उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर में RAS ऑफिसर तरु सुराणा की डेंगू से मौत हो गई. जानकारी में सामने है कि उनकी ज्यादा तबियत बिगड़ने पर एयरलिफ्ट कर उन्हें चेन्नई ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. बता दें कि प्रदेश भर में लगातार डेंगू से मौत के मामले बढ़ते जा रहे हैं.
एक और अधिकारी की मौत : आरएएस और पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग उदयपुर की महानिरीक्षक तरु सुराणा की चेन्नई में उपचार के दौरान मौत हो गई. तरु सुराणा बतौर उपखंड अधिकारी राजसमंद जिले के रेलमगरा व आमेट में रह चुकी हैं, जबकि प्रशिक्षणकाल भी राजसमंद में ही रहा. आरएएस तरु के निधन के बाद उदयपुर व राजसमंद जिले के कार्मिक व अधिकारियों में शोक की लहर छा गई. बताया जा रहा है कि तरु सुराणा (42 वर्ष) की तबियत बिगड़ने पर एयरलिफ्ट कर चेन्नई ले गए थे, जहां उपचार के दौरान दम तोड़ दिया.
राजस्थान में अब तक डेंगू की चपेट में आने से आरएएस के अलावा सरकारी डॉक्टर, नर्सिंग छात्रा व बिजनेसमैन सहित चार की मौत हो चुकी है. RAS तरु मूलत: उदयुपर के पंचवटी इलाके में रहती थीं. तीन भाई-बहन में वे सबसे बड़ी थीं. इनसे छोटी बहन पूजा गुजरात में जज हैं और तीसरे नंबर पर भाई शुभव हैं. तरु सुराणा की एक मिलनसार अधिकारी के रूप में पहचान रही है. तरु के छोटे भाई शुभव ने बताया कि 6 सितंबर को तेज बुखार आना शुरू हुआ था. इस पर चार दिन तक घर पर ही इलाज लिया. उसके बाद 11 सितंबर को तबियत में सुधार नहीं हुआ तो गीतांजलि हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां पर जांच में डेंगू की पुष्टि हुई.
इस पर 13 सितंबर को उन्हें गीतांजलि हॉस्पीटल में भर्ती कर लिया गया. बताया गया कि डेंगू में इनकी प्लेटलेट्स नहीं गिरी थी, लेकिन बुखार लगातार बना हुआ था. जब तबियत में सुधार नहीं हुआ तो चेन्नई के एमजीएम हॉस्पिटल के डॉक्टर्स से कॉन्टैक्ट किया. 18 सितंबर को चेन्नई एमजीएम की टीम गीताजंलि पहुंचीं और यहां से उन्हें उसी दिन एयर लिफ्ट कर चेन्नई ले गए. वहां के डॉक्टर ने जब इलाज शुरू किया तो उन्होंने बताया कि ये काफी रेयर केस है, क्योंकि डेंगू में प्लेटलेट्स गिर जाती है, जबकि तरु की प्लेटलेट्स इतनी डाउन नहीं थी. वहां पर भी करीब 17 दिन तक इलाज चला और उसके बाद 5 अक्टूबर, शनिवार को इलाज के दौरान सुबह 6 बजे तरु ने दम तोड़ दिया.