भोपाल: मध्य प्रदेश में सोयाबीन की एमएसपी को लेकर सोशल मीडिया पर चलाई गई एक मुहिम अब ट्रेंड कर रही है. वहीं, कई जगह पर यह मुहिम अब आंदोलन का रूप भी लेने जा रही है. सोयाबीन के दाम ₹6000 प्रति क्विंटल किए जाने की मांग सोशल मीडिया पर सोयाबीन उत्पादक किसान कर रहे है. किसानों का कहना है कि वर्तमान में सोयाबीन 3800 से 4300 रुपए प्रति क्विंटल तक ही बिक रहा है. यदि सोयाबीन के दाम इसी तरह कम बने रहे तो किसानों की लागत भी नहीं निकल पाएगी.
सोशल मीडिया पर अपील
रतलाम में कुछ किसानों द्वारा सोयाबीन के दाम 6000 रुपए तक बढ़ाए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर अपील की गई थी. इसके बाद यह मुहिम लगातार ट्रेंड कर रही है. पहले धार और उसके बाद खाचरोद में भी किसानों ने बकायदा रथ यात्रा निकाल कर सोयाबीन ₹6000 प्रति क्विंटल पर खरीद किए जाने की मांग की गई है.
मंदसौर में खड़ी फसल पर चलाया रोटावेटर
दरअसल, सोया प्रदेश के नाम से मशहूर मध्य प्रदेश में सोयाबीन उत्पादक किसानों की बदहाली की तस्वीर मंदसौर से सामने आई थी. जहां पर कम दाम मिलने पर निराश किसानों ने अपनी खेत में खड़ी फसल पर रोटावेटर चला दिया था. इसके बाद रतलाम के किसानों ने सोशल मीडिया पर सोयाबीन के न्यूनतम दम ₹6000 प्रति क्विंटल किए जाने की मांग मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से की थी. धीरे-धीरे यह मुहिम सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगी. इसे लेकर रील और कई पोस्ट अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे हैं. धार, उज्जैन के खाचरोद और रतलाम के नामली में अब किसानों ने प्रदर्शन भी किए हैं.
पंजाब के किसानों की तरह सोशल मीडिया पर बना रही रणनीति
रतलाम में सोयाबीन उत्पादक किसान और किसान नेताओं ने ईटीवी भारत से चर्चा में बताया कि, "अभी सोशल मीडिया पर यह मांग राज्य सरकार और केंद्र सरकार से रखी गई है. वहीं, सोशल मीडिया पर आगे की रणनीति के लिए किसानों के ग्रुप भी बन चुके हैं. इसमें आने वाले दिनों में अलग-अलग जगह पर किसान ज्ञापन और आवेदन देकर सरकार से सोयाबीन की एमएसपी ₹6000 प्रति क्विंटल किए जाने की मांग करेंगे. समस्या का समाधान नहीं होने पर अगले चरण में किसान प्रदर्शन और आंदोलन के लिए सड़क पर भी उतर सकते हैं. एमपी में भी किसानों ने पंजाब के किसानों के आंदोलन की तरह सोशल मीडिया से आंदोलन की शुरुआत की है.''
एक बीघा में सोयाबीन की लागत और मिलने वाला उत्पादन
सोयाबीन की एमएसपी ₹6000 प्रति क्विंटल की मांग के पीछे किसानों का तर्क है कि एक बीघा में सोयाबीन के उत्पादन के लिए 10 हजार रुपए का खर्च आता है. वहीं, अब सोयाबीन का एवरेज उत्पादन मात्र तीन क्विंटल प्रति बीघा ही रह गया है. ऐसे में यदि किसानों को 4000-4300 तक के ही दाम मिलेंगे तो सोयाबीन फायदे की खेती कैसे हो सकती है. बहरहाल सोशल मीडिया पर सोयाबीन की एमएसपी को लेकर मुहिम अब लगातार ट्रेंड कर रही है. वहीं, आने वाले दिनों में किसानों की यह मांग जोर पकड़ती हुई नजर आ रही है. किसान अब सड़क पर भी उतरकर सोयाबीन के दाम ₹6000 प्रति क्विंटल किए जाने की मांग राज्य और केंद्र सरकार से करने के मूड में हैं.