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नानी ने 6 साल की मासूम को भेजा यतीमखाने, फिर 9 साल तक हुई दरिंदगी का शिकार- Video - Rape of innocent child in Lucknow

राजधानी लखनऊ में एक सनसनीखेज मामला सामने (Rape of innocent child in Lucknow) आया है. बाल अधिकारी संरक्षण आयोग ने एक लड़की को रेस्क्यू किया है. रेस्क्यू की गई लड़की के साथ कई वर्षों तक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 1, 2024, 9:48 PM IST

जानकारी देतीं बाल अधिकारी संरक्षण आयोग की सदस्य सुचिता चतुर्वेदी

लखनऊ : 6 वर्ष की एक बच्ची, जिसकी मां को नशे की ऐसी लत पड़ी कि उसने अपना मानसिक संतुलन खो दिया. जिसके चलते उसके मां-बाप अलग हो गए. नानी ने उसे एक यतीमखाने में दाखिल करवा दिया. इसी बीच एक महिला ने उस बच्ची को अमीनाबाद स्थित यतीमखाने से अवैध तरीके से गोद लेकर अपने पिता को सौंप दिया. जिसके बाद मासूम के साथ वर्षों तक दरिंदगी होती रही.

किसी तरह मासूम एक दवा व्यापारी के संपर्क में आती है और फिर उसके बाद अपने साथ हुई दरिंदगी का वीडियो बनाकर पूरी बात बताती है. मामले की पूरी जानकारी बाल अधिकारी संरक्षण आयोग को लगती है. जिसके बाद मासूम जो अब 15 वर्ष की हो चुकी है उसे रेस्क्यू कर नर्क से बाहर निकाला जा सका है. लखनऊ की रहने वाली मासूम उस घर में गुजारे गए हर एक दिन को याद कर सिहर उठती है.


बाल अधिकारी संरक्षण आयोग की सदस्य सुचिता चतुर्वेदी बताती हैं कि, वर्ष 2015 में 6 वर्ष की बच्ची (पीड़िता) की मां को अचानक नशीली दवाओं की लत पढ़ गई, जिसके बाद उसके पति ने उसे छोड़ दिया. इस गम में उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया था. बच्ची की नानी ने उसकी अच्छी परवरिश हो सके, इसके लिए उसे यतीमखाने में भर्ती करा दिया. सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन, कुछ वर्ष बाद यतीमखाने में अमीनाबाद की ही रहने वाली एक महिला, जो पहले से ही शादीशुदा थी वह उसे यह कह कर यतीमखाने से ले आई कि उसके माता-पिता अब अकेले हैं वो इस बच्ची को अपनी बेटी समझकर उसका पालन पोषण करेंगे. सुचिता बताती हैं कि बिना ही किसी कागजी कार्रवाई के उस बच्ची को महिला को सौंप दिया गया.



महिला ने मासूम को अपने पिता के हवाले किया : आयोग की सदस्य के मुताबिक, आरोप है कि महिला उस 6 वर्ष की बच्ची को मुमताज यतीमखाने से लाकर अपने पिता (62) के पास छोड़ आई. जिसके बाद माता-पिता से बिछड़ चुकी उस 6 वर्ष की मासूम की जिंदगी नरक बनने जा रही थी. वर्ष 2016 से 2024 तक इन 8 वर्षों में अधेड़ आरोपी पिता ने उसके साथ हैवानियत की सभी हदें पार कर दीं. रोजाना उसने उसके साथ रेप किया. इतना ही नहीं पिता और उसका भाई भी उस बच्ची के साथ इन वर्षों में रेप करता रहा.

दवा व्यापारी को हैवानियत का वीडियो भेज मांगी मदद : आयोग की सदस्य के मुताबिक, मार्च 2024 को जब यह बच्ची 14 वर्ष की हो चुकी थी, तब एक दिन आरोपी बुजुर्ग की बीवी ने पीड़िता से उसके मोबाइल से एक दवा व्यापारी को कॉल करने के लिए कहा. बच्ची को इस नरक से निकलने का मौका दिखा और फिर उसने वह नंबर खुद एक जगह लिखकर रख लिया. मौका पाकर बच्ची ने दवा व्यापारी को मदद के लिए कॉल की. दवा व्यापारी का भाई अधिवक्ता था, लिहाजा उसने बच्ची से बात की और भरोसे के लिए उसने उसके साथ होने वाली हैवानियत का एक वीडियो भी मांगा. बच्ची ने कई प्रयासों से उसके साथ हर रोज होने वाले दुष्कर्म की वीडियो बनाई और भेज दी, जिसे देख कर वह भी हैरान रह गया.



आयोग ने रेस्क्यू कर बच्ची को नर्क से निकाला : 24 मार्च को अधिवक्ता ने राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पूरी कहानी बताई, जिसके बाद चाइल्ड लाइन और आयोग की संयुक्त टीम ने आरोपी बुजुर्ग, उसकी पत्नी, भाई, बेटी (जो यतीमखाना से बच्ची को गोद लेकर आई थी) के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई. इतना ही नहीं अब बंद हो चुके यतीमखाने के खिलाफ जांच के भी आदेश दिए गए हैं.


