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'गुलाब चक्कर' की सुंदरता में लगेंगे चार चांद, ईटीवी भारत ने दिखाया आईना तो दौड़े चले आए कलेक्टर - Ratlam Gulab Chakkar musem - RATLAM GULAB CHAKKAR MUSEM

रतलाम के पुरातत्व संग्रहालय गुलाब चक्कर के अच्छे दिन आने वाले हैं. संग्रहालय के खस्ता हालत की खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन जागा और मंगलवार को कलेक्टर ने इसका निरीक्षण किया. साथ ही संग्रहालय में अधूरे पड़े कार्य की रिपोर्ट ली.

RATLAM COLLECTOR INSPECTED MUSEUM
रतलाम कलेक्टर ने गुलाब चक्कर संग्रहालय का किया निरीक्षण (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 24, 2024, 1:35 PM IST

रतलाम: धीरे-धीरे अस्तित्व खो रहे रतलाम जिले के एकमात्र पुरातत्व संग्रहालय गुलाब चक्कर के दिन अब बदलने वाले हैं. ईटीवी भारत द्वारा गुलाब चक्कर की बदहाली की ग्राउंड रिपोर्ट दिखाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने इसकी सुध ली है. मंगलवार को कलेक्टर राजेश बाथम खुद गुलाब चक्कर का निरीक्षण करने पहुंचे और निर्माण एजेंसी पीडबल्यूडी के अधिकारियों को जीर्णोद्धार का कार्य जल्दी खत्म करने के निर्देश दिए. कलेक्टर ने इसके लिए अतिरिक्त बजट की व्यवस्था किए जाने की बात भी कही है. कलेक्टर के निरीक्षण के बाद इस ऐतिहासिक धरोहर का पुराना वैभव वापस मिलने की उम्मीद बनी है.

गुलाब चक्कर संग्रहालय का जीर्णोद्धार कार्य अधूरा

गौरतलब है कि, गुलाब चक्कर बीते 3 वर्षों से जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण होने के इंतजार में है. संग्रहालय में रखी हुई छठी शताब्दी से 11वीं शताब्दी तक की प्राचीन मूर्तियां एक कमरे में बंद हैं. वहीं, कई मूर्तियां लावारिस हालत में गुलाब चक्कर के आसपास बिखरी पड़ी हैं. ईटीवी भारत ने जर्जर हो चुके गुलाब चक्कर की खबर प्रमुखता के साथ दिखाई थी. जिसे लेकर अब जिला प्रशासन एक्टिव हुआ है.

संग्रहालय का कलेक्टर ने किया निरीक्षण

शहर की इस प्राचीन विरासत का जीर्णोद्धार जल्दी करवाने के निर्देश अब कलेक्टर ने दिए हैं. कलेक्टर राजस्व कार्यालयों के निरीक्षण के लिए पुराने कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. जिसके बाद कलेक्टर राजेश बाथम ने गुलाब चक्कर का निरीक्षण भी किया. इस दौरान कलेक्टर ने गुलाब चक्कर के जीर्णोद्धार में हो रही लेट लतीफी के बारे में जानकारी ली. साथ ही पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को अतिरिक्त फंड के लिए जल्दी प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए.

यहां पढ़ें...

कहीं इतिहास के पन्नों में दफन न हो जाए रतलाम का पुरातत्व संग्रहालय 'गुलाब चक्कर'

एमपी के पहले ट्राइबल म्यूजियम में बजट का टोटा, 7 साल में भी नहीं हुआ काम पूरा,डेढ़ गुना बढ़ी लागत

सरकारी लेट लतीफी के भेंट चढ़ा संग्रहालय

पुराने कलेक्ट्रेट के पास स्थित इस पुरातात्विक महत्व की धरोहर में जिले के अलग-अलग स्थान से खुदाई में प्राप्त हुई प्राचीन मूर्तियां रखी गई थीं. इसे संग्रहालय के तौर पर विकसित करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन इसका जीर्णोद्धार का कार्य 2021-22 में शुरू होकर सरकारी लेट लतीफ की भेंट चढ़ गया. वहीं, यहां रखी गई बेशकीमती प्राचीन मूर्तियां भी खुले में यहां वहां बिखरी पड़ी हुई हैं.

रतलाम: धीरे-धीरे अस्तित्व खो रहे रतलाम जिले के एकमात्र पुरातत्व संग्रहालय गुलाब चक्कर के दिन अब बदलने वाले हैं. ईटीवी भारत द्वारा गुलाब चक्कर की बदहाली की ग्राउंड रिपोर्ट दिखाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने इसकी सुध ली है. मंगलवार को कलेक्टर राजेश बाथम खुद गुलाब चक्कर का निरीक्षण करने पहुंचे और निर्माण एजेंसी पीडबल्यूडी के अधिकारियों को जीर्णोद्धार का कार्य जल्दी खत्म करने के निर्देश दिए. कलेक्टर ने इसके लिए अतिरिक्त बजट की व्यवस्था किए जाने की बात भी कही है. कलेक्टर के निरीक्षण के बाद इस ऐतिहासिक धरोहर का पुराना वैभव वापस मिलने की उम्मीद बनी है.

गुलाब चक्कर संग्रहालय का जीर्णोद्धार कार्य अधूरा

गौरतलब है कि, गुलाब चक्कर बीते 3 वर्षों से जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण होने के इंतजार में है. संग्रहालय में रखी हुई छठी शताब्दी से 11वीं शताब्दी तक की प्राचीन मूर्तियां एक कमरे में बंद हैं. वहीं, कई मूर्तियां लावारिस हालत में गुलाब चक्कर के आसपास बिखरी पड़ी हैं. ईटीवी भारत ने जर्जर हो चुके गुलाब चक्कर की खबर प्रमुखता के साथ दिखाई थी. जिसे लेकर अब जिला प्रशासन एक्टिव हुआ है.

संग्रहालय का कलेक्टर ने किया निरीक्षण

शहर की इस प्राचीन विरासत का जीर्णोद्धार जल्दी करवाने के निर्देश अब कलेक्टर ने दिए हैं. कलेक्टर राजस्व कार्यालयों के निरीक्षण के लिए पुराने कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. जिसके बाद कलेक्टर राजेश बाथम ने गुलाब चक्कर का निरीक्षण भी किया. इस दौरान कलेक्टर ने गुलाब चक्कर के जीर्णोद्धार में हो रही लेट लतीफी के बारे में जानकारी ली. साथ ही पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को अतिरिक्त फंड के लिए जल्दी प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए.

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सरकारी लेट लतीफी के भेंट चढ़ा संग्रहालय

पुराने कलेक्ट्रेट के पास स्थित इस पुरातात्विक महत्व की धरोहर में जिले के अलग-अलग स्थान से खुदाई में प्राप्त हुई प्राचीन मूर्तियां रखी गई थीं. इसे संग्रहालय के तौर पर विकसित करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन इसका जीर्णोद्धार का कार्य 2021-22 में शुरू होकर सरकारी लेट लतीफ की भेंट चढ़ गया. वहीं, यहां रखी गई बेशकीमती प्राचीन मूर्तियां भी खुले में यहां वहां बिखरी पड़ी हुई हैं.

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