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रैपिड एक्शन फोर्स 83 बटालियन ने मनाया 39वां स्थापना दिवस, शहीदों को याद कर दी श्रद्धांजलि - RAF 39th Raising Day - RAF 39TH RAISING DAY

RAF 39th Raising Day, जयपुर के आमेर में लालवास गांव स्थित सीआरपीएफ की रैपिड एक्शन फोर्स 83 बटालियन ने शनिवार को अपना 39वां स्थापना दिवस मनाया. इस मौके पर वाहिनी के शहीद जवानों को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

RAF 39th Raising Day
RAF 83 बटालियन ने मनाया 39वां स्थापना दिवस (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 1, 2024, 9:38 PM IST

जयपुर. कारगिल युद्ध के बाद देश की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ को सौंपा गया था. सीआरपीएफ की रैपिड एक्शन फोर्स देश की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा बखूबी निभा रही है. राजधानी जयपुर के आमेर में लालवास गांव स्थित सीआरपीएफ की रैपिड एक्शन फोर्स 83 बटालियन ने शनिवार को 39वां स्थापना दिवस मनाया. इस मौके पर कमांडेंट प्रवीण कुमार सिंह ने देश सुरक्षा में वाहिनी के शहीद हुए जवानों को शहीद स्मारक पर याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की. बटालियन क्वार्टर गार्ड पर सेरेमोनियल गार्ड से सलामी ली.

कमांडेंट प्रवीण कुमार सिंह ने बटालियन के सभी कार्मिकों को वाहिनी के सुनहरे इतिहास को याद करते हुए जवानों के अदम्य साहस, देश हित में किए गए सराहनीय कार्यों के लिए प्रशंसा की. साथ ही जवानों को देश में कानून व्यवस्था को बनाए रखने में रैपिड एक्शन फोर्स की ड्यूटियों और कार्यों की सराहना करते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार से ड्यूटी का निर्वहन करने के लिए आह्वान किया. भविष्य में और अच्छी ड्यूटी करने की रणनीति पर विचार करने और देश की सेवा के लिए हर समय तैयार रहने के लिए प्रेरित किया. शाम को बड़े खाने और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया.

इसे भी पढ़ें - RAF ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, 1965 में सीआरपीएफ ने पाकिस्तानी ब्रिगेड को दी थी मात - Shaurya Diwas

रैपिड एक्शन फोर्स 83 बटालियन के कमांडेंट प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि रैपिड एक्शन फोर्स को दंगों से निपटने, समाज के बीच विश्वास पैदा करने और देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गठित किया गया था. रैपिड एक्शन फोर्स 83 बटालियन यूनिट को 39 साल पूरे हो चुके हैं. इस अवसर पर शहीदों को सबसे पहले याद किया गया. शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम और बड़े खाने का आयोजन किया. कारगिल युद्ध के बाद आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ को सौंपा गया था. हिंसा से निपटने की बात हो या अन्य किसी प्रकार के दंगों पर काबू करना हो रैपिड एक्शन फोर्स तत्परता से अपनी सेवाएं दे रही है. 1 जनवरी, 2018 को सीआरपीएफ की 83 बटालियन को रैपिड एक्शन फोर्स के रूप में कन्वर्ट कर दिया गया था.

कमांडेंट प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि रैपिड एक्शन फोर्स देश को आंतरिक खतरों से बचाने का काम कर रही है. रैपिड एक्शन फोर्स बिना समय गवाएं कम से कम समय में संकट की स्थिति में घटनास्थल पर पहुंच जाती है. सामान्य जनता के बीच तुरंत पहुंचकर उनमें विश्वास पैदा करना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना रैपिड एक्शन फोर्स की जिम्मेदारी है. जब भी देश में लॉ एंड ऑर्डर की बात आती है, तो रैपिड एक्शन फोर्स सबसे आगे आकर अपनी सेवाएं देती है. इस अवसर पर रैपिड एक्शन फोर्स 83 बटालियन के कमांडेंट प्रवीण कुमार सिंह के साथ द्वितीय कमान अधिकारी दीपक कुमार सिंह, विकेश कुमार, उप कमांडेंट सरवर खान, हरि नारायाण मीणा, पूर्णमल गुर्जर, उगमा राम समेत बटालियन के अधिकारी और जवान मौजूद रहे.

