बिलासपुर: राज्य सरकार ने प्रदेश में चल रहे राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड को अपडेट कर बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पिछली सरकार ने भी सत्ता में काबिज होते ही राशन कार्ड बदला था. मुख्यमंत्री सहित खाद्य मंत्री की फोटो लगाई थी. अब वर्तमान की भाजपा सरकार भी यही काम करने जा रही है. हर 5 साल में राशन कार्ड को बदलकर करोड़ों रुपए सरकार की ओर से बर्बाद किया जाता है.
राशन कार्ड को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू: बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में इस समय राशन कार्ड को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके बाद यह प्रक्रिया पूरी होने पर नए राशन कार्ड बनाए जाएंगे. नए राशन कार्ड शासन स्तर पर तैयार किए जाएंगे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री अरुण साव की फोटो लगी होगी. इसमें राज्य शासन सहित केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी रहेगी.
कार्ड नवीनीकरण में खर्च होंगे करोड़ों रुपए: बिलासपुर में भी सरकार बदलने के बाद कई चीजों में बदलाव हो रहा है. इसी में एक बदलाव राशन कार्ड नवीनीकरण भी है. अब जिले में फिर नए राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शासन स्तर पर शुरू कर दी गई है. राशन कार्ड में पिछली सरकार के मुख्यमंत्री और खाद्य मंत्री की फोटो हटाकर भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की फोटो लगाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. अगर सरकार बगैर फोटो वाली राशन कार्ड जारी करे तो सरकार परिवर्तन के बाद भी सरकारी पैसे खर्च नहीं होंगे.
जानिए क्या कहते हैं जानकार: हर बार सरकार बदलने पर आम जनता की गाढ़ी कमाई से लिए टैक्स के पैसे बचाए जा सकते हैं. ये पैसा विकास कार्य के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. मामले में राजनीति और आर्थिक जानकार अनिल तिवारी से ईटीवी भारत ने बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि, "आम जनता की मेहनत की कमाई से सरकार को टैक्स मिलता है. यह टैक्स जनता और देश के विकास के लिए खर्च करना चाहिए, ना कि अपने आप को चमकाने और फोटो छपवा कर जनता को दिखाने के लिए. जिस तरह से राजनीतिक दल अपने नेताओं की फोटो छाप कर शासकीय पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं, इसे बंद कर देना चाहिए. इसके लिए संसद में एक कानून पास होना चाहिए, जिसमें राष्ट्रीय चिन्ह सभी शासकीय दस्तावेजों पर होना चाहिए. ताकि बार बार सत्ता परिवर्तन के बाद कार्ड बदलवाने की समस्या न हो."
बता दें कि छत्तीसगढ़ में इस समय जिस तरह से राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड बदलने की प्रक्रिया शुरू की गई है, इसमें 100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा खर्च होंगे. ऐसे में यह पैसे 5 साल में व्यर्थ भी हो जाएंगे. यदि भाजपा की सरकार बदल जाएगी तो कांग्रेस की सरकार फिर यही काम करेगी. राजनीतिक जानकार का भी कहना है कि इसके लिए कानून बनना चाहिए. साथ ही राष्ट्रीय चिन्ह के अलावा व्यक्ति विशेष की फोटो किसी भी शासकीय दस्तावेजों में नहीं होने से बार-बार दस्तावेज बदलना नहीं पड़ेगा.