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शुक्र का मेष राशि में प्रवेश से इन राशियों में आएगा उतार चढ़ाव - Rashifal 2024

वैदिक ज्योतिष परंपरा में शुक्र को वैभव और विलासिता का कारक माना गया है. शुक्र ग्रह अपनी राशि, उच्च राशि व मित्र राशि में स्थित होने पर धन, समृद्धि, आकर्षण, सुंदरता, प्रेम, पारिवारिक संबंध और जीवन में संतुष्टि को दर्शाते हैं. गोचर में अलग-अलग समय पर ग्रह अलग-अलग राशि में विचरण करते हैं. 25 अप्रैल को रात्रि 12:07 पर शुक्र अपनी उच्च राशि मीन से शत्रु राशि मेष में प्रवेश करेंगे तथा 18 मई 2024 तक रहेंगे.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 24, 2024, 6:15 AM IST

Rashifal 2024
Rashifal 2024

बीकानेर. हर व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटना ग्रह के प्रभाव से होती है. ज्योतिष गणना के हिसाब से हर ग्रह की वैदिक ज्योतिष परंपरा में शुक्र को वैभव और विलासिता का कारक माना गया है. शुक्र के प्रतिकूल राशि में प्रवेश के कारण आपसी प्रेम अथवा सामाजिक सौहार्द में कमी, विलासिता पूर्वक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि और स्त्रियों से संबंधित विषयों पर सामाजिक उदासीनता रह सकती है. शुक्र के मेष राशि में प्रवेश पर विभिन्न राशियों में अलग-अलग प्रभाव दृष्टिगोचर हो सकता है.

मित्र राशि में फल : शुक्र ग्रह अपनी राशि, उच्च राशि व मित्र राशि में स्थित होने पर धन, समृद्धि, आकर्षण, सुंदरता, प्रेम, पारिवारिक संबंध और जीवन में संतुष्टि को दर्शाते हैं. इसके अतिरिक्त प्रबल शुक्र संगीत, डिजाइनिंग, मीडिया, फैशन जगत, फिल्मी दुनिया, गहने, कीमती पत्थर, मेकअप, सुरुचिपूर्ण भोजन व आमोद प्रमोद का कारक होता है.

पढ़ें : जानिए कैसा बीतेगा अप्रैल का अंतिम सप्ताह - Weekly Rashifal 21 April

शत्रु राशि में फल : इसके विपरीत शुक्र ग्रह के शत्रु राशि, नीच राशि व अशुभ ग्रहों के साथ युति होने पर प्रेम प्रसंग में विफलता, वैवाहिक जीवन में अड़चन, विलासिता में कमी, शारीरिक व मानसिक कष्ट, निम्न स्तरीय जीवन, पत्नी स्वास्थ्य में गिरावट, धन हानि, यौन अंगों में कमजोरी होती है.

मेष : आत्मछवि में सुधार हेतु प्रयासों की अधिकता, व्यय में कमी किन्तु मानसिक पीड़ा में वृद्धि के संकेत मिलते हैं.

वृषभ: व्यय की अधिकता अथवा व्यापार में हानि, लंबी दूरी की यात्रा की इच्छा, आमोद प्रमोद के अवसर में बढ़ोतरी होगी.

मिथुन: आय में वृद्धि हेतु प्रयासों की अधिकता, संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी, बड़े भाई/बहन संबंधी चिंता या उनसे मतभेद हो सकते हैं.

कर्क: रोजगार अथवा नौकरी में पदोन्नति हेतु प्रयासों की अधिकता, सामाजिक प्रतिष्ठा को लेकर असंतुष्टि, पिता अथवा उच्च अधिकारियों से संबंधित चिंता या उनसे मतभेद, कार्यस्थल पर अधिक ऊर्जा का व्यय होगा.

सिंह: उच्च अध्ययन हेतु प्रयासों की अधिकता, गुरुजनों के आशीर्वाद से कार्यों में सफलता, धार्मिक अनुष्ठान अथवा धार्मिक क्रियाकलाप के अवसर, नव संस्कृति से संपर्क मिलते हैं.

कन्या: नकारात्मक मानसिकता, मन में भय अथवा आशंका, भूमिगत वस्तुओं अथवा तंत्र-मंत्र की ओर रुझान में वृद्धि होगी.

तुला: जीवनसाथी अथवा मित्रों से सहयोग की अपेक्षा, व्यापारिक साझेदारी की ओर रुझान, जल मार्ग से यात्रा के अवसर, मानसिक दुर्बलता के संकेत मिलते हैं.

वृश्चिक: दैनिक क्रियाकलाप को लेकर असंतुष्टि, रोग/ऋण/शत्रु बाधा से पीड़ा, तर्क वितर्क में वृद्धि से निकट संबंधों में खटास की संभावना बन रही है.

धनु: रचनात्मक कार्यों की ओर रुझान, प्रेम प्रसंग के अवसर, संतान संबंधी चिंता या उनसे संबंधित कार्यों की अधिकता, सट्टेबाजी की मनोवृत्ति बढ़ेगी.

मकर: भूमि/मकान/वाहन के क्रय विक्रय के अवसर, माता संबंधी चिंता या उनसे मतभेद, गृहस्थान पर नवाचार की इच्छा, मन में बेचैनी हो सकती है.