यह भी पढ़ें : बाल संरक्षण आयोग व CWC की नूराकुश्ती के बीच अधर में लटका 39 बच्चों को भविष्य

यह भी पढ़ें : अपनों से नाराज होकर घर छोड़ रहे हैं बच्चे, जानिए वजह

जानकारी देतीं बाल अधिकारी संरक्षण आयोग की सदस्य सुचिता चतुर्वेदी

लखनऊ : 6 वर्ष की एक बच्ची, जिसकी मां को नशे की ऐसी लत पड़ी कि उसने अपना मानसिक संतुलन खो दिया. जिसके चलते उसके मां-बाप अलग हो गए. नानी ने उसे एक यतीमखाने में दाखिल करवा दिया. इसी बीच एक महिला ने उस बच्ची को अमीनाबाद स्थित यतीमखाने से अवैध तरीके से गोद लेकर अपने पिता को सौंप दिया. जिसके बाद मासूम के साथ वर्षों तक दरिंदगी होती रही.

किसी तरह मासूम एक दवा व्यापारी के संपर्क में आती है और फिर उसके बाद अपने साथ हुई दरिंदगी का वीडियो बनाकर पूरी बात बताती है. मामले की पूरी जानकारी बाल अधिकारी संरक्षण आयोग को लगती है. जिसके बाद मासूम जो अब 15 वर्ष की हो चुकी है उसे रेस्क्यू कर नर्क से बाहर निकाला जा सका है. लखनऊ की रहने वाली मासूम उस घर में गुजारे गए हर एक दिन को याद कर सिहर उठती है.


बाल अधिकारी संरक्षण आयोग की सदस्य सुचिता चतुर्वेदी बताती हैं कि, वर्ष 2015 में 6 वर्ष की बच्ची (पीड़िता) की मां को अचानक नशीली दवाओं की लत पढ़ गई, जिसके बाद उसके पति ने उसे छोड़ दिया. इस गम में उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया था. बच्ची की नानी ने उसकी अच्छी परवरिश हो सके, इसके लिए उसे यतीमखाने में भर्ती करा दिया. सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन, कुछ वर्ष बाद यतीमखाने में अमीनाबाद की ही रहने वाली एक महिला, जो पहले से ही शादीशुदा थी वह उसे यह कह कर यतीमखाने से ले आई कि उसके माता-पिता अब अकेले हैं वो इस बच्ची को अपनी बेटी समझकर उसका पालन पोषण करेंगे. सुचिता बताती हैं कि बिना ही किसी कागजी कार्रवाई के उस बच्ची को महिला को सौंप दिया गया.



महिला ने मासूम को अपने पिता के हवाले किया : आयोग की सदस्य के मुताबिक, आरोप है कि महिला उस 6 वर्ष की बच्ची को मुमताज यतीमखाने से लाकर अपने पिता (62) के पास छोड़ आई. जिसके बाद माता-पिता से बिछड़ चुकी उस 6 वर्ष की मासूम की जिंदगी नरक बनने जा रही थी. वर्ष 2016 से 2024 तक इन 8 वर्षों में अधेड़ आरोपी पिता ने उसके साथ हैवानियत की सभी हदें पार कर दीं. रोजाना उसने उसके साथ रेप किया. इतना ही नहीं पिता और उसका भाई भी उस बच्ची के साथ इन वर्षों में रेप करता रहा.

दवा व्यापारी को हैवानियत का वीडियो भेज मांगी मदद : आयोग की सदस्य के मुताबिक, मार्च 2024 को जब यह बच्ची 14 वर्ष की हो चुकी थी, तब एक दिन आरोपी बुजुर्ग की बीवी ने पीड़िता से उसके मोबाइल से एक दवा व्यापारी को कॉल करने के लिए कहा. बच्ची को इस नरक से निकलने का मौका दिखा और फिर उसने वह नंबर खुद एक जगह लिखकर रख लिया. मौका पाकर बच्ची ने दवा व्यापारी को मदद के लिए कॉल की. दवा व्यापारी का भाई अधिवक्ता था, लिहाजा उसने बच्ची से बात की और भरोसे के लिए उसने उसके साथ होने वाली हैवानियत का एक वीडियो भी मांगा. बच्ची ने कई प्रयासों से उसके साथ हर रोज होने वाले दुष्कर्म की वीडियो बनाई और भेज दी, जिसे देख कर वह भी हैरान रह गया.



आयोग ने रेस्क्यू कर बच्ची को नर्क से निकाला : 24 मार्च को अधिवक्ता ने राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पूरी कहानी बताई, जिसके बाद चाइल्ड लाइन और आयोग की संयुक्त टीम ने आरोपी बुजुर्ग, उसकी पत्नी, भाई, बेटी (जो यतीमखाना से बच्ची को गोद लेकर आई थी) के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई. इतना ही नहीं अब बंद हो चुके यतीमखाने के खिलाफ जांच के भी आदेश दिए गए हैं.


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