प्राचीन मूर्तियां एक कमरे में कैद

वर्ष 2017 में तत्कालीन कलेक्टर बी.चंद्रशेखर ने गुलाब चक्कर और संग्रहालय को आम जनता के लिए शुरू करने के प्रयास किया था, लेकिन उसके बाद इस संग्रहालय पर ताले ही लगे रहे. 2019-20 एवं 21 में अलग-अलग कलेक्टरों ने इसके जीर्णोद्धार के लिए पहल की. जिसके बाद वर्ष 21- 22 में यहां से प्राचीन मूर्तियों को हटाकर एक कमरे में सुरक्षित रखा गया. पीडब्ल्यूडी को निर्माण एजेंसी बनाया गया और जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हुआ.

ये खबरें भी पढ़ें...

आंधी तूफान से धराशायी हो गया शिव मंदिर का मुख्य द्वार, पुरातत्व विभाग की लापरवाही उजागर

बुंदेलखंड में ऐसा प्राचीन शिव मंदिर जहां महिलाएं प्रवेश नहीं करती, पुरातत्व विभाग ने किया संरक्षित स्मारक घोषित

पीडब्ल्यूडी का तर्क - काम के लिए पर्याप्त राशि नहीं मिली

इस बारे में परियोजना अधिकारी डूडा अशोक कुमार पाठक का कहना है "पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा इसके जीर्णोद्धार के लिए 25 लाख रुपए की राशि ली गई थी. कार्य पूर्ण नहीं होने के जवाब में पीडब्ल्यूडी ईई द्वारा निर्माण राशि कम पड़ जाने की दलील दी गई. हालांकि इसके लिए अतिरिक्त राशि का मांग पत्र एवं प्राक्कलन अभी तक पीडब्ल्यूडी विभाग ने जिला प्रशासन को नहीं दिया है. फिर से काम शुरू कराया जाएगा."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.