कुंभ: कार्य हेतु अल्प दूरी की यात्रा के अवसर, छोटे भाई बहन अथवा अधीनस्थ से मतभेद, संप्रेषण कार्यों से लाभ होगा.

मीन: पारिवारिक कार्यों अथवा पारिवारिक जिम्मेदारी की अधिकता, नेत्र अथवा वाणी दोष, सुरुचि भोज के अवसर, स्थायी परिसंपत्ति में वृद्धि की इच्छा होगी.

बीकानेर. हर व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटना ग्रह के प्रभाव से होती है. ज्योतिष गणना के हिसाब से हर ग्रह की वैदिक ज्योतिष परंपरा में शुक्र को वैभव और विलासिता का कारक माना गया है. शुक्र के प्रतिकूल राशि में प्रवेश के कारण आपसी प्रेम अथवा सामाजिक सौहार्द में कमी, विलासिता पूर्वक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि और स्त्रियों से संबंधित विषयों पर सामाजिक उदासीनता रह सकती है. शुक्र के मेष राशि में प्रवेश पर विभिन्न राशियों में अलग-अलग प्रभाव दृष्टिगोचर हो सकता है.

मित्र राशि में फल : शुक्र ग्रह अपनी राशि, उच्च राशि व मित्र राशि में स्थित होने पर धन, समृद्धि, आकर्षण, सुंदरता, प्रेम, पारिवारिक संबंध और जीवन में संतुष्टि को दर्शाते हैं. इसके अतिरिक्त प्रबल शुक्र संगीत, डिजाइनिंग, मीडिया, फैशन जगत, फिल्मी दुनिया, गहने, कीमती पत्थर, मेकअप, सुरुचिपूर्ण भोजन व आमोद प्रमोद का कारक होता है.

पढ़ें : जानिए कैसा बीतेगा अप्रैल का अंतिम सप्ताह - Weekly Rashifal 21 April

शत्रु राशि में फल : इसके विपरीत शुक्र ग्रह के शत्रु राशि, नीच राशि व अशुभ ग्रहों के साथ युति होने पर प्रेम प्रसंग में विफलता, वैवाहिक जीवन में अड़चन, विलासिता में कमी, शारीरिक व मानसिक कष्ट, निम्न स्तरीय जीवन, पत्नी स्वास्थ्य में गिरावट, धन हानि, यौन अंगों में कमजोरी होती है.

मेष : आत्मछवि में सुधार हेतु प्रयासों की अधिकता, व्यय में कमी किन्तु मानसिक पीड़ा में वृद्धि के संकेत मिलते हैं.

वृषभ: व्यय की अधिकता अथवा व्यापार में हानि, लंबी दूरी की यात्रा की इच्छा, आमोद प्रमोद के अवसर में बढ़ोतरी होगी.

मिथुन: आय में वृद्धि हेतु प्रयासों की अधिकता, संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी, बड़े भाई/बहन संबंधी चिंता या उनसे मतभेद हो सकते हैं.

कर्क: रोजगार अथवा नौकरी में पदोन्नति हेतु प्रयासों की अधिकता, सामाजिक प्रतिष्ठा को लेकर असंतुष्टि, पिता अथवा उच्च अधिकारियों से संबंधित चिंता या उनसे मतभेद, कार्यस्थल पर अधिक ऊर्जा का व्यय होगा.

सिंह: उच्च अध्ययन हेतु प्रयासों की अधिकता, गुरुजनों के आशीर्वाद से कार्यों में सफलता, धार्मिक अनुष्ठान अथवा धार्मिक क्रियाकलाप के अवसर, नव संस्कृति से संपर्क मिलते हैं.

कन्या: नकारात्मक मानसिकता, मन में भय अथवा आशंका, भूमिगत वस्तुओं अथवा तंत्र-मंत्र की ओर रुझान में वृद्धि होगी.

तुला: जीवनसाथी अथवा मित्रों से सहयोग की अपेक्षा, व्यापारिक साझेदारी की ओर रुझान, जल मार्ग से यात्रा के अवसर, मानसिक दुर्बलता के संकेत मिलते हैं.

वृश्चिक: दैनिक क्रियाकलाप को लेकर असंतुष्टि, रोग/ऋण/शत्रु बाधा से पीड़ा, तर्क वितर्क में वृद्धि से निकट संबंधों में खटास की संभावना बन रही है.

धनु: रचनात्मक कार्यों की ओर रुझान, प्रेम प्रसंग के अवसर, संतान संबंधी चिंता या उनसे संबंधित कार्यों की अधिकता, सट्टेबाजी की मनोवृत्ति बढ़ेगी.

मकर: भूमि/मकान/वाहन के क्रय विक्रय के अवसर, माता संबंधी चिंता या उनसे मतभेद, गृहस्थान पर नवाचार की इच्छा, मन में बेचैनी हो सकती है.

कुंभ: कार्य हेतु अल्प दूरी की यात्रा के अवसर, छोटे भाई बहन अथवा अधीनस्थ से मतभेद, संप्रेषण कार्यों से लाभ होगा.

मीन: पारिवारिक कार्यों अथवा पारिवारिक जिम्मेदारी की अधिकता, नेत्र अथवा वाणी दोष, सुरुचि भोज के अवसर, स्थायी परिसंपत्ति में वृद्धि की इच्छा होगी.

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