जयपुर. कारगिल युद्ध के बाद देश की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ को सौंपा गया था. सीआरपीएफ की रैपिड एक्शन फोर्स देश की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा बखूबी निभा रही है. राजधानी जयपुर के आमेर में लालवास गांव स्थित सीआरपीएफ की रैपिड एक्शन फोर्स 83 बटालियन ने शनिवार को 39वां स्थापना दिवस मनाया. इस मौके पर कमांडेंट प्रवीण कुमार सिंह ने देश सुरक्षा में वाहिनी के शहीद हुए जवानों को शहीद स्मारक पर याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की. बटालियन क्वार्टर गार्ड पर सेरेमोनियल गार्ड से सलामी ली.

कमांडेंट प्रवीण कुमार सिंह ने बटालियन के सभी कार्मिकों को वाहिनी के सुनहरे इतिहास को याद करते हुए जवानों के अदम्य साहस, देश हित में किए गए सराहनीय कार्यों के लिए प्रशंसा की. साथ ही जवानों को देश में कानून व्यवस्था को बनाए रखने में रैपिड एक्शन फोर्स की ड्यूटियों और कार्यों की सराहना करते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार से ड्यूटी का निर्वहन करने के लिए आह्वान किया. भविष्य में और अच्छी ड्यूटी करने की रणनीति पर विचार करने और देश की सेवा के लिए हर समय तैयार रहने के लिए प्रेरित किया. शाम को बड़े खाने और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया.

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रैपिड एक्शन फोर्स 83 बटालियन के कमांडेंट प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि रैपिड एक्शन फोर्स को दंगों से निपटने, समाज के बीच विश्वास पैदा करने और देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गठित किया गया था. रैपिड एक्शन फोर्स 83 बटालियन यूनिट को 39 साल पूरे हो चुके हैं. इस अवसर पर शहीदों को सबसे पहले याद किया गया. शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम और बड़े खाने का आयोजन किया. कारगिल युद्ध के बाद आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ को सौंपा गया था. हिंसा से निपटने की बात हो या अन्य किसी प्रकार के दंगों पर काबू करना हो रैपिड एक्शन फोर्स तत्परता से अपनी सेवाएं दे रही है. 1 जनवरी, 2018 को सीआरपीएफ की 83 बटालियन को रैपिड एक्शन फोर्स के रूप में कन्वर्ट कर दिया गया था.

कमांडेंट प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि रैपिड एक्शन फोर्स देश को आंतरिक खतरों से बचाने का काम कर रही है. रैपिड एक्शन फोर्स बिना समय गवाएं कम से कम समय में संकट की स्थिति में घटनास्थल पर पहुंच जाती है. सामान्य जनता के बीच तुरंत पहुंचकर उनमें विश्वास पैदा करना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना रैपिड एक्शन फोर्स की जिम्मेदारी है. जब भी देश में लॉ एंड ऑर्डर की बात आती है, तो रैपिड एक्शन फोर्स सबसे आगे आकर अपनी सेवाएं देती है. इस अवसर पर रैपिड एक्शन फोर्स 83 बटालियन के कमांडेंट प्रवीण कुमार सिंह के साथ द्वितीय कमान अधिकारी दीपक कुमार सिंह, विकेश कुमार, उप कमांडेंट सरवर खान, हरि नारायाण मीणा, पूर्णमल गुर्जर, उगमा राम समेत बटालियन के अधिकारी और जवान मौजूद रहे.

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